नई
दिल्ली। चालू मानसूनी सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश होने के बावजूद भी
आंध्रप्रदेश में खरीफ दलहन के साथ ही तिलहन की बुआई पिछड़ रही है, जबकि
कपास के साथ धान की रेपाई बढ़ी है।
भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी के
अनुसार चालू मानसूनी सीजन में पहली जून से 25 अगस्त तक राज्य में सामान्य
की तुलना में 10 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। इस दौरान सामान्यतः राज्य में
341.5 मिलीमीटर बारिश होती है, जबकि चालू सीजन में 374.3 मिलीमीटर बारिश
हुई है।
राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार दलहन की बुआई चालू खरीफ
में राज्य में 24 अगस्त तक केवल 1.66 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जोकि
पिछले साल की समान अवधि के 2.03 लाख हेक्टेयर से कम है। राज्य सरकार ने
चालू खरीफ में दलहन की बुआई का लक्ष्य 3.55 लाख हेक्टेयर का तय किया है।
इसी
तरह से तिलहनी फसलों की बुआई चालू खरीफ में राज्य में 5.82 लाख हेक्टेयर
में ही हुई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 6.23 लाख हेक्टेयर से कम
है। राज्य में खरीफ तिलहन की बुआई का लक्ष्य 7.73 लाख हेक्टेयर है। खरीफ
तिलहन की प्रमुख फसल मूंगफली की बुआई चालू खरीफ में घटकर 5.25 लाख हेक्टेयर
में ही हो पाई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 5.87 लाख हेक्टेयर से
कम है।
कपास की बुआई चालू खरीफ में राज्य में बढ़कर 5.72 लाख
हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले खरीफ की समान अवधि में इसकी बुआई 4.46
लाख हेक्टेयर में ही हो पाई थी। राज्य में चालू खरीफ में कपास की बुआई का
लक्ष्य 6.15 लाख हेक्टेयर तय किया गया है।
धान की रोपाई चालू खरीफ
सीजन में बढ़कर 10.69 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान
अवधि के 10.27 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। राज्य के कृषि निदेशालय ने धान
की रोपाई का लक्ष्य 16.30 लाख हेक्टेयर तय किया हुआ है।
01 सितंबर 2022
मानसूनी बारिश अच्छी होने के बावजूद भी आंध्र प्रदेश में दलहन एवं तिलहन की बुआई कम
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