नई
दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने के कारण सोमवार को अरहर
एवं उड़द, चना के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट दूसरे कार्य दिवस में भी
जारी रही। दालों में थोक के साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य की तुलना
में कमजोर है, साथ ही महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में नई उड़द एवं मूंग की आवक
शुरू हो गई है। इसलिए इनकी कीमतों पर दबाव बना रहेगा। आयातित मसूर सस्ती है
इसलिए मसूर में भी भाव नरम हुए हैं। अरहर और चना में अच्छी क्वालिटी के
मालों की आवक कम है इसलिए इनके भाव में बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है।
बर्मा
से आयातित लेमन अरहर एवं उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव चेन्नई के लिए
सितंबर डिलीवरी के स्थिर बने रहे। लेमन अरहर के भाव 935 डॉलर प्रति टन,
सीएडंएफ के पूर्व स्तर पर टिके रहे। इस दौरान उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव
भी क्रमशः 870 डॉलर और 1,010 डॉलर प्रति टन के पूर्वस्तर पर स्थिर हो गए।
व्यापारियों
के अनुसार दालों में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी सामान्य की तुलना
में कमजोर बनी हुई है। चालू महीने में बर्मा से करीब तीन वैसल उड़द और अरहर
लेकर आ रही है, जिनमें अरहर की तुलना में उड़द ज्यादा है।
मध्यप्रदेश
में पिछले दो दिनों से लगातार तेज बारिश हो रही है। राज्य के भोपाल, गुना,
रायसेन, सागर एवं जबलपुर सहित अनेक जिलों में लगातार वर्षा हो रही है।
मध्य प्रदेश खरीफ उड़द का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, तथा चालू खरीफ में
राज्य में 16.33 लाख हेक्टेयर में उड़द की बुआई हुई है, जोकि पिछले साल की
समान अवधि के 15.28 लाख हेक्टयेर से ज्यादा है। व्यापारियों के अनुसार अभी
तक बारिश से ज्यादा नुकसान के समाचार नहीं है, अतः राज्य में अगले एक, दो
दिनों तक मौसम कैसा रहता है इसलिए पर फसल की स्थिति निर्भर करेगी।
खरीफ
अरहर के सबसे बड़े उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र और कर्नाटक के अधिकांश
क्षेत्रों में मौसम साफ है, जोकि आने वाली फसल के लिए फायदेमंद है। हालांकि
उत्पादक मंडियों में देसी अरहर में मंदा आया है, लेकिन अच्छी क्वालिटी में
बिकवाली कमजोर है। नई फसल दिसंबर से पहले नहीं आयेगी, इसलिए अरहर की
कीमतों में अभी बड़ी गिरावट के आसार कम है।
महाराष्ट्र के साथ ही
कर्नाटक में नई खरीफ की मूंग की आवक शुरू हो गई है, हालांकि इसके बड़े
उत्पादक राज्य राजस्थान की कोटा आदि लाईन में भारी बारिश हुई है। जानकारों
के अनुसार मौसम साफ रहा तो आगामी दिनों में मूंग की नई फसल की आवक बढ़ेगी,
इसलिए इसके भाव में अभी बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।
दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर के भाव में 50 रुपये की गिरावट आकर दाम 7350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
चेन्नई में लेमन अरहर के भाव में भी 50 रुपये की गिरावट आकर दाम 7200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
हालांकि
मुंबई में बर्मा की लेमन अरहर के भाव 50 रुपये तेज होकर 7300 रुपये प्रति
क्विंटल हो गए। जानकारों के अनुसार मुंबई में लेमन अरहर का बकाया स्टॉक कम
है, जिस कारण बिकवाली कमजोर होने से भाव बढ़ गए।
अफ्रीकी देशों से
आयातित अरहर के दाम स्थिर बने रहे। तंजानिया की अरुषा अरहर के भाव 5950
रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर
की कीमतें 5850 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई। सूडान की अरहर के दाम 7900
रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बने रहे। मलावी से आयातित अरहर
के दाम 5200 से 5300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
दिल्ली
में बर्मा उड़द एसक्यू के भाव के भाव में 75 रुपये की गिरावट आकर भाव 8400
रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान उड़द एफएक्यू के भाव 7,400 रुपये प्रति
क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
आंध्रप्रदेश लाईन की नई उड़द का दिल्ली के लिए व्यापार 7800 रुपये प्रति क्विंटल की पूर्व दर पर ही हुआ।
मुंबई में उड़द एफएक्यू के भाव 7,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
चेन्नई
में नीचे दाम पर बिकवाली कम आने से उड़द एसक्यू हाजिर डिलीवरी के भाव 25
रुपये तेज होकर 8,050 रुपये और सितंबर डिलीवरी के भाव 8,100 रुपये प्रति
क्विंटल हो गए।
दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश की मसूर की कीमतों
में 25 से 100 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 6625 रुपये और 6,800 रुपये
प्रति क्विंटल रह गए।
कनाडा की मसूर के दाम मुंद्रा और हजिरा
बंदरगाह पर 25-25 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 6250 रुपये और 6275 से 6300
रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि इस दौरान कनाडा की मसूर के दाम कंटेनर
में 6600 रुपये एवं आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव भी कंटेनर में 6700 रुपये
प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
दिल्ली में चना की कीमतों में 25
रुपये की गिरावट आकर राजस्थानी चना के दाम 4950 से 4975 रुपये एवं मध्य
प्रदेश के चना के भाव 4,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
इंदौर में
बेस्ट क्वालिटी की मूंग के बिल्टी भाव 6,500 रुपये एवं पुरानी मूंग के
5,800 से 6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
23 अगस्त 2022
ग्राहकी कमजोर होने से अरहर, उड़द, चना और मसूर में मंदा, दालों ग्राहकी कमजोर
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