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01 सितंबर 2022

मानसूनी बारिश की कमी से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखढ़ और पश्चिम बंगाल में धान की रोपाई घटी

नई दिल्ली। मानसूनी सीजन के पहले तीन महीने बीतने को हैं, लेकिन अभी भी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बारिश सामान्य से कम होने के कारण सूखे जैसे हालात बने हुए हैं, जिसका असर इन राज्यों में धान की रोपाई पर पड़ा है।

जानकारों के अनुसर इन में बारिश की कमी के कारण धान की रोपाई तो कम हुई है, साथ ही रोपाई हो चुकी फसल को भी नुकसान होने का डर है। पहली से 27 अगस्त के दौरान जहां उत्तर प्रदेश में बारिश सामान्य की तुलना में 44 फीसदी कम हुई है, वहीं बिहार में चालू मानसूनी सीजन में बारिश सामान्य की तुलना में 42 फीसदी कम, झारखंड में 27 फीसदी तो पश्चिम बंगाल में 19 फीसदी कम हुई है।

उत्तर प्रदेश में चालू खरीफ में 26 अगस्त धान की रोपाई 57.62 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 60.25 लाख हेक्टेयर से कम है। इस दौरान पश्चिमी बंगाल में धान की रोपाई केवल 36.93 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जोकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि के 41.55 लाख हेक्टेयर से कम है।

बिहार में चालू खरीफ में 26 अगस्त तक धान की रोपाई केवल 29.92 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जोकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि के 32.32 लाख हेक्टेयर से कम है। झारखंड में चालू खरीफ में धान की रोपाई घटकर केवल 6.95 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले खरीफ में इस समय तक राज्य में 17.46 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी।

इसके अलावा अन्य धान उत्पादक राज्यों छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश और ओडिशा में भी धान की रोपाई पिछले साल की तुलना में पिछड़ रही है, जिसका असर चालू खरीफ में धान उत्पादन पर पड़ने की आशंका है।

चालू खरीफ सीजन में देशभर के राज्यों में धान की रोपाई 6 फीसदी पिछड़ कर 26 अगस्त तक देशभर में 367.55 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी रोपाई 390.99 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।

भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी के अनुसार चालू मानसूनी सीजन में पहली जून से 27 अगस्त तक देशभर में सामान्य की तुलना में सात फीसदी ज्यादा बारिश हुई है लेकिन अगर सब डिवीजनों के आधार पर देखें तो देशभर के 19 फीसदी हिस्से में बारिश सामान्य की तुलना में कम हुई है, जिसका असर धान की रोपाई पर पड़ा है।

कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2021-22 में खरीफ सीजन में चावल का उत्पादन 11.17 करोड़ टन का हुआ था, जोकि इसके पिछले साल के 10.52 करोड़ टन से ज्यादा था।

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