आर. एस. राणा
किचन गार्डन बनाने पर एक ही तरह की सब्जी ज्यादा उगने की अजीब की समस्या भी आती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जैसे किचन में रोजाना अलग-अलग सब्जियों की जरूरत होती है, उसी तरह किचन गार्डन में अलग-अलग सब्जियां उगानी चाहिए। इस तरह आपको रोजाना बदल-बदलकर सब्जियां उपलब्ध हो सकेंगी। इसके लिए यह चुनाव करना जरूरी है कि हर सब्जी के कितने बीज बोए जाएं। बढिय़ा किचन गार्डन वही है, जिसमें हर तरह की सब्जियां थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोजाना मिलती रहे। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के डिवीजन ऑफ वेजीटेबल सांइस के अध्यक्ष डॉ. प्रतीम कालिया ने बिजनेस भास्कर को बताया कि लौकी, बैंगन, तोरी, लोबिया, भिंडी और मध्यम अगेती गोभी लगाने के लिए यह उपयुक्त समय है। मानसूनी बारिश शुरू हो चुकी है इसलिए घर में किचन गार्डन या आंगन में एक या फिर दो बेल लौकी की, दो बेल तोरई की, चार-पांच पौधे बैंगन के तथा पांच-सात पौधे भिंडी के लगाए जा सकते हैं। अगर घर में जगह नहीं तो बेल वाली सब्जियों को गमले में भी लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सीजनल सब्जियों को लगाने के लिए ग्राहक प्रमाणित बीजों का ही चुनाव करें। प्रमाणित बीजों की खरीद सरकारी संस्थानों से करें। बोने से पहले बीज को फंफूदीनाशक दवा से उपचारित कर लें। इसके अलावा बुवाई से पहले खरफतवारनाशी दवाई का छिड़काव करें। साथ ही रसायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करें तथा फसल को जरूरत हो, तभी पानी दें। उन्होंने बताया कि लौकी में पूसा हाईब्रिड, पूसा समृद्धि, पूसा संदेश का चुनाव कर सकते हैं। बुवाई के 50 से 55 दिन बाद इसमें फल लगना प्रारंभ हो जाता है। इसके अलावा तोरई की फसल के लिए डीएसजी-2, पूसा सुप्रिया या फिर पूसा स्नेहा प्रजातियों का चुनाव किया जा सकता है। इसमें भी बुवाई के 50 से 55 दिन बाद पहली तुड़ाई आरंभ हो जाती है। लोबिया के लिए किसान पूसा सुकोमल प्रजाति का चुनाव कर सकते हैं। इसमें किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं लगती है तथा फल भी ज्यादा आता है। बुवाई के 40 से 45 दिन बाद इसमें फल लगना शुरू हो जाता है। डॉ. कालिया ने बताया कि बैंगन की हाईब्रिड किस्मों में हाईब्रिड-5, हाईब्रिड-6 और हाईब्रिड-9 प्रजातियों का उत्पादन अच्छा रहता है। इसके अलावा बगैर हाईब्रिड में अंकुर, पूसा शामला, पूसा उत्तम और पूसा बिंदू प्रजातियां हैं। बैंगन की हाईब्रिड किस्मों में 50 से 55 दिन बाद पहली तुड़ाई शुरू जाती है जबकि सामान्य प्रजातियों में 60 से 65 दिन बाद फल आना आरंभ हो जाता है। बीज की खरीद किसान राज्यों में स्थिति बीज निगम, आईएआरआई के बीज डिवीजन या फिर क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान, करनाल से भी कर सकते हैं। भिंडी की फसल लगाने के लिए किसान पूसा ए-4 प्रजाती का चुनाव कर सकते हैं। इसकी प्रति हैक्टेयर उत्पादकता ज्यादा है। इसके अलावा किसान मध्यम अगैती गोभी लगाने के लिए पूसा शरद या फिर पूसा हाइब्रिड-2 प्रजातियों को लगा सकते हैं। इसकी फसल 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक तैयार हो जाती है। (Buisness Bhaskar)
12 जुलाई 2011
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