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21 सितंबर 2022

ब्रोकन चावल के निर्यातकों को केंद्र ने दी राहत, 30 सितंबर तक कर सकेंगे निर्यात

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ब्रोकन चावल के निर्यात पर 30 सितंबर 2022 तक छूट दे दी है। केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार निर्यातक ब्रोकन चावल का निर्यात 30 सितंबर 2022 तक कर सकेंगे। सरकार ने 8 सितंबर 2022 को तत्काल प्रभाव से ब्रोकन चावल का निर्यात बंद कर दिया था।


सरकार ने खुदरा दाम को काबू में रखने और घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के इरादे से ब्रोकन चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। मौजूदा खरीफ सत्र में धान की बुवाई के रकबे में कमी आने के कारण इस साल चावल उत्पादन में गिरावट आने की आशंका से यह कदम उठाया था।

उत्पादक मंडियों में खरीफ के नए धान की आवक शुरू हो गई है, तथा केंद्र सरकार द्वारा निर्यात पर रोक लगा देने से उत्पादक राज्यों में ब्रोकन चावल की कीमतों में गिरावट आई थी। इसीलिए सरकार ने इसके निर्यात की अवधि को 30 सितंबर 2022 तक बढ़ाने का फैसला लिया है।

इससे पहले सरकार ने निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए गैर.बासमती चावल पर 20 फीसदी का सीमा शुल्क भी लगाया था।

चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान देश से ब्रोकन चावल का निर्यात 21.3 लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 15.8 लाख टन था।

सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 38.9 लाख टन ब्रोकन चावल का निर्यात किया था जो वित्त वर्ष 2018-19 के 12.2 लाख टन की तुलना में बहुत अधिक था। चीन ने पिछले वित्त वर्ष में 15.8 लाख टन ब्रोकन चावल का आयात किया था।

चीन के बाद चावल उत्पादन में दूसरे स्थान पर मौजूद भारत इस खाद्यान्न के वैश्विक व्यापार में 40 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था जिसमें से 39.4 लाख टन बासमती किस्म का चावल था।

केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने ब्रोकन चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने की वजह बताते हुए कहा था कि बहुत बड़े पैमाने पर ब्रोकन चावल की खेप बाहर भेजी जाती है। जिस कारण पशु चारे के लिए भी समुचित मात्रा में टूटा चावल उपलब्ध नहीं है साथ ही इसका इस्तेमाल इथेनॉल में मिलाने के लिए भी किया जाता है।

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