नई
दिल्ली। जुलाई में खाद्वय तेलों के साथ ही अखाद्वय तेलों का आयात 24 फीसदी
बढ़कर 1,214,353 टन का हो गया, जबकि पिछले साल जुलाई में इनका आयात केवल
980,624 टन का ही हुआ था।
सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ
इंडिया, एसईए के अनुसार चालू तेल वर्ष नवंबर -21 से जुलाई-22 के 9 महीनों
के दौरान खाद्वय तेलों के साथ ही अखाद्वय तेलों का आयात 3.3 फीसदी बढ़कर
9,974,993 टन का हुआ है, जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात
9,654,636 टन का हुआ था।
एसईए के अनुसार घरेलू बाजार में पिछले दो
महीनों में खाद्वय तेलों की कीमतों में गिरावट आई है। आरबीडी पामोलिन की
थोक कीतमों में इस दौरान जहां 25,000 रुपये प्रति टन से अधिक की कमी आई,
वहीं रिफाइंड सोयाबीन तेल के दाम 24,000 रुपये प्रति टन और सूरजमुखी तेल के
भाव 20,000 रुपये प्रति टन की गिरावट आई।
इंडोनेशिया सरकार द्वारा
बढ़ती इन्वेंट्री को कम करने के लिए उठाये जा रहे कदमों से विश्व बाजार के
साथ ही घरेलू बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में गिरावट आई है।
इंडोनेशियाई ने क्रूड पाम तेल पर निर्यात कर को 680 डॉलर प्रति टन के
संदर्भ मूल्य पर लागू किया, जबकि इससे पहले यह 750 डॉलर प्रति टन था।
18 अगस्त 2022
जुलाई में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 24 फीसदी बढ़ा
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