नई दिल्ली। दाल मिलों की खरीद कमजोर होने के कारण मंगलवार को अरहर, उड़द के साथ ही मसूर के भाव कमजोर हो गए, जबकि चना मूंग के दाम लगभग स्थिर बने रहे। व्यापारियों के अनुसार दालों में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है, इसलिए इनके भाव में अभी सीमित तेजी, मंदी ही बनी रहने की उम्मीद है।
बर्मा से आयातित अक्टूबर शिपमेंट के भाव चेन्नई पहुंच उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव 850 डॉलर और 987 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर बने रहे, जबकि इस दौरान लेमन अरहर के भाव 942 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ बोले गए।
व्यापारियों के अनुसार स्टॉकिस्टों ने अरहर के भाव तेज किए थे, लेकिन मांग का समर्थन नहीं मिलने से तेजी टिक नहीं पाई। वैसे भी अफ्रीकी देशों से अरहर का आयात बढ़ने लगा है। अगले सप्ताह मोजाम्बिक से 23,600 टन अरहर लेकर आ रहा वैसल मुंबई पहुुंचेगा। बर्मा से भी आयातित अरहर आ रही है। हालांकि चालू खरीफ में देश में अरहर की बुआई पिछले साल की तुलना में घटी है, साथ ही मौसम भी प्रतिकूल रहा है। कई राज्यों में जहां बारिश सामान्य से ज्यादा हुई है, वहीं उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि में सामान्य से कम बारिश हुई है। ऐसे में अरहर के उत्पादन अनुमान में कमी की आशंका है।
उत्पादक राज्यों में मौसम साफ होने से खरीफ उड़द की आवक बढ़ने लगी है, तथा आगामी दिनों में इसकी दैनिक आवक और भी बढ़ने की उम्मीद है। उड़द दाल में दक्षिण भारत के राज्यों की मांग कमजोर है। इसलिए उड़द की कीमतों में अभी ज्यादा तेजी के आसार नहीं है।
चना के दाम आज स्थिर हो गए। व्यापारियों के अनुसार जहां चना में नेफेड लगातार चना की बिकवाली कर रही है, वहीं नेफेड के माल हल्की क्वालिटी के हैं। इसलिए चना की कीमतों में बड़ी तेजी के आसार नहीं है। छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक ने केंद्र सरकार से 8 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर चना खरीदने की इच्छा जताई है। यह राज्य अपनी आवश्यकता का आकलन करने के बाद मांग के हिसाब से चना खरीद के लिए पत्र भेजेंगे। फिलहाल केंद्र सरकार के पास 30 लाख टन चना का स्टॉक है।
राजस्थान में मौसम साफ रहा तो आगामी दिनों में खरीफ मूंग की आवक बढ़ेगी, मौसम विभाग ने राजस्थान से मौसम वापसी के संकेत दिए हैं। इसलिए मूंग की कीमतों में अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है। मूंग दाल में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है।
दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर के भाव में 75 रुपये की गिरावट आकर दाम 7550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
चेन्नई में लेमन अरहर के भाव 7400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
मुंबई में लेमन अरहर के भाव 7400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के भाव भी रुक गए। तंजानिया की अरुषा अरहर के भाव 5500 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। इस दौरान मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर की कीमतें 5350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई। मलावी से आयातित अरहर के दाम 4750 से 4800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। सूडान से आयातित अरहर के दाम भी 7850 से 7950 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव में 25 से 50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 7375 से 7400 रुपये एवं 8350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
आंध्रप्रदेश लाईन की नई उड़द का दिल्ली के लिए व्यापार 7800 रुपये प्रति क्विंटल की पूर्व दर पर ही हुआ।
मुंबई में उड़द एफएक्यू की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 7150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
चेन्नई में उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 6950 रुपये और 7950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान अक्टूबर डिलीवरी के एफएक्यू के भाव 6950 रुपये और एसक्यू के 7950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
दिल्ली में मध्य प्रदेश की मसूर की कीमतों में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 6525 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान कनाडा की मसूर के दाम 6125 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
कनाडा की मसूर के दाम मुंद्रा बंदरगाह पर 5850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, जबकि हजिरा बंदरगाह पर 5875 से 5900 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। कनाडा की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6100 रुपये और ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें 6200 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही।
दिल्ली में राजस्थान चना के भाव 4875 से 4900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, जबकि मध्य प्रदेश के चना के दाम 4800 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
दिल्ली में राजस्थान लाइन की नई मूंग के दाम 7000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, साथ ही मध्य प्रदेश के लाइन की मूंग के भाव 6900 से 7100 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बने रहे।
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