नई दिल्ली July 06, 2011
गेहूं और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर अगले हफ्ते अधिकार प्राप्त मंत्रियों की समिति की होने वाली बैठक से पूर्व आज वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने कहा कि कृषि जिंसों की ऊंचाी कीमत का दबाव बने रहने की आशंका है। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार को 'हड़बड़ीÓ में कोई कदम नहीं उठाना चाहिए।
अधिकार प्राप्त मत्रियों के समूह की बैठक 11 जुलाई को होने वाली है। खाद्य मंत्रालय ने 20 लाख टन गेहूं और 10 लाख टन गैर-बासमती चावल के निर्यात का प्रस्ताव रखा है। गेहूं और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर क्रमश: फरवरी 2007 और अप्रैल 2008 से पाबंदी लगी हुई है। खुल्लर ने यहां विश्व व्यापार संगठन के एक कार्यक्रम में कहा कि मुझे लगता है कि कृषि जिंसों पर दबाव बना रहेगा।
घरेलू तौर पर भी कीमतों पर और अधिक दबाव पडऩेे की आशंका है। गेहूं और गैर-बासमती चावल के निर्यात के बारे में उन्होंने कहा कि इस पर अगले हफ्ते विचार किया जाएगा। कृषि मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष :2011-12: में 24.5 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन की संभावना व्यक्त की है। 2010-11 में उत्पादन 23.58 करोड़ टन था। (BS Hindi)
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