नई
दिल्ली। हरियाणा के बाद राजस्थान की मंडियों में भी नई कपास की आवकों में
बढ़ोतरी हुई, तथा मौसम अनुकूल रहा तो मध्य सितंबर तक उत्तर भारत के राज्यों
हरियाणा, राजस्थान के साथ ही पंजाब में भी नई फसल की आवक बढेगी़। इसलिए
आगामी दिनों में इन राज्योें की मंडियों में कॉटन की कीमतों में नरमी आने
का अनुमान है। उत्तर भारत के राज्यों में बुधवार को नई कपास की आवक 700
गांठ की हुई, जबकि मंगलवार को 500 गांठ की आवक हुई थी।
हरियाणा की
होडल एवं पलवल लाइन के अलावा हिसार की बरवाला और फतेहाबाद की भूना मंडी में
नई कपास की आवक शुरू हो चुकी है। राजस्थान की अलवर लाईन की कामा आदि
मंडियों में भी नई कपास की शुरूआती आवक शुरू हो गई है। मौसम साफ रहा तो
सितंबर के आरंभ में राजस्थान एवं पंजाब की मंडियों में भी नई कपास की आवक
बढ़ेगी। इसलिए स्पिनिंग मिलें मौजूदा भाव पर कॉटन की खरीद केवल जरुरत के
हिसाब से ही कर रही हैं। वैसे भी घरेलू बाजार में हाल ही जिस अनुपात में
कॉटन के दाम तेज हुए, उसके आधार पर धागे के दाम नहीं बढ़ पाये। इसलिए
स्पिनिंग मिलों को पड़ते भी नहीं लग रहे हैं।
उत्तर भारत के राज्यों
में पिछले दो दिनों में कॉटन की कीमतों में 300 से 400 रुपये प्रति मन की
गिरावट आ चुकी है तथा आगामी दिनों में भाव में और भी नरमी आने का अनुमान
है। बुधवार को पंजाब में रुई हाजिर डिलीवरी के भाव 9900 से 10,200 रुपये
प्रति रह गए। इस दौरान हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के 9,500 से
9,900 रुपये प्रति मन रह गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी
के 10,000 से 10,200 रुपये प्रति मन रह गए।
राजस्थान में चालू खरीफ में कपास की बुआई बढ़कर 6.53 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 6.29 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।
इंडियन कॉटन एसोसिएशन, आईसीए के अनुसार उत्तर भारत के राज्यों में चालू सीजन में 60.05 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो कॉटन के उत्पादन का अनुमान है, जोकि पिछले साल के 48.55 लाख गांठ से ज्यादा है।
चालू खरीफ में पंजाब में कपास के उत्पादन का अनुमान 7.32 लाख गांठ, हरियाणा में 19.65 लाख गांठ, ऊपरी राजस्थान में 20.88 लाख गांठ और लवर राजस्थान में 12.20 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है। पिछले साल इन राज्यों में क्रमशः 7.21 लाख गांठ, 15.11 लाख गांठ, 16.37 लाख गांठ और 9.86 लाख गांठ की आवक हुई थी।
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