नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए फसल सीजन 2020-21 में देश में कपास का उत्पादन 1.50 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कम होकर 354.50 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पहले 356 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान था।
कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया, सीएआई के अनुसार उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन का उत्पादन पहले के अनुमान 65.50 लाख गांठ के बराबर ही होने का अनुमान है। इसमें पंजाब में 10.50 लाख गांठ, हरियाणा में 22.50 लाख गांठ और राजस्थान में 32.50 लाख टन के उत्पादन का अनुमान है।
मध्य भारत के राज्यों में 193.50 लाख गांठ कॉटन के उत्पादन का अनुमान है, जिसमें गुजरात में 93.50 लाख गांठ, महाराष्ट्र 81.50 लाख गांठ और मध्य प्रदेश में 18.50 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है।
दक्षिण भारत के राज्यों में 90.50 लाख गांठ कॉटन के उत्पादन का अनुमान है, इनमें तेलंगाना में 44 लाख गांठ, आंध्रप्रदेश 16 लाख गांठ, कर्नाटक 23.50 लाख गांठ तथा तमिलनाडु में 5.31 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है।
ओडिशा में 3 लाख गांठ और अन्य राज्यों में 2 लाख गांठ कॉटन के उत्पादन का अनुमान है।
चालू फसल सीजन में कॉटन की खपत 330 लाख गांठ होने का अनुमान है, जोकि पहले के अनुमान से 5 लाख गांठ ज्यादा है।
सीएआई के अनुसार चालू फसल सीजन 2020-21 में कॉटन का निर्यात पहले के अनुमान 72 लाख गांठ से बढ़कर 77 लाख गांठ होने का अनुमान है, जोकि पिछले साल के 50 लाख गांठ से 27 लाख गांठ ज्यादा है। जुलाई अंत तक करीब 70 लाख गांठ की शिपमेंट भी हो चुकी है।
चालू फसल सीजन में कॉटन का आयात घटकर 10 लाख गांठ ही होने का अनुमान है, जोकि पिछले सीजन के मुकाबले 5.50 लाख गांठ कम है। चालू सीजन में 31 जुलाई तक 9 लाख गांठ कॉटन की आवक भारतीय बंदरगाहों पर हो चुकी है।
चालू फसल सीजन में पहली अक्टूबर 2020 से 31 जुलाई 2021 तक घरेलू मंडियों में 348.61 लाख गांठ कॉटन की आवक भी हो चुकी है।
सीएआई के अनुसार मिलों के पास 31 जुलाई को करीब 80 लाख गांठ कॉटन का बकाया स्टॉक बचा हुआ है, जोकि करीब 87 दिनों की खपत के लिए है। इसके अलावा कॉटन कारर्पोरेशन आफ इंडिया, सीसीआई और महाराष्ट्र फेडरेशन के आलावा एमएनसी, जिनर्स, ट्रेडर्स और एमसीएक्स के पास जुलाई अंत में करीब 57.61 लाख गांठ का बकाया स्टॉक बचा हुआ है। चालू फसल सीजन के अंत में 30 सितंबर 2021 को 82.50 लाख गांठ कॉटन का बकाया स्टॉक बचने का अनुमान है।
13 अगस्त 2021
कॉटन का उत्पादन डेढ़ लाख गांठ घटकर 354.50 लाख गांठ का होने का अनुमान - सीएआई
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