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06 अगस्त 2021

मुंबई में दाल मिलों की कमजोर मांग से आयातित दालों के दाम स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण शुक्रवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित दालों के दाम स्थिर बने रहे।

सरकार द्वारा दालों के आयात को बढ़ाने की कोशिशों की खबरों के बाद दालों की कीमतों पर दबाव बढ़ा है। दालों का आयात बढ़ाने के लिए सरकार पूर्वी अफ्रीकी देशों जैसे मलावी, तंजानिया और अन्य के साथ बातचीत कर रही है।

विदेश से लगातार आयातित माल आने के साथ ही चालू खरीफ में बुआई में हुई बढ़ोतरी से भी दलहन की कीमतों पर दबाव बना है।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बर्मा लाईन की लेमन अरहर नई के साथ ही पुरानी के भाव क्रमश: 6,250 रुपये और 6,150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। वहीं, अरुषा अरहर के साथ ही मोजाम्बिक लाईन की गजरी किस्म की अरहर के भाव भी क्रमश: 6,100 रुपये और 6,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। साथ ही सूडान की अरहर के भाव भी 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

कनाडा लाईन की मसूर के भाव मुंबई, मुंद्रा और कांडला बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव मुंबई में आज स्थिर देखे गए। हालांकि मौजूदा कीमतों पर मिलों की मांग कमजोर रही क्योंकि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा मसूर के आयात शुल्क को 30 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी किया था।

बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी के भाव क्रमश: 6,650 रुपये और 6,550 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। उड़द में बढ़े दाम पर मिलों की मांग में कमी आई, जबकि विदेश के साथ ही समर उड़द की आवक घरेलू मंडियों में बराबर बनी हुई है।

इसी तरह, तंजानिया चना के भाव 4,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। विभिन्न राज्यों में नेफेड खरीदे गए चना के स्टॉक की लगातार बिकवाली कर रही है।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अगस्त वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 62 रुपये की गिरावट आई, जबकि सितंबर वायदा अनुबंध में इसके भाव में 65 रुपये का मंदा आया।

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