नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश से डीओसी का निर्यात मात्रा के हिसाब से 51 फीसदी बढ़कर 3,680,084 टन का हुआ है जबकि मूल्य के हिसाब से 100 फीसदी बढ़कर 8838 करोड़ रुपये का हुआ है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 के मार्च से अप्रैल के दौरान डीओसी का निर्यात 51 फीसदी बढ़कर 3,680,084 टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान केवल 2,433,617 टन का ही हुआ था। मार्च में डीअीसी के निर्यात में 82 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 321,435 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल मार्च में इनका निर्यात 177,003 टन का ही हुआ था।
एसईए के अनुसार मूल्य के हिसाब से वित्त वर्ष 2020-21 के मार्च से अप्रैल के दौरान डीओसी का निर्यात बढ़कर 8838 करोड़ रुपये का हुआ है, जोकि पिछले वित्त वर्ष के 4437 करोड़ रुपये से करीब 100 फीसदी ज्यादा है। डीओसी के निर्यात में हुई भारी बढ़ोतरी से देश के तिलहन किसानों को अपनी फसल के उचित दाम मिलें।
एसईए के अनुसार फरवरी के मुकाबले मार्च महीने में जहां सोया डीओसी की कीमतों में भारतीय बंदरगाह पर बढ़ोतरी दर्ज की गई, वहीं सरसों एवं अन्य डीओसी के दाम घट गए। सोया डीओसी के भाव मार्च में भारतीय बंदरगाह पर बढ़कर 579 डॉलर प्रति टन हो गए, जबकि फरवरी में इसके भाव 553 डॉलर प्रति टन थे। सरसों डीओसी के भाव मार्च में भारतीय बंदरगाह पर घटकर 274 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि फरवरी में इसके भाव 283 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह से केस्टर डीओसी के दाम मार्च में घटकर 67 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि फरवरी में इसके भाव 70 डॉलर प्रति टन थे।
19 अप्रैल 2021
वित्त वर्ष 2020-21 में डीओसी का निर्यात 51 फीसदी बढ़ा, मूल्य में 100 फीसदी ज्यादा
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