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16 अप्रैल 2021

चीनी का उत्पादन 290.91 लाख टन, पिछले पेराई सीजन से 17.18 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2020-21 के पहले साढ़े छह महीनों में पहली अक्टूबर से 15 अप्रैल 2021 तक चीनी का उत्पादन 17.18 फीसदी बढ़कर 290.91 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान केवल 248.25 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था।

चालू पेराई सीजन में इस समय देशभर की 170 चीनी मिलों में पेराई चल रही है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 140 मिलों में ही पेराई चल रही थी।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में 15 अप्रैल 2021 तक 103.95 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 60.76 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था।

उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 120 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जिसमें से 54 मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। राज्य में 15 अप्रैल 2021 तक 100.86 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि के 108.25 लाख टन से कम है।

कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 15 अप्रैल तक 41.45 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 33.82 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य की 66 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जोकि लगभग बंद हो चुकी है। अब केवल दक्षिण कर्नाटक में कुछ मिलें विशेष सत्र की पेराई कर रही हैं। पिछले पेराई सीजन में विशेष सत्र में केवल 1.32 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

गुजरात में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 9.50 लाख टन और  तमिलनाडु में 5.85 लाख टन चीनी का उत्पादन 15 अप्रैल 2021 तक हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इन राज्यों में क्रमश: 8.80 लाख टन और 5 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। पिछले साल तमिलनाडु में विशेष सत्र के दौरान 2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

देश के अन्य राज्यों आंध्रप्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा में 29.30 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।

चालू पेराई सीजन में अक्टूबर 20 से मार्च 21 के दौरान करीब 29.72 लाख टन चीनी की​ शिपमेंट हो चुकी है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 30.64 लाख टन की शिपमेंट हुई थी। अप्रैल में करीब 8 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हुए हैं, तथा चालू सीजन में सबसे ज्यादा निर्यात इंडोनेशिया और अफगानिस्तान को हुआ है।

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