मुंबई July 05, 2011
विदेश व्यापार महानिदेशालय 6 जुलाई से प्रस्तावित कपास निर्यात कोटा आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। यह मुद्दा इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि देश भर के 8-9 निर्यातक अदालत पहुंच गए हैं और स्टे की मांग कर रहे हैं। निर्यातकों ने कपास निर्यात कोटा आवंटन के लिए डीजीएफटी द्वारा नया मानक तय करने पर ऐतराज जताया है। इनका विरोध विगत के अनुभवों के मानक तय करने को लेकर है, जो कपड़ा मंत्रालय द्वारा कोटा आïवंटन के समय नहीं हुआ करता था। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने डीजीएफटी से उस याचिकाकर्ता के आवेदन पर विचार करने को कहा है।सूत्रों ने कहा कि एक ओर जहां डीजीएफटी आवेदन पर विचार कर सकता है, वहीं इस प्रक्रिया को स्थगित करने की कोई वजह नहीं है क्योंकि उच्च न्यायालय के आदेश में अंतरिम राहत के तौर पर खास तौर से आïवंटन प्रक्रिया पर रोक लगाने या मानकों में बदलाव की बात नहीं कही गई है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि मानक के रूप में पिछले अनुभवों को शामिल करते हुए डीजीएफटी वैसे सक्षम निर्यातकों को रोक रहा है, जो कपास की पर्याप्त उपलब्धता और घरेलू बाजार में गिरती कीमतों की वजह से निर्यात कर सकता है।इस बाबत शर्तें व प्रक्रिया तय करते हुए डीजीएफटी ने कहा है कि जिन्होंने साल 2008-09 व 2009-10 (अक्टूबर-सितंबर) के सीजन में निर्यात किया था उन्हें ही निर्यात की अनुमति दी जाएगी। आïवंटन का काम आनुपातिक आधार पर किया जाएगा, लेकिन किसी भी निर्यातक को 25,000 गांठ से ज्यादा निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी।सरकार ने 9 जून को 10 लाख गांठ अतिरिक्त कपास निर्यात की अनुमति देने वाली अधिसूचना जारी की थी। इससे पहले 55 लाख गांठ कपास निर्यात की अनुमति दी गई थी, जो 15 जून तक पूरी हो गई थी। निर्यात कोटा उस अनुमान के आधार पर तय किया गया था, जिसके तहत इस सीजन में रिकॉर्ड 329 लाख गांठ कपास उत्पादन की संभावना जताई गई थी। कपास के अतिरिक्त कोटे के निर्यात के लिए पंजीकरण का काम 20 जून को शुरू हुआ था और यह 25 जून तक चला था। आवेदन की जांच आदि का काम 5 जुलाई तक चला और 6 जुलाई को आवंटित कोटे की घोषणा की जानी है। डीजीएफटी द्वारा तय समय-सारणी के मुताबिक, निर्यातकों को दस्तावेज जमा कराने के लिए 7 जुलाई से 15 जुलाई तक का समय दिया जाएगा, वहीं इसका शिपमेंट 15 सितंबर तक पूरा करना होगा।कपास निर्यात की अनुमति तब दी गई जब कपास की शंकर-6 किस्म की कीमतें अप्रैल के 40,000-41,000 रुपये प्रति कैंडी के मुकाबले करीब 35 फीसदी लुढ़क गईं। कपास निर्यात के अतिरिक्त कोटे की घोषणा के बाद हालांकि कपास की कीमतों में 10 फीसदी की उछाल आई है, लेकिन मांग में कमी के चलते यह एक बार फिर पिछले स्तर तक जा गिरी है। मौजूदा समय में कपास 39,500-40,000 रुपये प्रति कैंडी पर उपलब्ध है।कपास निर्यात का कोटा इस सीजन में रिकॉर्ड 329 लाख गांठ कपास उत्पादन के अनुमान के बाद तय किया गया था। बाद में हालांकि कपास सलाहकार बोर्ड ने उत्पादन अनुमान घटाकर 312 लाख गांठ कर दिया था। उत्पादन अनुमान घटाए जाने के बाद भी यह रिकॉर्ड है। वहीं कपड़ा मंत्रालय का अनुमान है कि 310 लाख गांठ कपास का उत्पादन होगा, पर कृषि मंत्रालय ने 329 लाख गांठ कपास उत्पादन की उम्मीद जताई थी। (BS Hindi)
06 जुलाई 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें