नई
दिल्ली। पहली जून से शुरू हुए चालू मानसूनी सीजन के पहले तीन महीनों
यानी
31 अगस्त तक देशभर में 6 फीसदी बारिश सामान्य से ज्यादा हुई है, लेकिन
इसके बावजूद भी देशभर में करीब 17 फीसदी हिस्सा सूखे की चपेट में है।
भारतीय
मौसम विभाग, आईएमडी के अनुसार पहली जून से 31 अगस्त तक देशभर में 743.8
मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सामान्यतः इस दौरान 700.7 मिलीमीटर बारिश होती
है।
सब डिवीजनों के आधार पर देखें तो कुल 36 सब डिवीजनों में से 6
में यानी कि 17 फीसदी हिस्सा अभी भी सूखे की चपेट में हैं, तथा 3 सब
डिवीजनों में अत्याधिक तो 11 में ज्यादा बारिश हुई है। अतः देशभर की 16 सब
डिवीजनों यानी की 38 फीसदी क्षेत्र में ही इस दौरान सामान्य बारिश हुई है।
पश्चिमी
उत्तर प्रदेश में पहली जून से 31 अगस्त तक सामान्य से 44 फीसदी कम और
पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी इस दौरान सामान्य की तुलना में 44 फीसदी बारिश
कम हुई है। बिहार में इस दौरान सामान्य से 38 फीसदी, झारखंड में 27 फीसदी
और पश्चिम बंगाल में 29 फीसदी बारिश सामान्य की तुलना में कम हुई है। अतः
इन राज्यों में खरीफ फसलों की बुआई में तो कमी आई ही है, साथ ही बुआई की गई
फसलों को भी नुकसान होने का डर है।
उत्तर भारत के उत्तराखंड,
हरियाणा एवं पंजाब में भी इस दौरान सामान्य की तुलना में क्रमशः 12 फीसदी, 8
फीसदी और 12 फीसदी बारिश सामान्य की तुलना में कम हुई है। हालांकि पश्चिमी
राजस्थान में इस दौरान जहां सामान्य से 76 फीसदी और पूर्वी राजस्थान में
सामान्य से 27 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है।
मध्य भारत के राज्यों
ओडिशा में इस दौरान सामान्य से 8 फीसदी, मध्य प्रदेश में 22 फीसदी, गुजरात
में 30 फीसदी, महाराष्ट्र में 18 फीसदी तो छत्तीसगढ़ में सामान्य से 12
फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई।
दक्षिण भारत के राज्यों आंध्र
प्रदेश में पहली जून से 31 अगस्त तक सामान्य से 14 फीसदी, तेलंगाना में 49
फीसदी, तमिलनाडु में 87 फीसदी और कर्नाटक में 33 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है
लेकिन इस दौरान केरल में सामान्य से 13 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई।
01 सितंबर 2022
देशभर में 6 फीसदी बारिश सामान्य से ज्यादा, 17 फीसदी हिस्सा अभी भी सूखे की चपेट में
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