नई
दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर बनी रहने के कारण बुधवार को अरहर,
उड़द के साथ ही मूंग और मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि चना के
दाम स्थिर हो गए। व्यापारियों के अनुसार दालों में खुदरा के साथ ही थोक में
मांग सामान्य की तुलना में कमजोर है, साथ ही सरकारी हस्तक्षेप के कारण भी
मिलर्स सीमित मात्रा में ही खरीद कर रहे हैं। इसलिए इनके भाव में अभी सीमित
तेजी, मंदी बनी रह सकती है।
व्यापारियों के अनुसार जिस तरह से
पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले बर्मा की मुद्रा कमजोर हुई थी, उसे देखते हुए
आगामी दिनों में बर्मा से अरहर और उड़द के आयात पड़ते लगने की उम्मीद है।
अगले महीने से अफ्रीकी देशों से भी अरहर के आयात सौदे शुरू होने का अनुमान
है। हालांकि चालू खरीफ में अरहर की बुआई में कमी आई है, साथ ही उत्पादक
मंडियों में अच्छी क्वालिटी में अरहर का बकाया स्टॉक कम है। नई फसल की आवक
दिसंबर से पहले नहीं बनेगी, जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में
सूखे से फसल को नुकसान की आशंका है। इसलिए अरहर की मौजूदा कीमतों में बड़ी
गिरावट के आसार कम है।
उड़द एसक्यू की कीमतों में पिछले पंद्रह
दिनों में करीब 11 फीसदी की गिरावट आ चुकी है, उड़द एसक्यू के भाव चेन्नई
में जुलाई अंत में 8,900 रुपये प्रति क्विंटल थे, जोकि घटकर 7,950 रुपये
प्रति क्विंटल रह गए हैं। महाराष्ट्र की मंडियों में नई उड़द की छिटपुट आवक
शुरू हो गई है, तथा मौसम साफ रहा तो सितंबर में इसकी दैनिक आवक बढ़ेगी। उड़द
दाल में दक्षिण भारत की मांग सामान्य की तुलना में कमजोर है इसलिए इसके भाव
में अब बड़ी तेजी के आसार नहीं है।
चेन्नई पहुंच 25 अगस्त से 25
सितंबर की डिलीवर के बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव आज क्रमशः 855
डॉलर और 990 डॉलर प्रति टन पर स्थिर बने रहे। लेमन अरहर के भाव इस दौरान
920 डॉलर प्रति टन बोले गए।
मसूर और मूंग में स्थानीय मिलों की मांग
कमजोर बनी रहने से भाव में नरम हुए हैं। जानकारों के अनुसार मूंग की दैनिक
आवक उत्पादक मंडियों में मौसम अनुकूल रहा तो चालू महीने के अंत तक बढ़ेगी,
जबकि इसकी न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर खरीद नहीं के बराबर हो रही है।
इसलिए मूंग की कीमतों पर दबाव बना रहेगा। आयातित मसूर आने से देसी मसूर में
भी दाल मिलों की ग्राहकी कमजोर होने से भाव नरम हुए है।
चना के दाम
रुक गए हैं, लेकिन व्यापारी इसके भाव में ज्यादा मंदे में नहीं है। आगामी
दिनों में खपत का सीजन होने के कारण चना दाल और बेसन में मांग बनी रहेगी,
इसलिए आगे इसके भाव में हल्का सुधार बनने की उम्मीद है।
दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर के भाव में 150 रुपये की गिरावट आकर दाम 7400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
चेन्नई में लेमन अरहर के भाव में भी 150 रुपये का मंदा आकर दाम 7250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
अफ्रीकी
देशों से आयातित अरहर के दाम कमजोर हो गए। तंजानिया की अरुषा अरहर के भाव
50 रुपये कमजोर होकर दाम 6000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान
मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर की कीमतें भी 50 रुपये कमजोर होकर 5950 रुपये
प्रति क्विंटल रह गई। सूडान की अरहर के दाम 50 रुपये घटकर 7900 रुपये प्रति
क्विंटल के स्तर पर आ गए। मलावी से आयातित अरहर के दाम भी 50 रुपये कमजोर
होकर 5250 से 5350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
हालांकि मुंबई में बर्मा की लेमन अरहर के भाव 7400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
दिल्ली
में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव के भाव में 125 से 150 रुपये की
गिरावट आकर भाव क्रमशः 7325 रुपये तथा 8325 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
आंध्रप्रदेश लाईन की नई उड़द का दिल्ली के लिए व्यापार 200 रुपये कमजोर होकर 7800 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर हुआ।
मुंबई में उड़द एफएक्यू के भाव में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 7150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
चेन्नई
में उड़द एसक्यू के भाव 50 रुपये कमजोर होकर 7,000 रुपये प्रति क्विंटल के
स्तर पर आ गए, जबकि एसक्यू के हाजिर डिलीवरी के दाम 50 रुपये घटकर 7,950 से
8,000 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
दिल्ली में मध्य प्रदेश की
मसूर की कीमतें 25 रुपये कमजोर होकर भाव 7000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए,
जबकि इस दौरान कनाडा की मसूर के दाम 6600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने
रहे। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से कोलकाता और मुंबई बंदरगाह पर करीब 50 हजार
टन आयातित मसूर आई है।
कनाडा की मसूर के दाम मुद्रा और हजिरा
बंदरगाह पर क्रमशः 6300 रुपये और 6350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
कनाडा की मसूर के दाम कंटेनर में 6600 रुपये एवं ऑस्ट्रेलियाई मसूर के भाव
भी कंटेनर में
6700 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम 4975 से 5000 रुपये एवं मध्य प्रदेश के चना के भाव 4925 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
मध्य
पदेश की मूंग के दाम दिल्ली में लगातार दूसरे दिन 50 रुपये कमजोर होकर भाव
6700 से 6900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान कानपुर लाइन की छोटी
मूंग के भाव 50 घटकर 6,500 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
18 अगस्त 2022
दालों में ग्राहकी कमजोर होने से दलहन मंदी, केंद्र की नीतियों के कारण मांग घटी
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