नई दिल्ली। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान डीओसी के निर्यात में 40 फीसदी की बढ़ोतर होकर कुल निर्यात 1,531,010 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 1,092,386 टन का ही हुआ था।
अगस्त में डीओसी के निर्यात में 71 फीसदी की भारी बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 282,498 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल अगस्त में इसका निर्यात केवल 164,831 टन का ही हुआ था।
एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में सरसों डीओसी का निर्यात पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले दोगुना हो गया। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अगस्त के दौरान इसका निर्यात 1,080,172 टन का हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 542,630 टन का ही हुआ था। चालू सीजन में सरसों के उत्पादन में हुई बढ़ोतरी के कारण इसकी पेराई ज्यादा होने से सरसों डीओसी की उपलब्धता ज्यादा हुई। इस समय देश से दक्षिण कोरिया, वियतनाम, थाईलैंड और अन्य सुदूर पूर्व के देशों को 295 डॉलर प्रति टन, एफओबी के आधार पर व्यापार हो रहा है।
हालांकि चालू वित्त वर्ष में सोया डीओसी के निर्यात में कमी आई है। घरेलू बाजार में इसके दाम तेज थे, जबकि विश्व बाजार में कीमतें कम थी। पहली अक्टूबर से सोयाबीन की पेराई का नया सीजन शुरू होने के बाद सोया डीओसी के निर्यात में तेजी आने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान सोया डीओसी का निर्यात घटकर 108,258 टन का ही हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 155,757 का हुआ था।
भारतीय बंदरगाह पर अगस्त में सोया डीओसी के औसत भाव 670 डॉलर प्रति टन रहे, जोकि जुलाई के 675 डॉलर की तुलना में कम हुए हैं। हालांकि सरसों डीओसी के भाव अगस्त में 295 डॉलर प्रति टन के स्तर पर रहे, जबकि जुलाई में भी यही भाव थे। केस्टर डीओसी के साथ ही राइसब्रान डीओसी के दाम भारतीय बंदगाह पर अगस्त में बढ़कर क्रमशः 164 और 214 डॉलर प्रति टन हो गए, जबकि जुंलाई में इनके भाव क्रमशः 156 डॉलर और 184 डॉलर प्रति टन थे।
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