नई
दिल्ली। बर्मा में उड़द की कीमतों में आये सुधार से आयात पड़ते महंगे होने
के कारण घरेलू बाजार में बुधवार को उड़द की कीमतों में तेजी दर्ज की गई,
जबकि अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर एवं देसी मूंग की कीमतों में गिरावट आई।
नीचे दाम पर दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से चना एवं मसूर की कीमतों में
भी हल्का सुधार आया।
बर्मा से आयातित उड़द एफएक्यू और एसक्यू की
कीमतों में पांच-पांच डॉलर की तेजी आकर भाव क्रमशः 855 डॉलर और 985 डॉलर
प्रति टन, सीएडंएफ हो गए। चेन्नई में 20 सितंबर से 20 अक्टूबर तक की डिलवरी
के व्यापार हुए। बर्मा में लेमन अरहर के भाव 895 डॉलर प्रति टन पर स्थिर
बने रहे। जानकारों के अनुसार बर्मा में उड़द कीमतों में सुधार तो आया है,
लेकिन जिस तरह से घरेलू बाजार में खरीफ की उड़द की आवक बढ़ रही है, उसे देखते
हुए ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं है। वैसे भी बर्मा में उड़द का बकाया स्टॉक
ज्यादा है।
मध्य प्रदेश की मंडियों में नई उड़द की आवक बढ़ने लगी
है। माना जा रहा है कि मौसम साफ रहा तो चालू महीने तक इसकी आवकों में और
बढ़ेगी होगी, जबकि पितृ पक्ष के कारण अभी दालों में ग्राहकी सामान्य की
तुलना में कमजो रहेगी। उड़द दाल में दक्षिण भारत की मांग भी सामान्य की
तुलना में कमजोर है। मध्य प्रदेश की अशोकनगर मंडी में नई उड़द की आवक 60 से
70 क्विंटल की हुई तथा इसका व्यापार 5900 से 6800 रुपये प्रति क्विंटल की
दर पर हुआ। नए मालों में नमी की मात्रार 15 से 17 फीसदी है।
अफ्रीकी
देशों से आयातित अरहर की कीमतों में मंदा आया है। जानकारों के अनुसार
आगामी दिनों में अफ्रीकी देशों से अरहर का आयात बढ़ेगी, जबकि इन देशों से
आयातित अरहर सस्ती है। इसलिए अरहर की कीमतों पर दबाव तो रहेगा, लेकिन घरेलू
बाजार में देसी अरहर का अच्छी क्वालिटी का बकाया स्टॉक कम है, तथा नई फसल
की आवक दिसंबर में बनेगी। इसलिए बड़ी गिरावट के आसार कम है।
राजस्थान
की मंडियों में खरीफ मूंग की आवक शुरू हो गई है, तथा आगामी दिनों में इसकी
दैनिक आवक बढ़ने के आसार है। इसलिए मूंग की कीमतों में आगे गिरावट आने की
उम्मीद है। राज्य की मेड़ता मंडी में आज 50 बोरी नए मूंग की आवक हुई तथा
इसका व्यापार 5,500 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ। जानकारों
के अनुसार चालू महीने के अंत तक इसकी दैनिक आवक बढ़कर 5,000 से 6,000 बोरी
हो जायेगी। उधर श्रीगंगानगर मंडी में नई मूंग की आवक सप्ताहभर बाद शुरू
होने की उम्मीद है।
चना एवं मसूर में बिकवाली कम आने से दाम लगभग
स्थिर हो गए हैं। व्यापारियों के अनुसार नीचे दाम पर मांग निकलने से इनकी
कीमतों में 25 से 50 रुपये का सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी के आसार
अभी नहीं है। नेफेड लगातार चना की बिकवाली कर रही है, जोकि हल्की क्वालिटी
का है।
दिल्ली में बर्मा उड़द एसक्यू और एफएक्यू के भाव के भाव में
25-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 8150 से 8175 रुपये एवं 7250 रुपये
प्रति क्विंटल हो गए।
आंध्रप्रदेश लाईन की नई उड़द का दिल्ली के लिए व्यापार 7500 रुपये प्रति क्विंटल की पूर्व दर पर हुआ।
मुंबई में उड़द एफएक्यू की कीमतों में 75 रुपये की तेजी आकर भाव 7150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
चेन्नई
में एफएक्यू उड़द की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 7000 रुपये एवं
एसक्यू की कीमतों में 25 रुपये की तेजी आकर भाव 7800 प्रति क्विंटल हो गए।
दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर के भाव 7300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
चेन्नई में लेमन अरहर के भाव 6950 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बने रहे।
अफ्रीकी
देशों से आयातित अरहर के दाम मुंबई में कमजोर हुए। तंजानिया की अरुषा अरहर
के भाव 150 रुपये कमजोर होकर 5350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान
मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर की कीमतें 150 रुपये घटकर भाव 5350 से 5400
रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मलावी से आयातित अरहर के दाम 4800 रुपये प्रति
क्विंटल पर स्थिर हो गए। सूडान से आयातित अरहर के दाम भी 7400 रुपये प्रति
क्विंटल बोले गए।
हालांकि हाजिर में बकाया स्टॉक कम होने के कारण
मुंबई में लेमन अरहर की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6950 रुपये
प्रति क्विंटल हो गए।
दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश की मसूर की कीमतों में 25-25 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 6200 रुपये 6450 प्रति क्विंटल हो गए।
मुंबई
में कनाडा की मसूर के दाम 6100 से 6200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने
रहे। ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें इस दौरान 6300 रुपये प्रति क्विंटल
बोली गई। कनाडा की मसूर के दाम मुंद्रा और हजिरा बंदरगाह पर इस दौरान
5850-5900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
दिल्ली में
राजस्थानी चना की कीमतों में 25 रुपये की तेजी आकर भाव 4825 रुपये प्रति
क्विंटल हो गए, जबकि इस दौरान मध्य प्रदेश के चना के भाव 4750 रुपये प्रति
क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
08 सितंबर 2022
आयात पड़ते महंगे होने से उड़द तेज, अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर मंदी
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