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19 सितंबर 2022

विदेशी बाजार में आई गिरावट से देसी कॉटन 2000 रुपये मंदी, नई कपास की आवक बढ़ी

नई दिल्ली। विश्व बाजार में कॉटन की कीमतों में आई गिरावट से घरेलू बाजार में भी शनिवार को इसके भाव 2,000 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो तक कम हो गए। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कॉटन के दाम घटकर 79,000 से 80,000 रुपये प्रति कैंडी रह गए।


अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कॉटन की कीमतें चालू सप्ताह में करीब 7,000 रुपये प्रति कैंडी तक नीचे आ चुकी है। इस दौरान उत्तर भारत के राज्यों में करीब 500 से 600 रुपये प्रति मन का मंदा आया है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की मंडियों में शनिवार को रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के घटकर 8050 से 8100 रुपये प्रति मन रह गए। उत्पादक मंडियों में नई कपास की दैनिक आवक बढ़कर 11000 से 12,000 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हो गई।

विदेशी बाजार में शुक्रवार को कॉटन की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। आईसीई कॉटन के दिसंबर वायदा अनुबंध में 400 प्वांइट की गिरावट आकर भाव 99.29 सेंट रह गए थे। मार्च-2023 वायदा अनुबंध में भी 400 प्वांइट की गिरावट आकर भाव 96.15 सेंट रह गए थे। इस दौरान जुलाई-23 वायदा अनुबंध में 400 प्वाइंट की गिरावट आकर भाव 90.84 सेंट रह गए। जानकारों के अनुसार ब्राजील में भी कॉटन की कीमतों में गिरावट आई है।

व्यापारियों के अनुसार उत्पादक राज्यों में नई कपास की आवक बढ़ने लगी है, तथा मौसम साफ रहा तो अक्टूबर में आवकों का दबाव बनेगा। बुआई में हुई बढ़ोरी से चालू सीजन में कपास का उत्पादन अनुमान ज्यादा हैं। इसलिए आगामी दिनों में इसकी कीमतों में और भी मंदा आयेगा।

स्पिनिंग मिलों को कॉटन की मौजूदा कीमतों में पड़ते नहीं लग रहे हैं जिस कारण स्पिनिंग मिलें इस समय केवल जरुरत के हिसाब से ही कॉटन की खरीद कर रही हैं। धागे में स्थानीय एवं निर्यात मांग सामान्य की तुलना में कमजोर है इसलिए कॉटन की मौजूदा कीमतों में राज्य की स्पिनिंग मिलों को डिस्पैरिटी का सामाना करना पड़ रहा है।

चालू खरीफ सीजन में 16 सितंबर तक देशभर के राज्यों में कपास की बुआई 7.53 फीसदी बढ़कर 127.14 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुआई 118.23 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई थी।

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