नई
दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान
जहां बासमती चावल के निर्यात में 3.40 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, वहीं
गैर-बासमती चावल का निर्यात इस दौरान 5.63 फीसदी बढ़ गया।
वाणिज्य
एवं उद्वयोग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बासमती
चावल का निर्यात बढ़कर 11.25 लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की
समान अवधि में इसका निर्यात केवल 10.88 लाख टन का ही हुआ था। मंत्रालय के
अनुसार मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बासमती चावल
का निर्यात 8,943.47 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान
अवधि में इसका निर्यात केवल 6,798 करोड़ करोड़ रुपये का ही हुआ था।
मंत्रालय के अनुसार गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल से जून के दौरान 43.48 लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात केवल 41.16 लाख टन का ही हुआ था। मूल्य के हिसाब से गैर-बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बढ़कर 12,094 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 11,009 करोड़ रुपये का ही हुआ था।
कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ की प्रमुख फसल धान की रोपाई चालू खरीफ में घटकर 367.55 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जोकि पिछले खरीफ की समान अवधि के 390.99 लाख हेक्टेयर से कम है। जानकारों के अनुसार कई राज्यों में प्रतिकूल मौसम की मार भी फसल पर पड़ी है, जिसका असर चावल के कुल उत्पादन पर पड़ने का डर है। हालांकि चालू महीने के अंत पूसा 1,509 किस्म के धान की आवक बढ़ेगी, तथा बासमती चावल में बढ़े दाम पर निर्यात सौदे कम हो रहे हैं। इसलिए आगामी दिनों में धान के साथ ही चावल की कीमतों में गिरावट ही आने का अनुमान है।
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