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05 अगस्त 2021

प्रमुख बाजारों में देसी अरहर में मिलाजुला रुख, आयातित के भाव नरम

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण गुरूवार को प्रमुख बाजारों में देसी अरहर की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा।

सरकार द्वारा दालों के आयात को बढ़ाने की कोशिशों की खबरों आने के बाद दालों की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है।

भारत पहले ही म्यांमार से सालाना एक लाख टन अरहर और 50,000 टन अरहर के आयात के लिए मलावी के साथ मार्च 2026 तक एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर चुकी है। इससे पहले, डीजीएफटी ने भी 2021-22 के दौरान मोजाम्बिक से 2 लाख टन अरहर के आयात की अधिसूचना जारी की थी।

सरकारी नीतियों के कारण मौजूदा कीमतों पर अरहर में सीमित मात्रा में ही व्यापार हो रहा है।

मुंबई में दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से लेमन अरहर नई और पुरानी के भाव में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,250 रुपये और 6,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह से अरुषा अरहर के साथ ही मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर के भाव भी 25 से 50 रुपये घटकर क्रमश:  6,100 और 6,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। सूडान लाईन की अरहर के दाम भी 50 रुपये घटकर 6,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दिल्ली में, बर्मा लाईन की लेमन अरहर नई और पुरानी के भाव 50-50 रुपये घटकर क्रमश: 6,450 रुपये और 6,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

विदेश से लगातार अरहर की आवक बनने के साथ ही चालू खरीफ में बुआई में हुई बढ़ोतरी से अरहर की कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

बर्मा में अरहर लेमन लिंकी की कीमतें स्थिर बनी रही। लॉकडाउन के कारण स्थानीय बाजार में व्यापारिक गतिविधियां नहीं के बराबर हुई। हालांकि, बंदरगाह पर लोडिंग आदि की गतिविधियों के साथ ही बैंकिंग लेनदेन नियमित रुप से हो रहा है।

एक शिपिंग एजेंसी के अनुसार, Vessel M V VTC PLANET जोकि बर्मा से 21,000 टन अरहर और उड़द लेकर आ रहा है इसके 8 अगस्त, 2021 को मुंबई बंदरगाह पर पहुंचने की उम्मीद है। इससे पहले इसको 28 जुलाई तक पहुंचने की उम्मीद थी।

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