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01 मई 2013

पीएसयू की भूमि पर गोदाम बनाने पर विचार

खाद्यान्न भंडारण की परेशानी से निपटने के लिए खाद्य मंत्रालय की अनूठी योजना फायदे का सौदा पीएसयू को जमीन के उपयोग से होगी अतिरिक्त आमदनी एफसीआई को गोदाम बनाने के लिए मिलेगी उपयुक्त जमीन भंडारण की गंभीर चुनौती से निजात मिलेगी सरकार को खाद्य व भारी उद्यम मंत्रालय के बीच होगी बातचीत खाद्यान्न भंडारण की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यमों का सहारा लेने की योजना बनाई है। दरअसल, भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन आने वाले सार्वजनिक उद्यमों की देशभर में खाड़ी पड़ी जमीनों पर खाद्यान्न भंडारण के लिए गोदाम बनाने का खाद्य मंत्रालय ने प्रस्ताव रखा है। देशभर में सार्वजनिक उद्यमों की अच्छी लोकेशन में खाली जमीन पड़ी है। सरकार की दिलचस्पी परिवहन के लिए सुविधाजनक लोकेशन में गोदाम बनाने की ज्यादा है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खाद्यान्न भंडारण की समस्या से निपटने के लिए मंत्रालय ने भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम का सहारा लेने की योजना बनाई है। भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन आने वाले सार्वजनिक उद्यमों की देशभर में खाड़ी पड़ी जमीनों पर खाद्यान्न भंडारण के लिए गोदाम बनाने की योजना है। इस योजना से जहां सार्वजनिक उद्यमों को अतिरिक्त आय के रूप में फायदा मिलेगा, वहीं खाद्यान्न भंडारण की समस्या को हल करने में सरकार को मदद मिलेगी। इसके लिए खाद्य मंत्रालय और भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय के सचिवों की बैठक एक मई को प्रस्तावित है। भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन लगभग 32 सार्वजनिक उद्यम आते हैं, जिनकी अलग-अलग राज्यों में काफी जमीनें खाली पड़ी हुई हैं। खाद्यान्न भंडारण के गोदाम बनाने में सबसे ज्यादा दिक्कतें जमीन अधिग्रहण की आती है। इसीलिए सरकार ने 197 लाख टन की अतिरिक्त खाद्यान्न भंडारण क्षमता बनाने के लिए निजी उद्यमी गारंटी योजना (पीईजी) स्कीम का सहारा लिया है। भारतीय खाद्य निगम के अनुसार निगम के पास 338.21 लाख टन कवर्ड और 37.49 लाख टन कैप को मिलाकर कुल 375.70 लाख टन की खाद्यान्न की भंडारण क्षमता है। इसके अलावा राज्य सरकारों के पास 194.17 लाख टन कवर्ड और 147.18 लाख टन कैप को मिलाकर देशभर में कुल खाद्यान्न भंडारण क्षमता 717.05 लाख टन (एफसीआई और राज्य सरकारों की कवर्ड और कैप को मिलाकर) की है। पहली जून 2013 को केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का स्टॉक बढ़कर 923 लाख टन होने का अनुमान है। पहली अप्रैल को केंद्रीय पूल में गेहूं और चावल का स्टॉक तय बफर मानकों से स्टॉक कई गुना ज्यादा है। चालू रबी विपणन सीजन में पहली अप्रैल को ही केंद्रीय पूल में 597.58 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद था, इसमें 354.68 लाख टन चावल और 242.07 लाख टन गेहूं है। (business Bhaskar)

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