कुल पेज दृश्य

25 अगस्त 2021

मुंबई में दाल मिलों की मांग बढ़ने से अरहर, मसूर और रुस का काबुली चना तेज, उड़द स्थिर

नई दिल्ली। नीचे दाम दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित अरहर, मसूर रुस के काबुली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

त्यौहारी सीजन के कारण दालों में खुदरा के साथ ही थोक में मांग अच्छी देखी गई। हालांकि, सरकारी हस्तक्षेप के साथ ही नीतियों में समय-समय पर बदलाव और आगे विदेशी आपूर्ति के डर के कारण दालों में व्यापार सीमित मात्रा में ही हो रहा है।

विदेश के आपूर्ति बनी रहने के बावजूद भी नीचे दाम पर मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बर्मा की लेमन अरहर नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,650 रुपये और 6,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। अरुषा और मोजाम्बिक की अरहर की कीमतें 75-75 रुपये बढ़कर क्रमश: 6,575 रुपये और 6,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। साथ ही सूडान की अरहर में भी 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,850 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

कनाडा लाईन की मसूर के भाव हजीरा, मुंद्रा, कांडला और मुंबई बंदरगाह पर साथ ही ऑस्ट्रेलिया मसूर के दाम मुंबई में 25 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए।

कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में मसूर का उत्पादन अनुमान कम है, जिस कारण विश्व बाजार में मसूर की कीमतों में आई तेजी के कारण घरेलू बाजार में भी दाम बढ़े हैं।

स्थानीय मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मुंबई में रूस के काबुली चना के भाव 50 रुपये बढ़कर 5,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उधर सूडान के काबुली चना के दाम 5,550-5,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। काबुली चना पर 40 फीसदी आयात शुल्क होने के कारण आयात पड़ते नहीं लग रहे हैं।
 
दाल मिलों की हाजिर मांग सीमित होने के कारण बर्मा उड़द एफएक्यू दोनों नई और पुरानी दोनों की कीमतें क्रमश: 7,000 रुपये और 6,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

इसके अलावा, महाराष्ट्र की कुछ मंडियों में नई उड़द की आवक में तेजी आई है। हालांकि नई उड़द में नमी की मात्रा ज्यादा है, साथ ही फसल की कटाई के समय हो रही बारिश के कारण भी क्वालिटी प्रभावित होने का डर है।

कोई टिप्पणी नहीं: