नई
दिल्ली। जुलाई महीने में डीओसी के निर्यात में 19 फीसदी की बढ़ोतरी होकर
कुल निर्यात 227,247 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल जुलाई में इसका निर्यात
केवल 191,663 टन का ही हुआ था।
सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया, एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान डीओसी का कुल निर्यात 35 फीसदी बढ़कर 1,248,512 टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 927,555 टन का ही हुआ था।
एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान सरसों डीओसी के निर्यात में 77 फीसदी की भारी बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 851,212 टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 479,572 टन का ही हुआ था। चालू सीजन में उत्पादन अनुमान ज्यादा होने के कारण सरसों की पेराई बढ़ने से सरसों डीओसी के निर्यात में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्तमान में भारत दक्षिण कोरिया, वियतनाम, थाईलैंड और अन्य सुदूर पूर्व के देशों को सरसों डीओसी का निर्यात कर रहा है।
उद्योग के अनुसार जुलाई के मुकाबले जुलाई में भारतीय बंदरगाह पर जहां सोया डीओसी की कीमतों में गिरावट आई है, वहीं सरसों एवं केस्टर डीओसी के भाव में इस दौरान सुधार आया है। सरसों डीओसी के दाम जुलाई में घटकर भारतीय बंदरगाह पर 675 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि जून में इसके भाव 694 डॉलर प्रति टन थे। सरसों डीओसी के भाव जुलाई में सुधरकर भारतीय बंदरगाह पर 295 डॉलर प्रति टन हो गए, जबकि जून में इसके दाम 294 डॉलर प्रति टन थे। इस दौरान केस्टर डीओसी के भाव 152 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 156 डॉलर प्रति टन हो गए।
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