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06 जुलाई 2011

एफएमसी की सख्ती पर मंत्री के हस्तक्षेप की मांग

मुंबई July 05, 2011
नैशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) के प्रमोटर कैलाश गुप्ता ने जिंस बाजार नियामक एफएमसी की सख्त कार्रवाई पर खाद्य व उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री के वी थॉमस से हस्तक्षेप की मांग की है। एफएमसी ने कई आरोप लगाते हुए गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और इसका जवाब देने को कहा था। गुप्ता से व्यक्तिगत रूप से 4 जुलाई को उपस्थित होकर जवाब देने को कहा गया था। गुप्ता ने कानूनी प्रतिनिधि को भेजा था, लेकिन एफएमसी ने इसे स्वीकार नहीं किया।मंत्री से संपर्क करने की बात पूछे जाने पर गुप्ता ने कहा - मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। उन्होंने न तो मंत्री के साथ बैठक की बात स्वीकार की और न ही इससे इनकार किया। सूत्रों ने कहा कि गुप्ता ने इस हफ्ते की शुरुआत में मंत्री से संपर्क किया था और वित्तीय अनियमितताओं के एकसमान मामलोंं पर दूसरे एक्सचेंजों के मुकाबले एनएमसीई के साथ एफएमसी के भेदभाव के बारे में उन्हें बताया था। गुप्ता ने कहा कि विगत में एफएमसी ने दूसरे एक्सचेंजों के साथ भेदभाव किया था, जिसका हम विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम उचित स्तर पर संघर्ष करेंगे। इस बीच, एफएमसी ने गुप्ता को भेजे हालिया कारण बताओ नोटिस में कई मुद्दे उठाए हैं और आयोग के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए 8 दिन का समय दिया है।एफएमसी के चेयरमैन बी सी खटुआ ने कहा - मार्केट मेकिंग एकमात्र अनियमितता नहीं है, जिसमें हमने उनके खिलाफ पाया है। उन्होंने कहा कि गुप्ता ने एक्सचेंज से व्यक्तिगत लाभ हासिल किया है और अपने परिवार के सदस्यों के विदेश दौरे के खर्च एक्सचेंज से वसूले हैं, साथ ही अन्य वित्तीय गड़बडिय़ां भी की है। खटुआ ने सवाल किया, आखिर गुप्ता व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर एफएमसी के सामने अपना पक्ष क्यों नहीं रख रहे हैं? एफएमसी केदावों की प्रति हासिल करने के लिए गुप्ता ने एक वकील को अधिकृत किया है।समझा जाता है कि व्यक्तिगत रूप से एफएमसी के सामने पेश होने के लिए गुप्ता को 8 दिन का समय दिया है। गुप्ता ने भी उन दस्तावेजों की मांग की है जिसके आधार पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, एफएमसी ने कहा है कि वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इन्हें हासिल कर लें। (BS Hindi)

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