नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन में गुजरात में जहां कपास की बुआई में बढ़ोतरी हुई है, वहीं मूंगफली की बुआई पिछले साल की तुलना में घटी है।
राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार चालू सीजन में गुजरात में 12 सितंबर तक कपास की बुआई बढ़कर 25.48 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि तय लक्ष्य 24 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। पिछले साल राज्य में इस समय तक केवल 22.51 लाख हेक्टेयर में ही इसकी बुआई हो पाई थी। राज्य में अभी तक फसल की स्थिति अच्छी है, लेकिन मौसम विभाग, ने राज्य में आगामी दिनों में बारिश होने की भविष्यवाणी की हुई है। ऐसे में नई फसल की आवकों में देरी होने की आशंका है।
राज्य में में खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल मूंगफली की बुआई 17.09 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 19.09 लाख हेक्टेयर से कम है। अन्य तिलहन में शीशम सीड, केस्टर एवं सोयाबीन की बुआई चालू खरीफ में क्रमशः 72,121 हेक्टेयर में, 6.52 लाख हेक्टेयर में और 2.21 लाख हेक्टेयर में ही हुई है। पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमशः एक लाख हेक्टेयर में, 5.38 लाख हेक्टेयर में और 2.24 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। तिलहनी फसलों की कुल बुआई चालू खरीफ में राज्य में अभी तक केवल 26.56 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 27.75 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।
दालों की बुआई चालू खरीफ सीजन में 12 सितंबर तक केवल 4.16 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 4.97 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की बुआई चालू खरीफ में घटकर 2.23 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इसकी बुआई 2.29 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। उड़द की बुआई केवल 96,758 हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 1.54 लाख हेक्टयेर में बुआई हो चुकी थी।
धान, ज्वार, मक्का और बाजरा की बुआई चालू खरीफ में बढ़कर 13.70 लाख हेक्टेयर हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुआई 13.09 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। धान की रोपाई चालू खरीफ में बढ़कर 8.67 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 8.13 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। बाजरा की बुआई राज्य में 1.84 लाख हेक्टेयर में तथा मक्का की बुआई 2.7 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई क्रमशः 1.64 लाख हेक्टेयर और 2.93 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।
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