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14 सितंबर 2022

चावल के उत्पादन अनुमान को लेकर सरकार दुविधा में, अप्रैल से जुलाई के दौरान निर्यात बढ़ा

नई दिल्ली। चावल के उत्पादन अनुमान को लेकर खाद्य मंत्रालय दुविधा में है, यहीं कारण है कि सुबह जहां उत्पादन में ज्यादा कमी की बात कही थी, वहीं ब्रोकन चावल के निर्यात पर रोक लगाने के बाद उत्पादन अनुमान में ज्यादा कमी को कम कर दिया।

चालू खरीफ में देश में चावल उत्पादन को लेकर सरकार अभी दुविधा की स्थिति में है, इसलिए उसके आंकड़ों में एकरूपता नहीं है। शुक्रवार की सुबह खाद्य मंत्रालय ने बताया कि धान की बुवाई 38.06 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कम हुई है, इसलिए उत्पादन 100 लाख टन तक कम रह सकता है। यही नहीं, हालात ज्यादा बिगड़े तो उत्पादन 120 लाख टन तक घट सकता है। लेकिन शाम को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडेय ने बताया कि चावल के उत्पादन में 60 से 70 लाख टन तक की कमी का अनुमान है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में मानसून की अच्छी बारिश के कारण यह कमी 40-50 लाख टन तक भी सीमित रह सकती है।

चावल के उत्पादन अनुमान में कमी की आशंका और घरेलू बाजार में दाम बढ़ने के कारण केंद्र सरकार ने गुरुवार को गैर-बासमती चावल निर्यात पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया था, वहीं शुक्रवार को ब्रोकन चावल के निर्यात को मुक्त से प्रतिबंधित की श्रेणी में डाल दिया।

केंद्र सरकार ने चालू सप्ताह में ही खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 2022-23 में रिकॉर्ड 32.8 करोड़ टन का तय किया था, लेकिन दो दिन बाद ही चावल निर्यात को हतोत्साहित करने के कदमों की घोषणा कर दी। यह भी ऐसे समय में जब धान की फसल पककर लगभग तैयार है। अतः सरकार के इन फैसलों से चावल के निर्यात में कमी आयेगी, और किसानों को धान का उचित मूल्य नहीं मिल पायेगा।  

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 15.05 लाख टन का और गैर बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 58.14 लाख टन का हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात क्रमशः 14.30 लाख टन और 52.85 लाख टन का ही हुआ था।

देश के कई राज्यों में सामान्य से कम बारिश होने के कारण चालू खरीफ में धान की रोपाई 4.95 घटकर 393.79 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में 414.31 लाख हेक्टेयर में रोपाई हो चुकी थी।

भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी के अनुसार चालू मानसूनी सीजन में पहली जून से दस सितंबर तक देशभर के 36 सबडिवीजनों में से 7 में सूखे की स्थिति है, जबकि तीन में अत्यधिक बारिश और 9 में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। अतः केवल 17 सबडिवीजनों में ही सामान्य बारिश हुई है।

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