आर.एस. राणा
नई दिल्ली
वेयरहाउसों की रसीदों को नेगोशिएबल इंस्ट्र्ूमेंट का दर्जा मिल जाने के बाद किसानों को बैंकों से उनकी उपज पर कर्ज आसानी से मिलने लगा है। लेकिन वेयरहाउसों का भंडारण किराया ज्यादा होने के कारण किसानों के सामने मुश्किल आ रही है। सरकार ने वेयरहाउसिंग के नियमन के लिए भंडारण विकास एवं नियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) का गठन किया है। डब्ल्यूडीआरए की अधिकृत एजेंसियों से मान्यता प्राप्त वेयरहाउस किसानों की उपज रखकर नेगोशिएबल रसीद जारी के लिए अधिकृत हैं। वेयरहाउसों की रसीद पर किसानों को बैंक 9 से 11 फीसदी ब्याज पर ऋण दे रहे हैं। किसानों पर वेयरहाउसों का किराया भी लग रहा है। यह किराया 3.15 से 3.60 रुपये प्रति 50 किलो प्रति महीना है। हरियाणा के सिरसा जिले में मंडी आदमपुर के किसान किशोरी लाल ने बताया कि उन्होंने 705 कट्टा (एक कट्टा-50 किलो) जौ वेयरहाउस में रखा है। वेयरहाउस में रखे गए जौ के बदले उन्हें आईसीआईसीआई बैंक से आसानी से ऋण 11 फीसदी ब्याज पर मिल गया, उन्हें वेयरहाउस का मासिक किराया 3.15 रुपये प्रति कट्टा भी देना होगा। वेयरहाउस में जिंस रखने की सुविधा से उन्हें फायदा तो हुआ है लेकिन ब्याज और वेयरहाउस का किराया मिलाकर कुल खर्च काफी ज्यादा है। वेयर हाउस के मैनेजर जयप्रकाश ने बताया कि उनके वेयरहाउसों में किसानों ने 2,868 क्विंटल अनाज रखा है। जबकि वेयरहाउस की भंडारण क्षमता 17,250 टन की है। करनाल स्थिति सेंट्रल वेयर हाउस के मैनेजर ऋषिपाल ने बताया कि अभी तक 100 किसानों और व्यापारियों को वेयरहाउस रसीद जारी की गई है। इसके बदले में किसानों और व्यापारियों को बैंक से 9 से 11 फीसदी ब्याज पर ऋण मिला है। वेयरहाउस में जिंसों का मासिक किराया 3.60 रुपये प्रति 50 किलो है। उन्होंने बताया कि अप्रैल में ही उनके वेयरहाउस को नेगोशिएबल रसीद जारी कने के लिए मान्यता मिली थी। राजस्थान के श्रीमाधोपुर स्थित वेयरहाउस के मैनेजर के. प्रसाद ने बताया कि जिंसों के बदले किसानों को अभी तक 23 रसीद जारी की जा चुकी हैं। जैसे-जैसे किसानों को पता लगेगा कि इसमें और तेजी आएगी। डब्ल्यूडीआरए के डायरेक्टर (टेक्निकल) डॉ. एन. के. अरोड़ा ने बताया कि अभी तक वेयरहाउस रजिस्ट्रेशन के लिए देशभर से 340 आवेदन मिले हैं जिनकी भंडारण क्षमता 12 लाख टन की है। इसमें से 40 आवेदनों को खामियों की वजह से रद्द किया गया है। जबकि कुल मिलें आवेदनों में से 70 वेयरहाउसों को मान्यता दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि किसानों को जागरूक बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। डब्ल्यूडीआरए के अधिकारी कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में जागरूकता अभियान चला रहे हैं। अन्य राज्यों में भी जल्दी ही जागरूक अभियान चलाया जाएगा। (Business Bhaskar....R S Rana)
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