आर. एस. राणा
फलों की दिनोंदिन बढ़ती कीमतों ने जहां सामान्य परिवारों को परेशान कर रखा है, वहीं उच्च वर्गीय परिवारों को भी फल खरीदने से पहले दो बार सोचना पड़ता है। सीजन का समय होने के बावजूद आम, केला, जामुन काफी महंगा है। पिछले तीन-चार सालों में फलों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। मानसूनी बारिश पूरे देश में शुरू हो चुकी है तथा चालू मानसून सीजन में घर के गार्डन या आंगन में फलदार पौधे लगाकर महंगे फलों से काफी हद तक राहत मिल सकती है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के फल एवं बागवानी प्रौद्योगिकी प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. ए. के. सिंह ने बिजनेस भास्कर को बताया कि आम, अमरूद, नींबू, किन्नू और जामुन के पौधे लगाने का एकदम उपयुक्त समय है। इन्हें घर के गार्डन या आंगन में लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आम की आम्रपाली प्रजाति का पौधा बौना (छोटा आकार) किस्म का होता है। इसलिए इसे घर के आंगन या गार्डन में आसानी से लगाया जा सकता है। आम्रपाली आम का पेड़ हर साल फल देता है। इसके अलावा हर साल फसल देने वाली आम की अन्य प्रजातियों में पूसा प्रतिभा, पूसा पीतांबर, पूसा लालीमा और पूसा श्रेष्ठ है। उत्पादक आम का बाग लगाकर इनसे अच्छी सालाना आय भी प्राप्त हो सकती है। ये किस्में निर्यात के लिए एकदम उपयुक्त है। इन प्रजातियों के पौधों की लंबाई कम होती है लेकिन फल का आकार बड़ा होता है। अन्य फलों में अमरूद की प्रजातियों में सफेदा, ललीत और सुरखा ज्यादा फल देने वाली किस्में हैं। नींबू में कागजी कला साल में दो बार फल देती है। इसके अलावा नींबू की बारामासी और पंत लेमन प्रजातियां है। जिन्हें 10 जुलाई के बाद बोने का उपयुक्त समय है। किन्नू की एक खास प्रजाति किन्नो है जिसके फल का आकार बड़ा होता है। किन्नू का पौधा तीन साल में फल देना आरंभ कर देता है तथा उत्तर भारत के कुछेक चुनिंदा क्षेत्रों (राजस्थान के कई जिलों) में इसे लगाया जा सकता है। इसका फल नवंबर में तैयार होता है जबकि उस समय कोई और फल नहीं आता है। सिंह ने बताया कि जामुन में कोंकण बाहडोली प्रजाति के फल का आकार बड़ा होता है तथा इसमें गूदा ज्यादा होता है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने जामुन की दो प्रजातियां विकसित की है जिनमें गूदे की मात्रा 75 फीसदी होती है। उन्होंने बताया कि 10 जुलाई के बाद आईसीएआर के फल एवं बागवानी प्रौद्योगिकी प्रभाग से आम, अमरूद, नींबू, किन्नू और जामुन के पौधे लिए जा सकते हैं। पौधों को लगाने के लिए घर के गार्डन, आंगन या फिर बगीचे में एक बड़ा सा गड्ढा खोदें। गड्ढे को आधा गोबर की सड़ी हुई खाद से भरें तथा पौधा लगाते समय उसमें दो से चार बूंद दीमक मारने की दवा डाल दें। आवश्यकता हो तभी पानी दें तथा रसायनिक उर्वरकों का उपयोग कम से कम मात्रा में करें। पौधा जैसे-जैसे बड़ा हो, उसमें गोबर की खाद का बराबर उपयोग करते रहें। बारिश के दिनों में पौधे पर राख का छिड़काव करते रहें। इससे पौधे में कीड़ा नहीं लगेगा। इसके अलावा पौधों की शाखाएं आपस में उलझे तो समय-समय पर कटाई करते रहें। (Business Bhaskar )
12 जुलाई 2011
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