25 मई 2013
गेहूं में खरीदारी से कमाएं मुनाफा
आर एस राणा नई दिल्ली | May 25, 2013, 01:27AM IST
फायदे की बात
: वायदा बाजार में चालू महीने में गेहूं की कीमतों में करीब 7 फीसदी की तेजी आ चुकी है
: गेहूं की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में आई कमी से पैदावार पिछले साल से कम होने की आशंका है
: उत्पादक मंडियों में गेहूं का आवक नहीं के बराबर हो रही है
: निर्यातकों की मांग को देखते हुए गेहूं की मौजूदा कीमतों में और भी 40 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने की संभावना है
निर्यातकों के साथ ही रोलर फ्लोर मिलर्स की मांग से गेहूं की कीमतों में तेजी बनी हुई है। लारेंस रोड़ पर महीने भर में गेहूं की कीमतों में करीब 100 रुपये की तेजी आकर भाव 1,580-1,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। वायदा बाजार में चालू महीने में गेहूं की कीमतों में करीब 7 फीसदी की तेजी आ चुकी है।
गेहूं की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में आई कमी से पैदावार पिछले साल से कम होने की आशंका है जबकि उत्पादक मंडियों में दाम बढऩे से सरकारी खरीद भी कम हो गई है। ऐसे में निर्यातकों की मांग से आगामी दिनों में गेहूं की मौजूदा कीमतों में और भी 40 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने की संभावना है।
एनसीडीईएक्स पर जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में चालू महीने में गेहूं की कीमतों में 7 फीसदी की तेजी आकर शुक्रवार को भाव 1,630 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि पहली मई को इसका भाव 1,523 रुपये प्रति क्विंटल था।
ब्रोकिंग फर्म इंडियाबुल्स कमोडिटी लिमिटेड के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च (कमोडिटी) बद्दरूदीन ने बताया कि गेहूं में निर्यातकों के साथ ही मिलर्स की अच्छी मांग बनी हुई है जबकि उत्पादक मंडियों में आवक कम हो गई है। निर्यातकों की मांग को देखते हुए गेहूं की मौजूदा कीमतों में और भी 40 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने की संभावना है।
श्री बालाजी फूड्स प्रोडक्ट के प्रबंधक संदीप अग्रवाल ने बताया कि चालू सीजन में गेहूं की प्रति हैक्टेयर पैदावार में कमी आई है जिसका असर गेहूं की आवक पर भी पड़ा है। यहीं कारण है कि गेहूं की सरकारी खरीद भी पिछले साल की तुलना में कम हुई है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार चालू रबी विपणन सीजन 2013-14 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक केवल 248.24 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 322.54 लाख हैक्टेयर की हो चुकी थी।
चालू रबी में सरकार ने 440 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया था लेकिन आवकों में आई गिरावट से खरीद 250 लाख टन तक ही होने की आशंका है। उत्पादक मंडियों में चालू रबी विपणन सीजन में गेहूं की आवक भी घटकर 282.41 लाख टन की ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 345.33 लाख टन की आवक हुई थी।
संदीप अग्रवाल ने बताया कि उत्पादक मंडियों में गेहूं का आवक नहीं के बराबर हो रही है। हालांकि उत्पादक मंडियों में गेहूं के दाम बढऩे से निर्यातकों को पड़ते नहीं लग रहे हैं लेकिन पहले के सौदे के भुगतान के कारण ही उनकी खरीद बनी हुई है।
इस समय निर्यातकों को गेहूं निर्यात के 304-305 डॉलर प्रति टन का भाव मिल रहा है जबकि उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1,450-1,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं की खरीद करने से इन भाव में पड़ते नहीं लग रहे हैं।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में गेहूं का उत्पादन 936.2 लाख टन होने का अनुमान है जबकि दूसरे आरंभिक अनुमान में 923 लाख टन उत्पादन का अनुमान था। (Business Bhaskar....R S Rana)
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