नई दिल्ली। आगामी खरीफ सीजन के लिए आज होने वाली नेशनल कांफ्रेंस से पहले देश में हो रही बुवाई के आंकड़े उत्साह बढ़ाने वाले हैं। 30 अप्रैल यानी अभी तक खरीफ सीजन की बुवाई 19.40 फीसदी ज्यादा है। अब तक देश में 75.75 लाख हैक्टेयर में बवाई हो चुकी है। पिछले साल समान अवधि में 63.44 लाख हैक्टेयर में दलहन, तिलहन, मोटे अनाज और धान की बुवाई हुई थी। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
कृषि मंत्रालय ने फसल सीजन 2021-22 में 30.73 करोड़ टन खाद्यान्न के उत्पादन का लक्ष्य तय किया है जोकि अभी तक का रिकार्ड है। इसके तहत खरीफ 2021 में 15.14 करोड़ टन और रबी 2021-22 में 15.58 करोड़ टन का लक्ष्य तय किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार चालू खरीफ सीजन में मानूसनी बारिश भी सामान्य होने का अनुमान है, ऐसे में सरकार द्वारा तय किया गया लक्ष्य पाने में भी मदद मिलेगी।
मंत्रालय के अनुसार दलहन का रकबा 59.93 फीसदी बढ़कर 13.93 लाख हैक्टेयर हो गया है जबकि पिछले साल इस दौरान 8.71 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। मूंग का रकबा इस दौरान 6.68 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 11.01 लाख हैक्टेयर हो गया। उड़द का रकबा 1.78 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 2.59 लाख हैक्टेयर हो गया।
मोटे अनाजों का रकबा 30 अप्रैल तक पिछले साल 11.41 लाख हैक्टेयर से बढ़कर इस साल 11.98 लाख हैक्टेयर हो गया। तिलहनों का रकबा 9.32 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 10.61 लाख हैक्टेयर और धान का रकबा 34.01 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 39.23 लाख हैक्टेयर हो गया। देश में खरीफ फसलों की बुवाई सर्दियां खत्म होने के तुरंत बाद देश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग समय में होती है। हालांकि अधिकांश क्षेत्रों में बुवाई मई के बाद ही रफ्तार पकड़ती है। सबसे ज्यादा बुवाई जून से अगस्त के बीच होती है। आज होने वाली नेशनल कांफ्रेंस में आगामी खरीफ फसलों की बुवाई के लक्ष्य और तैयारियों पर विस्तृत विचार विमर्श होगा।
30 अप्रैल 2021
खरीफ फसलों की शुरूआती बुआई ने पकड़ी रफ्तार, बुवाई के लक्ष्य और तैयारियों पर होगी चर्चा
29 अप्रैल 2021
दिल्ली में चना तेज, प्रमुख बाजारों में देसी अरहर की कीमतों में सुधार
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को दिल्ली में चना की कीमतों में 250 से 275 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई, साथ ही प्रमुख बाजारों में देसी अरहर की कीमतों में क्वालिटीनुसार 25 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम 250 रुपये तेज होकर 5,700 से 5,725 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 275 रुपये बढ़कर 5,650 से 5675 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दिल्ली में मसूर की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 6,675 से 6,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। हालांकि मध्य प्रदेश के इंदौर बाजार में मिलों की खरीद सीमित होने के कारण देसी मसूर की कीमतों में 25 रुपये की नरमी आकर भाव 6,400 से 6,425 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
हाजिर में मिलों की मांग कमजोर होने से मुंबई में लेमन अरहर की कीमतें 50 रुपये का मंदा आकर भाव 6550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि अरुषा अरहर के दाम 6150 से 6200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। कोरोना के कारण देशभर की मंडियों में अरहर की दैनिक आवक कम हो रही है। हालांकि कोविड की दूसरी लहर के कारण कई राज्यों में आंशिक तथा कई में पूर्ण लाकडाउन के कारण अरहर दाल की मांग थोक के साथ ही खुदरा में कमजोर है।
बाजार सूत्रों के अनुसार, अरहर की कीमतों में नीचे भाव में सुधार आने की संभावना है क्योंकि कम पैदावार के कारण अरहर के फंडामेंटल मजबूत हैं, सरकार के पास पुराना स्टॉक कम है। हालांकि, विदेशी आयात नियमित अंतराल पर आयेगा, क्योंकि सरकार पहले ही कुल 6 लाख टन का कोटा जारी कर चुकी है।
हालांकि, ट्रेडर्स और मिलर्स को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की आशंका है।
मद्रास हाईकोर्ट ने 28 जून, 2021 तक डीजीएफटी के आयात कोटा लाइसेंस के लिए तुअर, उड़द, मूंग के लिए वर्ष 2021-22 पर स्टे आर्डर जारी कर दिया है। यह स्टे डीजीएफटी की ट्रेडर्स एंड लॉटरी सिस्टम पॉलिसी के खिलाफ है।
चना, काबूली चना और मसूर मुंबई में तेज, अरहर नरम तथा उड़द स्थिर
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में चना, काबूली चना और मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई, जबकि अरहर के दाम नरम बने रहे तथा उड़द के दाम स्थिर बने रहे।
देशभर में बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण बर्मा की लेमन अरहर और अरुशा अरहर की कीमतों में 50-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,500 रुपये और 6,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि, ट्रेडर्स-मिलर्स को आयात लाइसेंस मिलनें में देरी होने की आशंका है क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय ने 28 जून, 2021 तक डीजीएफटी के आयात कोटा के लाइसेंस के लिए अरहर, उड़द, मूंग के वित्त वर्ष 2021-22 के आयात के लिए स्टे आर्डर जारी किया है। यह स्टे डीजीएफटी के ट्रेडर्स एंड लॉटरी सिस्टम पॉलिसी के खिलाफ है।
कनाडा लाइन की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर में मिलों की मांग में आये सुधार से 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। उधर, सभी उत्पादक मंडियों में मसूर की दैनिक आवक कम हो रही है तथा आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। आयातित स्टॉक कम होने के कारण मिलर्स और बड़े खरीददार आगे घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे। आयातित मसूर का स्टॉक दिन प्रति दिन कम हो रहा है इसलिए देसी मसूर नीचे दाम पर स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आ रही है।
उड़द एफएक्यू नई के भाव मुंबई में 7,250 रुपये और पुरानी के 7,150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
तंजानिया लाईन के चना के साथ-साथ सूडान और रूस के काबुली चना में मिलों की मांग बढ़ने, और आयातित स्टॉक कम होने से मुंबई में 50-100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 95 रुपये की तेजी आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 97 रुपये का सुधार आया।
28 अप्रैल 2021
मुंबई में तंजानियां के चना के दाम सुधरे, मसूर, अरहर और उड़द में मंदा
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में तंजानिया के चना के भाव में सुधार आया, जबकि मसूर, अरहर और उड़द की कीमतों में गिरावट आई।
देशभर में जिस तरह से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, उससे होटल, रेस्त्रा, सामाजिक समारोह और ब्याह शादियों की मांग, दालों में बुरी तरह से प्रभावित हुई हैै।
तंजानिया लाईन के चना के दाम 50 रुपये बढ़कर 4,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने एवं प्रमुख बाजार बंद होने के कारण आवक कम होने से दाम सुधरे।
मसूर की कीमतों में 50-50 रुपये का मंदा आकर कनाडा की मसूर के दाम 6250 रुपये और आस्ट्रेलिया की मसूर के दाम 6,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मुंद्रा बंदरगाह पर मसूर के दाम 50 रुपये घटकर 5,950 रुपये और हजीरा में 6,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
लेमन अरहर के दाम 50 रुपये घटकर 6,550 रुपये, और अरुषा अरहर क दाम 6,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
उड़द की कीमतों में 50-50 रुपये का मंदा आकर एफएक्यू के दाम 7,250 रुपये और एसक्यू के भाव 7,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 69 रुपये की गिरावट आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसके भाव में 67 रुपये की मंदी आई।
27 अप्रैल 2021
चना और काबूली चना के दाम मुंबई में तेज, उड़द तथा मसूर में मंदा
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मंगलवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में चना के साथ ही काबूली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई, जबकि बर्मा उड़द के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव में गिरावट आई।
देशभर में जिस तरह से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, उससे होटल, रेस्त्रा, सामाजिक समारोह और ब्याह शादियों की मांग, दालों में बुरी तरह से प्रभावित हुई हैै।
मिलों की मांग कमजोर होने से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 7300 रुपये और 7200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि, ट्रेडर्स एवं मिलर्स को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की संभावना है जिस कारण बर्मा से आपूर्ति रुकने का डर है क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय ने 28 जून, 2021 तक डीजीएफटी के आयात कोटा लाइसेंस के लिए तुअर, उड़द, मूंग आयात के ट्रेडर्स एंड लॉटरी सिस्टम पॉलिसी के खिलाफ स्टे आर्डर जारी कर दिया है।
ऑस्ट्रेलिया लाईन की मसूर की कीमतों में 25 की गिरावट आकर भाव 6,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, हजीरा, कांडला और मुंद्रा बंदरगाह पर स्थिर बने रहे। हालांकि उत्पादक मंडियों में मसूर की आवक कम हो गई है, जबकि आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है।
तंजानिया लाईन के चना के साथ ही रूस और सूडान के काबुली चना की कीमतों में 50-50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 4 रुपये की तेजी आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसके भाव में 6 रुपये की बढ़ोतरी हुई।
26 अप्रैल 2021
गेहूं की सरकारी खरीद 222 लाख टन के पार, कीमतों में गिरावट का रुख
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 25 अप्रैल तक भारतीय खाद्वय निगम, एफसीआई 222.33 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जोकि पिछले रबी विपणन सीजन की समान अवधि के 77.57 लाख टन से ज्यादा है।
खाद्वय मंत्रालय के अनुसार अभी तक कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 84.15 लाख टन है जोकि कुल खरीद का 37.8 फीसदी है। हरियाणा से चालू रबी में 71.76 यानि कुल खरीद में हिस्सेदारी 32.27 फीसदी है। इसी तरह से मध्य प्रदेश से चालू रबी में 51.57 लाख टन की खरीद हो चुकी है। उत्तर प्रदेश से चालू रबी में 7.74 लाख टन और राजस्थान से 6.04 लाख टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर हो चुकी है।
मंत्रालय के अनुसार 25 अप्रैल तक पंजाब के किसानों के खाते में 8,180 करोड़ रुपये और हरियाणा के किसानों के खाते में 4,668 करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं।
व्यापारियों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा मई और जून में गरीब परिवारों को पांच किसानों अनाज गेहूं या फिर चावल का फ्री में आवंटन करने की स्कीम के बाद से गेहूं के दाम करीब 80 से 100 रुपये प्रति क्विंटल घट गए। नरेला मंडी में सोमवार को गेहूं का भाव 1,870 रुपये प्रति क्विंटल रह गया, जबकि लारेंस रोड़ पर गेहूं के दाम घटकर 1,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हरियाणा की मंडियों में गेहूं की दैनिक आवक कम होने लगी है।
23 अप्रैल 2021
उड़द, मसूर के साथ ही काबूली चना की कीमतें मुुंबई में घटी, अरहर के दाम स्थिर
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शुक्रवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित बर्मा की उड़द के साथ ही मसूर और काबूली चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि अरहर के दाम स्थिर बने रहे।
देशभर में कोरोना के मामलों में हो रही बढ़ोतरी से कई राज्यों में पूर्ण लाकडाउन का खतरा पैदा हो गया है, जिससे दालों की मांग प्रभावित हुई है।
दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बर्मा उड़द एफएक्यू में दोनों नई के साथ ही पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 7300 रुपये और 7200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
बढ़े भाव में दाम मिलों की मांग घटने से कनाडा की क्रिमसन किस्म की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा और हजीरा बंदरगाह पर साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम 25 रुपये प्रति क्विंटल नरम हो गए।
हालांकि, उत्पादक मंडियों में मसूर की दैनिक आवक कम हो रही है, जबकि आयातित मसूर का स्टॉक कम होने के साथ ही आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। अतः आयातित स्टॉक कम होने के कारण आगे बड़े खरीददार एवं मिलर्स घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे।
रूस एवं सूडान के काबुली चना में ग्राहकी कमजोर होने से मुंबई में इनकी कीमतों में 100-100 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आकर भाव क्रमशः 5500 रुपये और 5350 से 5450 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। तंजानिया के चना के भाव भी मुंबई में घटकर 5200 से 5250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
लेमन अरहर के दाम मुंबई में 6,700 रुपये और अरुषा अरहर के दाम 6,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 125 रुपये की गिरावट आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 126 रुपये का मंदा आया।
22 अप्रैल 2021
बर्मा उड़द एसक्यू एवं मध्य प्रदेश की मसूर के साथ दिल्ली में चना महंगा
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा की एसक्यू उड़द के साथ ही मध्य प्रदेश की मसूर एवं चना के दाम तेज हो गए।
हालांकि, दिल्ली में व्यापारिक गतिविधियां कमजोर ही रही, क्योंकि राज्य सरकार ने 26 अप्रैल तक पूर्ण लॉकडाउन लगा रखा है।
लगातार आयात आने के बावजूद भी चेन्नई में दाम सुधरने से बर्मा उड़द एसक्यू के दाम दिल्ली में 50 रुपये बढ़कर 8200 से 8225 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि, उड़द एफएक्यू के दाम 7650 से 7700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
मध्य प्रदेश लाईन की मसूर का भाव में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6850 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि कनाडा की मसूर के दाम 6400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। उत्पादक केंद्रों पर मसूर की आवक कम हो गई है तथा आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। आयातित स्टॉक कम होने के कारण मिलर्स और बड़े खरीददार आगे देसी मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे।
लारेंस रोड पर राजस्थानी चना के दाम 50 रुपये बढ़कर, 5,775 रुपये एवं मध्य प्रदेश लाईन के चना के दाम 75 रुपये तेज होकर 5,725 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें में 47 रुपये की तेजी आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 48 रुपये का सुधार आया।
आयातित उड़द, मसूर, चना और काबूली चना के दाम मुंबई में तेज, अरहर के भाव स्थिर
बर्मा उड़द एफएक्यू में दोनों नई के साथ ही पुरानी की कीमतों में 150-150 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 7350 रुपये और 7250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उड़द में मिलों की हाजिर मांग अच्छी देखी गई।
लेमन अरहर के भाव मुंबई में मिलों की सीमित मांग के कारण 6,700 रुपये प्रति क्विंटल पर और अरुषा अरहर के भाव 6,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
दाल मिलों की हाजिर अच्छी होने से होने से कनाडा की क्रिमसन किस्म की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम मुंबई में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए।
उधर, आयातित मसूर का स्टॉक कम होने के साथ ही आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। अतः आयातित स्टॉक कम होने के कारण आगे बड़े खरीददार एवं मिलर्स घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे।
हाजिर में स्टॉक कम होने के साथ ही मिलों की मांग बढ़ने से तंजानिया लाईन के चना के साथ-साथ सूडान एवं रूस काबुली चना की कीमतों में मुंबई में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 83 रुपये की तेजी आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 83 रुपये का सुधार आया।
21 अप्रैल 2021
गेहूं की सरकारी खरीद 154.78 लाख टन के पार, पंजाब और हरियाणा की हिस्सेदारी ज्यादा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई 20 अप्रैल तक 1,54,78,552 टन गेहूं की खरीद कर चुकी है जबकि पिछले सीजन की समान अवधि में केवल 15,22,461 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब और हरियाणा की है।
खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में पंजाब से 55,41,342 टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जोकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 11,27,394 टन से ज्यादा है। हरियाणा से अभी तक एमएसपी पर 54,47,533 टन गेहूं की खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले रबी सीजन में राज्य से खरीद देरी से शुरू हो पाई थी, अतः राज्य से 36, 967 टन गेहूं की खरीद ही समान अवधि में हो पाई थी। मध्य प्रदेश से चालू रबी में 36,21,831 टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले रबी की समान अवधि में राज्य से 2,81,203 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से चालू रबी में एमएसपी पर 4,35,363 टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जोकि पिछले रबी के 59,966 टन से ज्यादा है। राजस्थान से गेहूं की खरीद बढ़कर चालू रबी में अभी तक 3,50,555 टन की हो चुकी है जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में केवल 15,061 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। उत्तराखंड से 28,110 टन, गुजरात से 42,215 टन, दिल्ली से 2,056 टन, चंडीगढ़ से 9,075 टन और हिमाचल प्रदेश से 472 टन गेहूं की खरीद हो चुकी है।
केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है, जबकि पिछले रबी में 1,925 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर था।
20 अप्रैल 2021
दिल्ली में उड़द एसक्यू नरम, मध्य प्रदेश की मसूर बढ़ी तथा अन्य दालों के भाव स्थिर
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में एसक्यू उड़द की कीमतों में गिरावट आई, जबकि मध्य प्रदेश की मसूर के भाव में हल्का सुधार आया तथा अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे।
दिल्ली में व्यापारिक गतिविधियां कमजोर ही रही, क्योंकि राज्य सरकार ने 26 अप्रैल तक पूर्ण लॉकडाउन लगा रखा है।
बर्मा उड़द एसक्यू के दाम चेन्नई में नरम होने के साथ ही लगातार आयात होने से दिल्ली में 75 रुपये फिसलकर 8150 से 8175 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि, उड़द एफएक्यू के दाम 7,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
मध्य प्रदेश लाईन की मसूर का भाव में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि कनाडा की मसूर के दाम 6450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। सभी उत्पादक केंद्रों पर मसूर की आवक कम हो गई है तथा आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। आयातित स्टॉक कम होने के कारण मिलर्स और बड़े खरीददार आगे देसी मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 116 रुपये की गिरावट आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 128 रुपये का मंदा आया।
बर्मा की उड़द तथा कनाडा की मसूर के दाम मुंबई में घटे, अरहर और चना के दाम स्थिर
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मंगलवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित बर्मा की उड़द के साथ ही कनाडा की मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि अरहर के साथ ही आयातित चना एवं काबूली चना के दाम स्थिर बने रहे।
देशभर में बढ़े रहे कोविड के मामलों की रोकथाम के लिए कई राज्यों में आंशिक या फिर पूर्ण लॉकडाउन लगाने से, विशेष रूप से दाल की खपत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
बर्मा उड़द एफएक्यू में दोनों नई के साथ ही पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 7350 रुपये और 7250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा की क्रिमसन किस्म की मसूर के दाम मुंबई, हजीरा, कांडला और मुंद्रा बंदरगाह पर 25 रुपये प्रति क्विंटल नरम हो गए। हालाकि, आयातित मसूर का स्टॉक कम होने के साथ ही आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। अतः आयातित स्टॉक कम होने के कारण आगे बड़े खरीददार एवं मिलर्स घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे।
लेमन अरहर के दाम मुंबई में 6,700 रुपये पर और अरुषा अरहर के दाम 6,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
तंजानिया के चना के भाव मुंबई में 5,200 से 5,250 रुपये तथा सुडान के काबूली चना के दाम 5,450 से 5,550 रुपये तथा रुस के काबूली चना के भाव 5,500 से 5,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 116 रुपये की गिरावट आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 133 रुपये का मंदा आया।
19 अप्रैल 2021
वित्त वर्ष 2020-21 में डीओसी का निर्यात 51 फीसदी बढ़ा, मूल्य में 100 फीसदी ज्यादा
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश से डीओसी का निर्यात मात्रा के हिसाब से 51 फीसदी बढ़कर 3,680,084 टन का हुआ है जबकि मूल्य के हिसाब से 100 फीसदी बढ़कर 8838 करोड़ रुपये का हुआ है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 के मार्च से अप्रैल के दौरान डीओसी का निर्यात 51 फीसदी बढ़कर 3,680,084 टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान केवल 2,433,617 टन का ही हुआ था। मार्च में डीअीसी के निर्यात में 82 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 321,435 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल मार्च में इनका निर्यात 177,003 टन का ही हुआ था।
एसईए के अनुसार मूल्य के हिसाब से वित्त वर्ष 2020-21 के मार्च से अप्रैल के दौरान डीओसी का निर्यात बढ़कर 8838 करोड़ रुपये का हुआ है, जोकि पिछले वित्त वर्ष के 4437 करोड़ रुपये से करीब 100 फीसदी ज्यादा है। डीओसी के निर्यात में हुई भारी बढ़ोतरी से देश के तिलहन किसानों को अपनी फसल के उचित दाम मिलें।
एसईए के अनुसार फरवरी के मुकाबले मार्च महीने में जहां सोया डीओसी की कीमतों में भारतीय बंदरगाह पर बढ़ोतरी दर्ज की गई, वहीं सरसों एवं अन्य डीओसी के दाम घट गए। सोया डीओसी के भाव मार्च में भारतीय बंदरगाह पर बढ़कर 579 डॉलर प्रति टन हो गए, जबकि फरवरी में इसके भाव 553 डॉलर प्रति टन थे। सरसों डीओसी के भाव मार्च में भारतीय बंदरगाह पर घटकर 274 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि फरवरी में इसके भाव 283 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह से केस्टर डीओसी के दाम मार्च में घटकर 67 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि फरवरी में इसके भाव 70 डॉलर प्रति टन थे।
गेहूं की सरकारी खरीद 113 लाख टन के पार, हरियाणा से सबसे ज्यादा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में न्यूनतम
समर्थन मूल्य, एमएसपी पर भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई अभी तक 113,60,364 टन
गेहूं की खरीद कर चुकी है जबकि पिछले सीजन की समान अवधि में केवल 2,48,764
टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा
हिस्सेदारी हरियाणा की है।
खाद्वय मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में हरियाणा से अभी तक एमएसपी पर 44,55,484 टन गेहूं की खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले रबी सीजन में राज्य से खरीद देरी से शुरू हो पाई थी। पंजाब से चालू रबी में 34,39,603 टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जोकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 1,83,820 टन से ज्यादा है। मध्य प्रदेश से चालू रबी में 28,49,448 टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले रबी की समान अवधि में राज्य से 37,773 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से चालू रबी में एमएसपी पर 3,04,504 टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जोकि पिछले रबी के 18,680 टन से ज्यादा है। राजस्थान से गेहूं की खरीद बढ़कर चालू रबी में अभी तक 2,38,389 टन की हो चुकी है जबकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि में केवल 8,237 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। उत्तराखंड से 28,110 टन, गुजरात से 36,360 टन, दिल्ली से 1,320 टन और हिमाचल प्रदेश से 171 टन गेहूं की खरीद हो चुकी है।
केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है, जबकि पिछले रबी में 1,925 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर था।
17 अप्रैल 2021
मुंबई में आयातित उड़द एवं मसूर के दाम तेज, चना और काबूली चना नरम तथा अरहर स्थिर
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से शनिवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित बर्मा की उड़द के साथ कनाडा की मसूर की कीमतों में तेजी आई जबकि चना और काबूली चना में मंदा देखा गया।
चेन्नई में आयात बराबर बना रहने के बावजूद भी मिलों की हाजिर मांग से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,500 रुपये और 7,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की मसूर के दाम मुंबई और हजीरा बंदरगाह पर 25 रुपये बढ़कर 6,225 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। आयातित स्टॉक कम होने के कारण मिलर्स और बड़े खरीददार आगे घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे जिससे तेजी को बल मिल रहा है। आयातित मसूर का स्टॉक दिन प्रति दिन कम हो रहा है इसलिए देसी मसूर में मिलों की मांग बढ़ेगी।
कोरोना के मामलों में हो रही बढ़ोतरी होने के कारण देश के कई राज्यों में फिर से लाकडॉन का खतरा बना हुआ है, जिससे मसूर की आवक प्रभावित होने का डर है।
बढ़े भाव में मिलों की मांग कमजोर होने से तंजानिया लाईन के चना की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 5,250-5,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह से रूस और सूडान के काबुली चना की कीमतों में भी 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 5,650-5,700 रुपये और 5,550-6,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मिलों की सीमित मांग के कारण मुंबई में लेमन अरहर के दाम 6,750 से 6,800 रुपये और अरुषा अरहर के भाव 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
16 अप्रैल 2021
मसाला कंपनियों की कमजोर मांग से रामगंज में धनिया 100 रुपये टूट
नई दिल्ली। रामगंज मंडी में शुक्रवार को 15 हजार बोरी नए धनिया की आवक हुई तथा मसाला कंपनियों की कमजोर मांग से धनिया की कीमतों में 100 रुपये का मंदा आया।
मंडी में धनिया बादामी का भाव 6,000 से 6,200 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,400 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,700 से 6,900 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 7,200 से 7,400 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 8,000 से 13,000 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।
मैथी का भाव मंडी में बढ़कर आज 5,800 से 6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि कलौजी का भाव 21,500 से 23,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
चना, अरहर, मसूर और राजमा के साथ ही काबूली चना के दाम दिल्ली में तेज, उड़द के दाम स्थिर
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में चना, अरहर, मसूर और राजमा के साथ ही काबूली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
बर्मा की लेमन अरहर के हाजिर डिलीवरी के भाव 100 रुपये बढ़कर 7,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई में हाजिर में स्टॉक कम होने एवं मिलों की मांग में आई तेजी अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर 6,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम दिल्ली में 100 रुपये तेज होकर 7,500 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम दिल्ली में 50 रुपये की तेजी के साथ 6,700 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए।
कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर का भाव में 100 और 200 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,500 रुपये और 6,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कीमतों में तेजी आई। आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। आयातित स्टॉक कम होने के कारण मिलर्स और बड़े खरीददार आगे घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे। आयातित मसूर का स्टॉक दिन प्रति दिन कम हो रहा है इसलिए देसी मसूर में मिलों की मांग बढ़ेगी। कोरोना के मामलों में हो रही बढ़ोतरी होने के कारण देश के कई राज्यों में फिर से लाकडॉन का खतरा बना हुआ है, जिससे मसूर की आवक प्रभावित होने का डर है।
महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और इंदौर लाईन के काबुली चना की कीमतों में 200-400 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई, व्यापारियों के अनुसार स्थानीय मिलों में मांग में आई तेजी, के साथ ही इन राज्यों में फसल को हुए नुकसान के कारण उत्पादक केंद्रों में आवक काफी कम हो रहा है, साथ ही विदेशी बाजार में दाम तेज होने के कारण आयात पड़ते भी नहीं लग रहे हैं।
चीन और बर्मा की राजमा कैप्सूल किस्म के साथ ही मद्रास की चित्रा और शर्मिली 1 में स्थानीय मिलों की मांग बढ़ने एवं हाजिर में स्टॉक कम होने के कारण दिल्ली में इनके भाव में 200-400 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
राजस्थानी चना के दाम दिल्ली मेमं 125 रुपये बढत्रकर 5,950 रुपये एवं मध्य प्रदेश के चना के दाम 100 रुपये तेज होकर 5,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू नई के दाम दिल्ली में क्रमश: 7,725 रुपये और 8,375 से 8,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। राजस्थान की कोटा लाईन की उड़द के दाम 7,200 से 7,300 रुपये और आंध्रप्रदेश की नई उड़द के दाम 8,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 5 रुपये की तेजी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 41 रुपये का सुधार आया।
आयातित मसूर, चना एवं काबूली चना मुंबई में दूसरे दिन तेज, उड़द और अरहर स्थिर
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से शुक्रवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित मसूर, चना एवं काबूली चना की कीमतों में तेजी आई जबकि उड़द के साथ ही अरहर के दाम स्थिर बने रहे।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर 25 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। आयातित स्टॉक कम होने के कारण मिलर्स और बड़े खरीददार आगे घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे जिससे तेजी को बल मिल रहा है। आयातित मसूर का स्टॉक दिन प्रति दिन कम हो रहा है इसलिए देसी मसूर में मिलों की मांग बढ़ेगी। कोरोना के मामलों में हो रही बढ़ोतरी होने के कारण देश के कई राज्यों में फिर से लाकडॉन का खतरा बना हुआ है, जिससे मसूर की आवक प्रभावित होने का डर है।
आयातित हाजिर स्टॉक कम होने एवं मिलों की मांग बढ़ने से तंजानिया लाईन के चना के साथ ही सूडान के काबुली चना की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी के दाम मुंबई में क्रमश: 7,500 रुपये और 7,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
लेमर अरहर के दाम मुंबई में 6,800 रुपये और अरूषा अरहर के 6,400 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 55 रुपये की तेजी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 108 रुपये की बढ़ोतरी हुई।
चीनी का उत्पादन 290.91 लाख टन, पिछले पेराई सीजन से 17.18 फीसदी ज्यादा
नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2020-21 के पहले साढ़े छह महीनों में पहली अक्टूबर से 15 अप्रैल 2021 तक चीनी का उत्पादन 17.18 फीसदी बढ़कर 290.91 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान केवल 248.25 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था।
चालू पेराई सीजन में इस समय देशभर की 170 चीनी मिलों में पेराई चल रही है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 140 मिलों में ही पेराई चल रही थी।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में 15 अप्रैल 2021 तक 103.95 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 60.76 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था।
उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 120 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जिसमें से 54 मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। राज्य में 15 अप्रैल 2021 तक 100.86 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि के 108.25 लाख टन से कम है।
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 15 अप्रैल तक 41.45 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 33.82 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य की 66 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जोकि लगभग बंद हो चुकी है। अब केवल दक्षिण कर्नाटक में कुछ मिलें विशेष सत्र की पेराई कर रही हैं। पिछले पेराई सीजन में विशेष सत्र में केवल 1.32 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
गुजरात में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 9.50 लाख टन और तमिलनाडु में 5.85 लाख टन चीनी का उत्पादन 15 अप्रैल 2021 तक हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इन राज्यों में क्रमश: 8.80 लाख टन और 5 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। पिछले साल तमिलनाडु में विशेष सत्र के दौरान 2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
देश के अन्य राज्यों आंध्रप्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा में 29.30 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
चालू पेराई सीजन में अक्टूबर 20 से मार्च 21 के दौरान करीब 29.72 लाख टन चीनी की शिपमेंट हो चुकी है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 30.64 लाख टन की शिपमेंट हुई थी। अप्रैल में करीब 8 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हुए हैं, तथा चालू सीजन में सबसे ज्यादा निर्यात इंडोनेशिया और अफगानिस्तान को हुआ है।
चालू सीजन में मानसूनी बारिश सामान्य होने की संभावना — आईएमडी
नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आज देश के लिए मानसून का पहला अनुमान जारी किया और इसमें उन्होंने कहा कि पूरे देश में मानसून सामान्य रहेगा। इस साल एलनीनो के बढ़ने के आसार कम हैं। संस्थान इसके बाद अगला अपडेट मई में देगा। इतना ही नहीं संस्थान हर महीने के अंत में अनुमान जारी करेगा।
IMD ने कहा कि मॉनसून के दौरान La Nino की संभावना काफी कम है। देश में लंबी अवधि में 98 प्रतिशत बारिश का अनुमान है। देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य मॉनसून का अनुमान जताया गया है। इसके बाद आईएमडी द्वारा मई में मॉनसून का दूसरा अनुमान जारी किया जायेगा।आज भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी मौसम अनुमान के पहले प्राइवेट
एजेंसी स्काईमेट ने अपना मानसून अनुमान जारी कर दिया था। स्काईमेट ने भी
मॉनसून सामान्य रहने का अनुमान जताया था। हालांकि Skymet ने अनुमान लगाया
था कि लोंग पीरियड एवरेज रेनफॉल 103 पर्सेंट होगा।
मौसम विभाग के अनुसार जून से सितंबर की वर्षा के लिए LPA का अनुमान 880.6 मिलीमीटर है, जिसका अर्थ है कि यदि पूर्वानुमान सही है, तो देश में वास्तविक वर्षा लगभग 907 मिलीमीटर हो सकती है। पूर्वानुमान में 5 फीसदी प्लस और माइनस है।
LPA के 96-104 प्रतिशत के बीच वर्षा को सामान्य वर्षा माना जाता है।
भारत भर में वास्तविक वर्षा 2020 में एलपीए का 109 प्रतिशत थी, जबकि 2019 में यह एलपीए का 110 फीसदी था।
स्काईमेट ने यह भी कहा कि 2021 में देश भर में सामान्य से ऊपर-सामान्य बारिश होने की 85 प्रतिशत संभावना है और इस साल देश में बारिश सामान्य से नीचे रहने और व्यापक सूखे की कोई संभावना नहीं है।
2020 के दक्षिण-पश्चिम मानसून का मौसम औसत से 9 फीसदी ऊपर था, जिससे यह लगातार दूसरे साल बारिश सामान्य से अधिक रही।
15 अप्रैल 2021
मसाला कंपनियों की सीमित मांग से रामगंज में धनिया के भाव स्थिर
नई दिल्ली। रामगंज मंडी में गुरूवार को 10 हजार बोरी नए धनिया की आवक हुई तथा मसाला कंपनियों की सीमित मांग से धनिया के दाम स्थिर बने रहे।
धनिया बादामी का भाव 6,100 से 6,300 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,400 से 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,800 से 7,000 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 7,200 से 7,500 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 8,000 से 13,800 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।
मैथी का भाव मंडी में बढ़कर आज 5,600 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि कलौजी का भाव 20,000 से 21,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
मिलों की मांग से दिल्ली में अरहर, मसूर एवं काबूली चना तेज, उड़द के दाम स्थिर
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, मसूर के साथ ही काबूली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि उड़द के दाम स्थिर बने रहे।
कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम दिल्ली में 50 रुपये तेज होकर 7,400 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम दिल्ली में 50 रुपये की तेजी के साथ 6,650 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। चेन्नई में अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर 6,850 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। बर्मा की लेमन अरहर के हाजिर डिलीवरी के भाव 7,150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर का भाव में 125 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,400 रुपये और 6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कीमतों में तेजी आई। आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। आयातित स्टॉक कम होने के कारण मिलर्स और बड़े खरीददार आगे घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे। आयातित मसूर का स्टॉक दिन प्रति दिन कम हो रहा है इसलिए देसी मसूर में मिलों की मांग बढ़ेगी। कोरोना के मामलों में हो रही बढ़ोतरी होने के कारण देश के कई राज्यों में फिर से लाकडॉन का खतरा बना हुआ है, जिससे मसूर की आवक प्रभावित होने का डर है।
महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और इंदौर लाईन के काबुली चना की कीमतों में 200-400 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई, व्यापारियों के अनुसार स्थानीय मिलों में मांग में आई तेजी, के साथ ही इन राज्यों में फसल को हुए नुकसान के कारण उत्पादक केंद्रों में आवक काफी कम हो रहा है, साथ ही विदेशी बाजार में दाम तेज होने के कारण आयात पड़ते भी नहीं लग रहे हैं।
बर्मा की उड़द एफएक्यू और एसक्यू के दाम दिल्ली में मिलों की सीमित मांग से क्रमश: 7,750 रुपये और 8,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। आंध्रप्रदेश लाईन की नई उड़द 8,100 रुपये, राजस्थान के कोटा लाईन की 7,200 से 7,300 रुपये तथा मध्यप्रदेश की नेफेड द्वारा खरीदी हुई उड़द के दाम भी 7,200 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 165 रुपये की तेजी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 163 रुपये का सुधार आया।
चालू सीजन में 360 लाख गांठ कॉटन उत्पादन एवं 60 लाख गांठ निर्यात का अनुमान - सीएआई
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए चालू फसल सीजन में 360 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो कपास के उत्पादन का अनुमान है, जोकि पहले के 358.50 लाख गांठ से 1.50 लाख गांठ है। साथ ही कपास का निर्यात बढ़कर 60 लाख गांठ होने की उम्मद है, जोकि पिछले साल के 50 लाख गांठ से ज्यादा है।
कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया, सीएआई के अनुसार चालू सीजन में 31 मार्च 21 तक 43 लाख गांठ कॉटन के निर्यात की शिपमेंट हो चुकी है जबकि कुल निर्यात बढ़कर 60 लाख गांठ होने का अनुमान है। कपास का आयात चालू सीजन में घटकर 11 लाख गांठ ही होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल 15.50 लाख गांठ का आयात हुआ था। चालू सीजन में 31 मार्च तक 7.50 लाख गांठ कॉटन का आयात हो चुका है।
सीएआई के अनुसार चालू फसल सीजन में पहली अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 21 के दौरान उत्पादक मंडियों में 326.76 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है। सीसीआई के पास कॉटन का बकाया स्टॉक 47 लाख गांठ का, जबकि सीसीआई, महाराष्ट्र फेडरेशन, मिलों, एनसीडीईएक्स, एमसीएक्स एवं जिनर्स को मिलाकर कुल स्टॉक 156.26 लाख गांठ का बचा हुआ है।
आयातित मसूर, चना एवं काबूली चना मुंबई में तेज, अरहर और उड़द स्थिर
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित मसूर, चना एवं काबूली चना की कीमतों में तेजी आई जबकि उड़द के साथ ही अरहर के दाम स्थिर बने रहे।
व्यापारियों के अनुसार डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 75.14 के स्तर पर पहुंच गया, जिससे दलहन आयात महंगा हो जायेगा।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर साथ ही ऑस्ट्रेलिया की मसूर के भाव 50 से 75 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। आयातित स्टॉक कम होने के कारण मिलर्स और बड़े खरीददार आगे घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे जिससे तेजी को बल मिल रहा है। आयातित मसूर का स्टॉक दिन प्रति दिन कम हो रहा है इसलिए देसी मसूर में मिलों की मांग बढ़ेगी। कोरोना के मामलों में हो रही बढ़ोतरी होने के कारण देश के कई राज्यों में फिर से लाकडॉन का खतरा बना हुआ है, जिससे मसूर की आवक प्रभावित होने का डर है।
आयातित हाजिर स्टॉक कम होने एवं मिलों की मांग बढ़ने से तंजानिया लाईन के चना के साथ ही सूडान के काबुली चना की कीमतों में 50 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
बर्मा की उड़द एफएक्यू नई और पुरानी के दाम मुंबई में क्रमश: 7,550 और 7,450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
मिलों की सीमित खरीद के कारण लेमन अरहर के दाम 6,800 रुपये और अरुषा अरहर के 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 124 रुपये की तेजी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 97 रुपये का सुधार आया।
14 अप्रैल 2021
मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में मसूर नरम, अन्य के भाव स्थिर
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बुधवार को दिल्ली के नया बाजार में मसूर की कीमतों में नरमी आई, जबकि अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे।
कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर का भाव में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,275 रुपये और 6,475 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर देखी गई। आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। आयातित स्टॉक कम होने के कारण मिलर्स और बड़े खरीददार आगे घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे। आयातित मसूर का स्टॉक दिन प्रति दिन कम हो रहा है इसलिए देसी मसूर में मिलों की मांग बढ़ेगी। कोरोना के मामलों में हो रही बढ़ोतरी होने के कारण देश के कई राज्यों में फिर से लाकडॉन का खतरा बना हुआ है, जिससे मसूर की आवक प्रभावित होने का डर है।
डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 75.11 के स्तर पर पहुंच गया है जिससे दालों का आयात महंगा हो जाएगा।
कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी पुरानी अरहर के दाम दिल्ली में 7,350 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम दिल्ली में 6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। चेन्नई में अरहर के दाम 6,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। बर्मा की लेमन अरहर के हाजिर डिलीवरी के भाव 7,150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
बर्मा उड़द एसक्यू के दाम दिल्ली में 8,400 रुपये और एफएक्यू के भाव 7,750 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। राजस्थान के कोटा लाईन की उड़द के भाव 7,200 से 7,300 रुपये और मध्य प्रदेश की नेफेड की खरीदी हुई उड़द के दाम 7,200 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे।
मार्च में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 2.6 फीसदी बढ़ा
नई दिल्ली। मार्च में खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 2.6 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 980,243 टन का हुआ है जबकि पिछले साल मार्च में इनका आयात 955,422 टन का हुआ था।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार चालू तेल वर्ष 2020-21, नवंबर-20 से अक्टूबर-21 के पहले पांच महीनों नवंबर-20 से मार्च-21 के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 2.6 फीसदी की गिरावट आकर कुल आयात 5,375,003 टन का ही हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 5,519,213 टन का हुआ है।
एसईए के अनुसार चालू तेल वर्ष 2020-21 के पहले पांच महीनों नवंबर-20 से मार्च-21 के दौरान 5,240,326 टन खाद्य तेलों का और 134,677 टन अखाद्य तेलों का आयात हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में 5,396,365 टन खाद्य तेलों का और 122,848 टन अखाद्य तेलों का आयात हुआ था।
एसईए के अनुसार फरवरी के मुकाबले मार्च में आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आई है। मार्च में आरबीडी पॉमोलीन के दाम बढ़कर भारतीय बंदरगाह पर 1,075 डॉलर प्रति टन हो गए, जबकि फरवरी में इसके भाव 1,057 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह से क्रुड पाम तेल के भाव फरवरी के 1,089 डॉलर प्रति टन से बढ़कर मार्च में 1,126 डॉलर प्रति टन हो गए।
13 अप्रैल 2021
उंझा मंडी में जीरा और सौंफ की कीमतों में मंदा
नई दिल्ली। उंझा मंडी में मंगलवार को सुपर क्वालिटी जीरा के दाम 15,000 से 16,250 रुपये और मीडियम नया के भाव 100 रुपये घटकर 11,700 से 12,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मंडी में बेस्ट नया जीरा के दाम 100 रुपये घटकर 12,200 से 12,500 रुपये और चालू किस्म का भाव 11,500 से 11,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जीरा की आवक मंगलवार को 40,000 बोरियों की हुई।
सौंफ
उंझा मंडी में सौंफ की कीमतों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया। मंडी में सुपर क्वालिटी ग्रीन सौंफ के भाव 9,000 से 10,000 रुपये और बेस्ट ग्रीन क्वालिटी के दाम 8,000 से 9,000 रुपये तथा मीडियम के दाम 7,000 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चालू किस्म की सौंफ के दाम 6,000 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
एक्सट्रा सुपर सौंफ के दाम 17,000 से 17,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे, तथा मंडी में सौंफ की आवक 28,000 बोरियों की हुई।
काबूली चना और राजमा के साथ ही दिल्ली में अरहर के दाम तेज, चना और मसूर नरम
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मंगलार को दिल्ली के नया बाजार में काबूली चना और राजमा के साथ ही अरहर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि चना और मसूर की कीमतों में मंदा आया।
डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 75.42 के स्तर पर पहुंच गया है जिससे दालों का आयात महंगा हो जाएगा।
कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी पुरानी अरहर के दाम दिल्ली में 150 रुपये तेज होकर 7,350 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। दैनिक आवक कम होने एवं मिलों की मांग से हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम दिल्ली में 100 रुपये की तेजी के साथ 6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। चेन्नई में अरहर के दाम 75 रुपये बढ़कर 6,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। बर्मा की लेमन अरहर के हाजिर डिलीवरी के भाव 7,150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और इंदौर लाईन के काबुली चना की कीमतों में 300-800 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई, व्यापारियों के अनुसार स्थानीय मिलों में मांग में आई तेजी, के साथ ही इन राज्यों में फसल को हुए नुकसान के कारण उत्पादक केंद्रों में आवक काफी कम हो रहा है, साथ ही विदेशी बाजार में दाम तेज होने के कारण आयात पड़ते भी नहीं लग रहे हैं।
बर्मा की राजमा कैप्सूल किस्म और मद्रास की चित्रा सॉर्टेक्स में स्थानीय मिलों की मांग बढ़ने एवं हाजिर में स्टॉक कम होने के कारण दिल्ली में इनके भाव में 300-400 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
चना की कीमतों में 50 रुपये का मंदा आकर राजस्थानी चना के भाव 5,575 से 5,600 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 5,550 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
मसूर में भी ग्राहकी कमजोर होने से 25 रुपये की गिरावट आकर दिल्ली में भाव 6,525 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 26 रुपये की गिरावट आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 21 रुपये का मंदा आया।
12 अप्रैल 2021
मुंबई में आयातित अरहर, उड़द के साथ ही चना के दाम तेज
नई दिल्ली।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से सोमवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में
आयातित अरहर, उड़द के साथ ही चना और काबूली चना की कीमतों में तेजी दर्ज
की गई।
मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बर्मा की लेमन अरहर के साथ
अरूर्षा अरहर की कीमतों में 50-150 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,800
रुपये और 6,400 प्रति क्विंटल हो गए।
बर्मा उड़द एफएक्यू एफएक्यू नई
और पुरानी दोनों की कीमतों में 150-150 रुपये की तेजी आकर भाव 7,500 रुपये
और 7,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, चेन्नई में नियमित रूप से विदेशी
आपूर्ति के बावजूद उड़द दाल में ग्राहकी बढ़ने से कीमतों को समर्थन मिला।
तंजानिया
लाईन के चना के साथ ही सूडान के काबुली चना में मिलों की मांग बढ़ने से
मुंबई में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई।
चना, उड़द, अरहर के साथ ही दिल्ली में मसूर की कीमतों में तेजी
नई दिल्ली। स्टॉकिस्टों की सक्रियता बनी रहने से सोमवार को दिल्ली के नया बाजार में चना, उड़द के साथ ही अरहर और मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
अन्य बाजारों में दाम तेज होने से बर्मा की लेमन अरहर के हाजिर डिलीवरी के भाव 200 रुपये तेज होकर 7,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई में अरहर के दाम 75 रुपये बढ़कर 6,725 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी पुरानी अरहर के दाम दिल्ली में 50 रुपये तेज होकर 7,200 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम दिल्ली में 100 रुपये की तेजी के साथ 6,500 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए।
चेन्नई में विदेशी आपूर्ति बराबर बनी रहने के बावजूद भी मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बर्मा एफएक्यू-एसक्यू की कीमतों में लगातार तीसरे दिन 100 से 150 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,700-7,750 रुपये और 8,400-8,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। आंध्र प्रदेश की नई पॉलिश उड़द के दाम 200 रुपये तेज होकर 8,100 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। राजस्थान और मध्य प्रदेश लाईन की उड़द भी 200-200 रुपये बढ़कर 7,200-7,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 100-150 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,325 रुपये और 6,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है जबकि पड़ते नहीं लगने के कारण आगे मसूर का आयात होगा नहीं, इससे मसूर के नीचे भाव को तेजी को बल मिल रहा है। आयात नहीं होने के कारण मिलर्स और बड़ी कंपनियों को आगे देसी मसूर की खरीद ही करनी होगी।
वायदा कीमतों में आई तेजी से लारेंस रोड़ पर राजस्थान चना के दाम 200 रुपये बढ़कर 5,675 से 5,700 रुपये और मध्य प्रदेश लाईन के चना के दाम 225 रुपये बढ़कर 5,650 से 5,675 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 126 रुपये की तेजी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 124 रुपये का सुधार आया।
10 अप्रैल 2021
मसाला कंपनियों की मांग में आये सुधार से रामगंज में धनिया 100 रुपये तेज
नई दिल्ली। रामगंज मंडी में शनिवार को 14 हजार बोरी नए धनिया की आवक हुई तथा मसाला कंपनियों की मांग में आये सुधार से धनिया की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
धनिया बादामी का भाव 6,100 से 6,300 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,400 से 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,800 से 7,050 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 7,200 से 7,500 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 8,000 से 14,000 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।
मैथी का भाव मंडी में बढ़कर आज 5,600 से 5,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि कलौजी का भाव 19,500 से 20,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
उड़द, अरहर के दाम दिल्ली में तेज, मसूर की कीमतों में नरमी
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से शुक्रवार को दिल्ली के नया बाजार में उड़द के साथ ही अरहर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई, जबकि मसूर की कीमतों में गिरावट आई।
बर्मा की लेमन अरहर के हाजिर डिलीवरी के भाव 25 रुपये तेज होकर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी पुरानी अरहर के दाम दिल्ली में 6,950 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए, हालांकि इन भाव में बिकवाली नहीं आई। हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम दिल्ली में लगातार चौथे दिन 50 रुपये की तेजी के साथ 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। चेन्नई में अरहर के दाम 6,650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
चेन्नई में विदेशी आपूर्ति बराबर बनी रहने के बावजूद भी मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बर्मा एफएक्यू-एसक्यू की कीमतों में 50 से 100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,600 रुपये और 8,250-8,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दाल मिलों की हाजिर मांग घटने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 25-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,225 रुपये और 6,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। व्यापारियों के अनुसार, आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है जबकि पड़ते नहीं लगने के कारण आगे मसूर का आयात होगा नहीं, इससे मसूर के नीचे भाव को तेजी को बल मिल रहा है। आयात नहीं होने के कारण मिलर्स और बड़ी कंपनियों को आगे देसी मसूर की खरीद ही करनी होगी।
09 अप्रैल 2021
आवक घटी तो महंगा हुआ धनिया, मसाला मिलों की मांग बढ़ी
नई दिल्ली। राजस्थान की अधिकतर मसाला मंडियों में आज धनिया की कीमतों में तेजी दिखी। धनिए में उछाल की वजह मंडी में आवक में कमी को माना जा रहा है। मौसम साफ और कारोबारी दिन होने के बावजूद आज रामगंज सहित कई प्रमुख मंडियों में धनिया की आवक में कमी रही।
राजस्थान की रामगंज मंडी में आज 12,500 बोरी नए धनिए की आवक रही। मीडियम ग्रेड की आवक बेहतर रही, अपर ग्रेड का धनिया का आज कम पहुंचा। राजस्थान की रामगंज, कोटा, बारां और ब्यावर की मसाला मंडियों में नए धनिए के लोअर और मीडियम सेगमेंट की मंडी आवक अधिक रही। रामगंज मंडी में धनिया बादामी 5970-6050 रुपए प्रति क्विंटल, ईगल 6450-6600 रुपए प्रति क्विंटल रही। कोटा मंडी में धनिया बादामी 5700-5850 रुपए प्रति क्विंटल और धनिया ईगल 5950-6160 रुपए प्रति क्विंटल रहा।
दिल्ली में चना, उड़द, मसूर और हरियाणा लाईन की अरहर के दाम तेज
नई दिल्ली। स्टॉकिस्टों की खरीद बढ़ने से शुक्रवार को दिल्ली के नया बाजार में चना, उड़द, मसूर के साथ ही हरियाणा लाईन की अरहर में तेजी दर्ज की गई।
वायदा कीमतों में आई तेजी से दिल्ली में चना के दाम 75 रुपये तेज होकर राजस्थान के भाव 5,500 से 5,525 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,450 से 5,475 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम दिल्ली में 50 रुपये की तेजी के साथ 6,350 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। लेमन अरहर के हाजिर डिलीवरी के भाव 6,925 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। चेन्नई में अरहर के दाम 6,625 से 6,650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी पुरानी अरहर भी दिल्ली में 7,100 से 7,150 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई।
चेन्नई में विदेशी आपूर्ति बराबर बनी रहने के बावजूद भी मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बर्मा एफएक्यू-एसक्यू की कीमतों में 25 से 100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,550 रुपये और 8,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 100-125 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,259 रुपये और 6,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, मिलों की नीचे दाम पर आज मांग अच्छी देखी गई। आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है जबकि पड़ते नहीं लगने के कारण आगे मसूर का आयात होगा नहीं, इससे मसूर की कीमतों में तेजी को बल मिल रहा है। आयात नहीं होने के कारण मिलर्स और बड़ी कंपनियों को आगे देसी मसूर की खरीद ही करनी होगी।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 56 रुपये की तेजी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 59 रुपये का सुधार आया।
उंझा मंडी में जीरा और सौंफ की कीमतों में गिरावट जारी
नई दिल्ली। उंझा मंडी में शुक्रवार को सुपर क्वालिटी जीरा के दाम 500 रुपये घटकर 15,000 से 16,500 रुपये और मीडियम नया के भाव 100 रुपये घटकर 12,400 से 12,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मंडी में बेस्ट नया जीरा के दाम 100 रुपये घटकर 12,600 से 12,900 रुपये और चालू किस्म का भाव 12,000 से 12,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जीरा की आवक शुक्रवार को 55,000 बोरियों की हुई।
सौंफ
उंझा मंडी में सुपर क्वालिटी ग्रीन सौंफ के भाव 200 रुपये घटकर 10,000 से 12,300 रुपये और बेस्ट ग्रीन क्वालिटी के दाम 9,000 से 10,000 रुपये तथा मीडियम के दाम 8,000 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चालू किस्म की सौंफ के दाम 7,500 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
एक्सट्रा सुपर सौंफ के दाम 17,500 से 17,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे, तथा मंडी में सौंफ की आवक 24,000 बोरियों की हुई।
चालू सीजन की पहली छमाही में सोया डीओसी का निर्यात 277 फीसदी बढ़ा - सोपा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2020-21 के पहले छह महीनों अक्टूबर से मार्च के दौरान सोया डीओसी का निर्यात बढ़कर 15.94 लाख टन का हो चुका है, जोकि इसके पिछले फसल सीजन के 4.23 लाख टन से 276.83 फीसदी ज्यादा है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सोपा द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चालू फसल सीजन के पहले छह महीनों अक्टूबर से मार्च के दौरान 46.69 लाख टन सोया डीओसी का उत्पादन हुआ है, जिसमें से 15.94 लाख टन का निर्यात, तथा 3.05 लाख टन घरेलू बाजार में खाने में खपत और 27 लाख टन की खपत फीड में हो चुकी है।
सोपा के अनुसार चालू सीजन में सोयाबीन का उत्पादन 104.55 लाख टन तथा 5.16 लाख टन के बकाया स्टॉक के साथ कुल उपलब्धता 109.71 लाख टन की बैठी थी। मार्च तक उत्पादक मंडियों में 74.75 लाख टन सोयाबीन की आवक हो चुकी है जिसमें से 58.50 लाख टन की क्रेसिंग हो चुकी है। किसानों के साथ ही प्लांटों और व्यापारियों के पास पहली मार्च को 36.64 लाख टन सोयाबीन का स्टॉक बचा हुआ है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 43.55 लाख टन से कम है।
स्टॉकिस्टों की सक्रियात से मुंबई में आयातित अरहर, मसूर और चना के दाम तेज
नई दिल्ली। स्टॉकिस्टों की सक्रियता से शुक्रवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित अरहर के साथ ही मसूर और चना तथा काबूली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बर्मा की लेमन अरहर के साथ अरूर्षा अरहर की कीमतों में 100-200 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,750 रुपये और 6,200-6,250 प्रति क्विंटल हो गए।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की क्रिमसन किस्म की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। आयातित मसूर का स्टॉक कम होने के साथ ही आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है, जिससे कीमतों को समर्थन मिल रहा है। अत: आयातित स्टॉक कम होने के कारण आगे बड़े खरीददार एवं मिलर्स घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे।
तंजानिया लाईन के चना के साथ ही सूडान के काबुली चना में मिलों की मांग बढ़ने से मुंबई में 100-100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 56 रुपये की तेजी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 55 रुपये का सुधार आया।
खाद्य तेल : खाद्य तेलों की कीमतों की समीक्षा के लिए सरकार की बैठक, आयात शुल्क में कटौती पर विचार
नई दिल्ली। खाद्य तेलों की कीमतों में चल रही तेजी, की समीक्षा के लिए सरकारी अधिकारियों की बैठक हो रही है। सूत्रों के अनुसार कीमतों में कमी करने के लिए सरकार खाद्य तेल पर 'आयात शुल्क में कटौती' करने पर विचार करती है, इसी का असर है कि दोपहर बाद तिलहन एवं खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट आई है।
खाद्य मंत्रालय ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कटौती के फैसले की समीक्षा करने के लिए मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह को प्रस्ताव भेजा है। पिछले एक साल में खाद्य तेल की कीमतों में 35-95 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरसों के तेल के दाम लगभग दोगुने हो गए जबकि सूरजमुखी के तेल की दरों में 95 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई और मूंगफली और सोया तेल की कीमतों में 50 फीसदी की तेजी देखी गई। सरकार ने बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए नवंबर में आयात शुल्क में 10 फीसदी की कटौती की घोषणा की थी। बजट घोषणा के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खाद्य तेलों के लिए आयात शुल्क और कस्टम ड्यूटी को घटा दिया था।
कच्चे पाम तेल पर मूल आयात शुल्क पहले 27.5 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी किया गया था और सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल पर मूल कस्टम शुल्क भी 35 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया था। हालाँकि, सरकार के उपायों के परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं क्योंकि निर्यातक देशों ने कीमतों में बढ़ोतरी कर दी।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने सरकार से अनुरोध किया था कि वह अगले छह महीनों के लिए टैरिफ दर को 'फ्रीज करें' और सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पीडीएस के माध्यम से सब्सिडी युक्त खाद्य तेलों का वितरण करे।
08 अप्रैल 2021
दिल्ली में मसूर, उड़द एसक्यू में मंदा, अरहर और चना तेज
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से दिल्ली के नया बाजार में गुरूवार को मसूर और उड़द एसक्यू की कीमतों में गिरावट आई, जबकि हरियाणा लाईन की अरहर के साथ ही चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम दिल्ली में 50 रुपये की तेजी के साथ 6,300 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। लेमन अरहर के हाजिर डिलीवरी के भाव 6,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। चेन्नई में अरहर के दाम 6,650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी पुरानी अरहर भी दिल्ली में 7,100 से 7,150 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई।
चेन्नई के बाजार से कमजोर संकेतों और चेन्नई में विदेशी आपूर्ति के कारण, बर्मा उड़द एसक्यू की कीमतों में 100 रुपये की गिरावट आकर भाव 8,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। जबकि, उड़द एफएक्यू के दाम 7,525 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 25-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,125 रुपये और 6,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, मिलों की बढ़े हुए भाव में मांग कमजोर देखी गई। आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है जबकि पड़ते नहीं लगने के कारण आगे मसूर का आयात होगा नहीं। इसलिए मिलर्स और बड़ी कंपनियों को आगे देसी मसूर की खरीद ही करनी होगी।
वायदा कीमतों में आई तेजी से दिल्ली में शाम को चना के भाव 100 रुपये प्रति क्विंटल तक तेज हो गए। राजस्थानी चना के दाम 5,425 से 5,450 रुपये और मध्यप्रदेश के चना के भाव 5,400 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 83 रुपये की तेजी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 87 रुपये का सुधार आया।
मसाला कंपनियों की कमजोर मांग से रामगंज में धनिया 100 रुपये मंदा
नई दिल्ली। रामगंज मंडी में गुरूवार को 18 हजार बोरी नए धनिया की आवक हुई तथा मसाला कंपनियों की मांग कमजोर होने से लगातार दूसरे दिन इसकी कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
धनिया बादामी का भाव 6,100 से 6,300 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,300 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,700 से 6,900 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 7,200 से 7,500 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 8,000 से 13,000 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।
मैथी का भाव मंडी में बढ़कर आज 5,600 से 5,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि कलौजी का भाव 16,500 से 17,5000 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
बांग्लादेश ने गैर बासमती चावल की मांगी आयात निविदा, वित्त वर्ष 2020-21 बढ़ा चावल का निर्यात
नई दिल्ली। बांग्लादेश ने 50 हजार टन गैर बासमती चावल के आयात की निविदा मांगी है। वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान बासमती चावल का निर्यात 8.23 फीसदी बढ़कर 41.52 लाख टन का हुआ है, जबकि गैर बासमती चावल का निर्यात 142.68 फीसदी बढ़कर 110.98 लाख टन का हुआ है। निर्यातकों के साथ ही स्थानीय मांग कमजोर होने से गुरूवार को उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा के साथ ही दिल्ली के नया बाजार में बासमती चावल के दाम स्थिर हो गए। व्यापारियों के अनुसार निर्यात सौदे सीमित मात्रा में होने के कारण बासमती चावल की कीमतों में अभी बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
कैथल मंडी के कारोबारी रामनिवास खुरानियां ने बताया कि बासमती चावल में निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही हो रहे हैं, जबकि निर्यातकों के पास अपना स्टॉक ज्यादा है। इसलिए खुले बाजार से निर्यातकों की खरीद नहीं बढ़ पाने से भाव में तेजी नहीं बन पा रही है। उन्होंने बताया कि चालू महीने में निर्यातकों की मांग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जिससे भाव में सुधार आयेगा।
बांग्लादेश खाद्य निदेशालय ने 50 हजार टन गैर-बासमती parboiled चावल के (रेल द्वारा) आयात करने के लिए एक निविदा जारी की है, तथा निविदा की अंतिम तारिख 18 अप्रैल, 2021 रखी गई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 41.52 लाख टन का हुआ है, जोकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 38.36 लाख टन से 8.23 फीसदी ज्यादा है। मूल्य के हिसाब इस दौरान बासमती चावल का निर्यात घटा है, तथा वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 11 महीनों में 26,851 करोड़ रुपये का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 27,428 करोड़ रुपये मूल्य का बासमती चावल का निर्यात हुआ था।
गैर बासमती चावल का निर्यात वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 11 महीनों में 142.68 फीसदी बढ़कर 110.98 लाख टन का हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में केवल 47.73 लाख टन का ही निर्यात हुआ था। मूल्य के हिसाब से वित्त वर्ष 2020-21 में गैर बासमती चावल का निर्यात 30,277 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में 13,030 करोड़ रुपये का ही निर्यात हुआ था।
मुंबई में उड़द और मसूर की कीमतों में मंदा, चना और अरहर के दाम स्थिर
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से गुरूवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में बर्मा की उड़द के साथ ही कनाडा और आस्ट्रलिया की मसूर में गिरावट दर्ज की गई जबकि चना और अरहर के दाम स्थिर बने रहे।
जानकारों के अनुसार कोविड मामलों में फिर से वृद्धि के कारण कुछ प्रमुख खपत केंद्रों पर खरीदार बढ़े भाव में दालों की खरीद करने से संकोच कर रहे हैं, क्योंकि फिर से लॉकडाउन का डर है, जिससे दालों की खपत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी दोनों की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,250 रुपये और 7,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। चेन्नई में आयातित अरहर आने की संभावना से मिलों की बढ़े भाव में खरीद कमजोर रही।
मिलों की मांग कमजोर होने से कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, हजीरा, कांडला और मुंद्रा बंदरगाह पर साथ ही आस्ट्रेलिया की मसूर के भाव मुंबई में 25 रुपये प्रति क्विंटल तक घट गए। हालांकि, आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है जबकि पड़ते नहीं लगने के कारण आगे आयातित मसूर नहीं आयेगी। अत: मिलर्स और बड़े खरीदारों की आगे घरेलू मसूर में मांग बढ़ेगी।
मिलों की हाजिर मांग सीमित होने से लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर की क्रमश: 6,600 रुपये 6,150 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।
तंजानिया चना के साथ ही सूडान के काबुली चना के दाम मुंबई में क्रमश: 4,900 से 5,000 रुपये और 5,000 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। रशिया का काबूली चना 5,250 से 5,400 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 75 रुपये की तेजी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 72 रुपये का सुधार आया।
07 अप्रैल 2021
उंझा मंडी में जीरा और सौंफ की कीमतों में 100 रुपये का मंदा
नई दिल्ली। उंझा मंडी में बुधवार को सुपर क्वालिटी जीरा के दाम 15,000 से 17,000 रुपये और मीडियम नया 12,500 से 12,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, तथा इसमें 100 रुपये की गिरावट आई।
मंडी में बेस्ट नया जीरा के दाम 12,700 से 13,000 रुपये और चालू किस्म का भाव 12,000 से 12,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा। जीरा की आवक बुधवार को 52,000 बोरियों की हुई।
सौंफ
उंझा मंडी में सुपर क्वालिटी ग्रीन सौंफ के भाव 10,000 से 12,500 रुपये और बेस्ट ग्रीन क्वालिटी के दाम 9,000 से 10,000 रुपये तथा मीडियम के दाम 10,000 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चालू किस्म की सौंफ के दाम 7,500 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
एक्सट्रा सुपर सौंफ के दाम 17,500 से 17,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे, तथा मंडी में सौंफ की आवक 28,000 बोरियों की हुई।
मसाला कंपनियों की कमजोर मांग से रामगंज में धनिया 100 रुपये मंदा
नई दिल्ली। रामगंज मंडी में बुधसार को 26 हजार बोरी नए धनिया की आवक हुई तथा मसाला कंपनियों की मांग कमजोर होने से कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
धनिया बादामी का भाव 6,100 से 6,400 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,300 से 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,800 से 7,000 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 7,200 से 7,500 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 8,000 से 14,800 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।
मैथी का भाव मंडी में बढ़कर आज 5,600 से 5,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि कलौजी का भाव 16,500 से 17,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
अरहर, काबूली चना दिल्ली में तेज, देसी चना, मसूर और चीन की राजमा में मंदा
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से दिल्ली के नया बाजार में बुधवार को लगातार दूसरे दिन अरहर और काबुली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई, जबकि देसी चना के साथ ही चीन की राजमा में गिरावट आई।
अन्य घरेलू बाजारों से आये सुधार से चेन्नई से लेमन अरहर के हाजिर डिलीवरी के भाव 50 रुपये बढ़कर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई में अरहर के दाम 50 रुपये तेज होकर 6,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी पुरानी अरहर भी 100 रुपये बढ़कर 7,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम दिल्ली में 100 रुपये की तेजी के साथ 6,250 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए।
महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और इंदौर लाईन के काबुली चना की कीमतों में 200-500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। स्थानीय मिलों की मांग में बढ़ोतरी के साथ ही फसल को हुए नुकसान के कारण उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक सामान्य के मुकाबले कम हो रही है, जबकि आयात पड़ते नहीं लगने के कारण आयात भी संभव नहीं है।
चना की कीमतों में 75 से 100 रुपये की गिरावट राजस्थानी चना के भाव 5,350 रुपये और मध्यप्रदेश के चना के दाम 5,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मसूर के दाम दिल्ली में 50 रुपये घटकर 6,225 से 6,250 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
चीन लाईन की राजमा में मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से 200 रुपये की गिरावट आकर भाव 11800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 85 रुपये की गिरावट आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 87 रुपये का मंदा आया।
मुंबई में शुरूआती कारोबार में बर्मा उड़द और अरहर तेज, चना और मसूर स्थिर
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में लगातार दूसरे दिन बर्मा उड़द के साथ ही आयातित अरहर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि चना, काबूली चना और मसूर के दाम स्थिर हो गए।
बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी दोनों की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,300 रुपये और 7,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से भाव सुधार देखा गया।
चेन्नई में बर्मा उड़द एसकयचू 2021 मई डिलीवरी का भाव 8,075 रुपये, अप्रैल डिवरी एसक्यू का भाव 7,750 रुपये और एफएक्यू का भाव रेडी डिलीवरी का 7,150 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,700 रुपये 6,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
चेन्नई में बर्मा लेमन 2020 का भाव 6,400 रुपये और अरूषा अरहर का भाव 5,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बना रहा।
तंजानिया चना के साथ ही सूडान के काबुली चना के दाम मुंबई में क्रमश: 4,900 से 5,000 रुपये और 5,000 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। रशिया का काबूली चना 5,250 से 5,400 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।
आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम 6,125 रुपये और कनाडा की मसूर के दाम 6,050 रुपये प्रति क्विंटल र स्थिर बने रहे।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 11 रुपये की नरमी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 13 रुपये का मंदा आया।
06 अप्रैल 2021
मसाला कंपनियों की मांग बढ़ने से रामगंज में धनिया 150 रुपये तेज
नई दिल्ली। रामगंज मंडी में मंगलवार को 25 हजार बोरी नए धनिया की आवक हुई तथा मसाला कंपनियों की मांग बढ़ने से कीमतों में 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
धनिया बादामी का भाव 6,200 से 6,500 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,400 से 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,900 से 7,150 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 7,300 से 7,700 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 8,000 से 14,900 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।
मैथी का भाव मंडी में 5,200 से 5,400 रुपये और कलौजी का भाव 16,500 से 17,300 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
दिल्ली में अधिकांश दालों की कीमतों में तेजी दूसरे दिन भी जारी
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से दिल्ली के नया बाजार में मंगलवार को अधिकांश दालों अरहर, चना, उड़द, मसूर और काबुली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
दालों में थोक साथ ही खुदरा में मांग अच्छी देखी गई जबकि उत्पादक मंडियों में चना, काबूली चना और मसूर की दैनिक आवक अपेक्षाकृत कमजोर रही।
बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 100-125 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,500 से 7,525 रुपये और 8,175 से 8,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, चेन्नई और मुंबई के बाजारों में तेजी संकेतों और उड़द दाल में ग्राहकी सुधरने से भाव में तेजी आई।
कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 100-150 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,150 रुपये और 6,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है, जबकि पड़ते नहीं लगने के कारण आगे आयातित मसूर नहीं आयेगी, इसलिए मिलर्स और बड़े खरीददारों की मांग देसी मसूर में बढ़ेगी।
दिल्ली चना की कीमतों में 150 रुपये की तेजी आकर राजस्थान चना के भाव 5,425 से 5,450 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 5,400 से 5,425 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
लेमन अरहर नई और पुरानी की कीमतों में 150-150 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,900 और 6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
काबूली चना महाराष्ट्र और इंदौर में 300 से 500 रुपये प्रति क्विंटल तक तेज हो गया।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 200 रुपये की तेजी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 202 रुपये की बढ़त दर्ज की गई।
मुंबई में अधिकांश आयातित दालों के दाम तेज, स्टॉकिस्टों की सक्रियता बरकरार
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मंगलवार को मुंबई में में आयातित अरहर, उड़द, मसूर, चना और काबुली चना के दाम तेज खुले। घरेलू मंडियों में दलहनी फसलों की आवक सामान्य की तुलना में कमजोर रही।
मुंबई में उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50—50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,250 और 7,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर साथ ही ऑस्ट्रेलिया मसूर के दाम मिलों की मांग बढ़ने से 50 से 75 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है, तथा आयात पड़ते नहीं लगने के कारण आगे आयातित मसूर की आवक नहीं बनेगी। इसलिए स्टॉकिस्ट दाम तेज कर रहे हैं।
तंजानिया लाईन के चना के साथ ही सूडान के काबुली चना में हाजिर मिलों की मांग बढ़ने से 100 और 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव क्रमश: 4,900 से 5,000 रुपये और 5,000 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
लेमन अरहर के साथ ही अरुषा की कीमतों में 200 और 150 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,600 और 6,100 से 6,150 रुपये प्रति क्विंल हो गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 159 रुपये की तेजी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 174 रुपये का सुधार आया।
05 अप्रैल 2021
मसाला कंपनियों की कमजोर मांग से रामगंज में धनिया 50 रुपये नरम
नई दिल्ली। रामगंज मंडी में सोमवार को 20 हजार बोरी नए धनिया की आवक हुई तथा मसाला कंपनियों की सीमित मांग बनी रहने से कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
धनिया बादामी का भाव 6,000 से 6,200 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,300 से 6,650 प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,700 से 7,000 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 7,200 से 7,500 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 8,000 से 15,700 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।
मैथी का भाव मंडी में 5,200 से 5,400 रुपये और कलौजी का भाव 16,500 से 17,300 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
स्टॉकिस्टों की सक्रियता से दिल्ली में चना और मसूर तेज, उड़द में मंदा
नई दिल्ली। स्टॉकिस्टों की सक्रियता से दिल्ली के नया बाजार में सोमवार को चना के साथ ही कनाडा और मध्य प्रदेश की मसूर की कीमतों में तेजी आई, जबकि बर्मा की उड़द में गिरावट दर्ज की गई।
वायदा कीमतों में आई तेजी से लारेंस रोड़ पर चना के भाव में 125 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर राजस्थान लाईन के चना का भाव 5,225 से 5,250 रुपये और मध्य प्रदेश लाईन के चना का भाव 5,200 से 5,225 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,050 रुपये और 6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।
आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है, जबकि पड़ते नहीं लगने के कारण आगे आयातित मसूर नहीं आयेगी, इसलिए मिलर्स और बड़े खरीददारों की मांग देसी मसूर में बढ़ेगी।
बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 50-75 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,400 रुपये और 8,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, चेन्नई के बाजार से कमजोर संकेतों और विदेशी आपूर्ति की संभावना के साथ ही उड़द दाल में ग्राहकी कमजोर होने से कीमतों में नरमी आई।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 200 रुपये की तेजी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 202 रुपये की बढ़ दर्ज की गई।
03 अप्रैल 2021
मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में उड़द और राजमा में मंदा
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण दिल्ली के नया बाजार में शनिवार को बर्मा के साथ ही आंध्रप्रदेश की उड़द एवं चीन की राजमा में गिरावट दर्ज की गई।
बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 75-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,450 रुपये और 8,125 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, चेन्नई के बाजार से कमजोर संकेतों और विदेशी आपूर्ति की संभावना के साथ ही उड़द दाल में ग्राहकी कमजोर होने से कीमतों में नरमी आई।
आंध्र प्रदेश लाईन की उड़द भी 100 रुपये घटकर 7,800 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई।
चीन लाईन की राजमा की कीमतों में भी दिल्ली में 200 रुपये की गिरावट आकर भाव 12,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
उंझा मंडी में जीरा और सौंफ के दाम स्थिर
नई दिल्ली। उंझा मंडी में बुधवार को सुपर क्वालिटी जीरा के दाम 14,000 से 15,000 रुपये और मीडियम नया 12,200 से 13,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बना रहा।
मंडी में बेस्ट नया जीरा के दाम 13,000 से 13,500 रुपये और चालू किस्म का भाव 11,500 से 12,200 रुपये प्रति क्विंटल रहा। जीरा की आवक बुधवार को 65,000 बोरियों की हुई।
सौंफ
उंझा मंडी में सुपर क्वालिटी सौंफ के भाव 12,500 से 15,000 रुपये और बेस्ट क्वालिटी के दाम 12,000 से 12,500 रुपये तथा मीडियम के दाम 10,000 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चालू किस्म की सौंफ के दाम 7,500 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
एक्सट्रा सुपर सौंफ के दाम 18,400 से 19,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे, तथा मंडी में सौंफ की आवक 15,000 बोरियों की हुई।
मसाला कंपनियों की कमजोर मांग से रामगंज में धनिया दूसरे दिन स्थिर
नई दिल्ली। रामगंज मंडी में शनिवार को 11 हजार बोरी नए धनिया की आवक हुई तथा मसाला कंपनियों की सीमित मांग बनी रहने से लगातार दूसरे दिन दाम स्थिर बने रहे।
धनिया बादामी का भाव 6,100 से 6,300 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,400 से 6,700 प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,800 से 7,100 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 7,200 से 7,600 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 8,000 से 14,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
मैथी का भाव मंडी में 5,200 से 5,300 रुपये और कलौजी का भाव 16,000 से 16,800 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
02 अप्रैल 2021
दिल्ली में कनाडा और मध्यप्रदेश की मसूर नरम, चना तेज अन्य दालों के दाम स्थिर
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण दिल्ली के नया बाजार में शुक्रवार को कनाडा के साथ ही मध्य प्रदेश की मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। नीचे भाव में बिकवाली कम आने से चना के भाव में 25 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आया, जबकि अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे।
कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन के मसूर की कीमतों में 25-50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,000 रुपये और 6,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आयातित मसूर का स्टॉक कम हो रहा है तथा आयात पड़ते नहीं लगने के कारण आगे आयात नहीं हो पायेगा, ऐसे में घरेलू मिलर्स और बड़े खरीददारों की मांग देसी मसूर में बढ़ेगी।
राजस्थानी चना के भाव लारेंस रोड़ पर 25 रुपये बढ़कर 5,075 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 5,025 से 5,050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
उंझा मंडी में जीरा और सौंफ के दाम स्थिर
नई दिल्ली। उंझा मंडी में शुक्रवार को सुपर क्वालिटी जीरा के दाम 15,000 से 17,000 रुपये और मीडियम नया जीरा 13,500 से 14,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बना रहा।
मंडी में बेस्ट नया जीरा के दाम 14,000 से 15,000 रुपये और चालू किस्म का भाव 12,000 से 12,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा। जीरा की आवक शुक्रवार को 85,000 बोरियों की हुई।
सौंफ
उंझा मंडी में सुपर क्वालिटी सौंफ के भाव 15,000 से 17,500 रुपये और बेस्ट क्वालिटी के दाम 12,500 से 15,000 रुपये तथा मीडियम के दाम 8,000 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चालू किस्म की सौंफ के दाम 7,500 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
एक्सट्रा सुपर सौंफ के दाम 17,500 से 17,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे, तथा मंडी में सौंफ की आवक 15,000 बोरियों की हुई।
मसाला कंपनियों की सीमित मांग से रामगंज मंडी में धनिया के दाम स्थिर
धनिया बादामी का भाव 6,100 से 6,300 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,400 से 6,700 प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,800 से 7,100 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 7,200 से 7,600 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 8,000 से 15,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
मैथी का भाव मंडी में 5,200 से 5,400 रुपये और कलौजी का भाव 17,000 से 17,800 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
01 अप्रैल 2021
दाल मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में चना नरम, अन्य दालों के दाम स्थिर
नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने दिल्ली के नया बाजार में गुरूवार को चना की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई, जबकि अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे।
लारेंस रोड़ पर राजस्थानी चना के दाम घटकर 5,050 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,025 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मसूर के दाम दिल्ली में 6,075 से 6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
मुंबई में मसूर की कीमतों में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया।
चेन्नई में अरहर बर्मा 2020 लेमन के दाम 6,450 रुपये और अरुषा तंजानिया के दाम 6,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
बर्मा उड़द के दाम चेन्नई में एसक्यू हाजिर डिलीवरी के दाम 8,000 रुपये और मई डिलीवरी के 8,100 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। एफएक्यू हाजिर डिलवरी के दाम 7,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की अधिकांश मंडियां होली और मार्च क्लोलिंग की छुट्टियों के कारण 4 अप्रैल तक बंद रहेंगी। अत: मंडियां बंद होने से दलहन की आवक प्रभावित होगी।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 12 रुपये की नरमी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 14 रुपये का मंदा आया।
पाकिस्तानी पीएम इमरान खान का यूटर्न, भारत से कपास और चीनी आयात के फैसले को पलटा
नई दिल्ली। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने घरेलू स्तर पर हो रहे विरोध के आगे झुकते हुए भारत से कपास और चीनी के आयात के फैसले को पलट दिया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरान खान की कैबिनेट ने भारत से कपास और चीनी आयात करने के कैबिनेट आर्थिक समन्वय समिति के फैसले को खारिज कर दिया है। भारत से कपास मंगाने की कपड़ा उद्योग मांग कर रहा है, वहीं कट्टरपंथी इस बात के लिए इमरान सरकार की आलोचना कर रहे थे कि वह कश्मीर में बदलाव हुए बिना ही भारत के सामने झुक गई।
गुरुवार को पाकिस्तानी कैबिनेट के फैसले में कपास के आयात के फैसले पर रोक लगाने का निर्णय हुआ। इससे पहले पाकिस्तान की कैबिनेट आर्थिक समन्वय समिति ने बुधवार को भारत के साथ व्यापार को फिर से शुरू करने को मंजूरी दे दी थी। समिति ने कहा था कि पाकिस्तान 30 जून 2021 से भारत से कॉटन का आयात करेगा। पाकिस्तान सरकार ने निजी क्षेत्र को भारत से चीनी के आयात को भी मंजूरी दे दी थी।
पाकिस्तान ने वर्ष 2016 में भारत से कॉटन और अन्य कृषि उत्पादों के आयात पर रोक दिया था। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में चीनी की बढ़ती कीमतों और संकटों से जूझ रहे कपड़ा उद्योग को बचाने के लिए पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने भारत के साथ व्यापार की फिर से शुरुआत करने को मंजूरी दी थी। दोनों देशों में तनावपूर्ण रिश्तों के बीच यह पाकिस्तान का भारत के साथ संबंधों को सुधारने की दिशा में पहला बड़ा प्रयास माना जा रहा था।
चीनी का उत्पादन 277 लाख टन के पार, पिछले पेराई सीजन से 19 फीसदी ज्यादा
नई
दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2020-21 के पहले छह महीनों में पहली अक्टूबर से
31 मार्च 2021 तक चीनी का उत्पादन 19.05 फीसदी बढ़कर 277.57 लाख टन का हो
चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान केवल 233.14 लाख टन चीनी का ही
उत्पादन हुआ था।
चालू पेराई सीजन में 503 चीनी मिलों में पेराई चल
रही थी, जोकि पिछले साल की 457 मिलों से ज्यादा थी। 282 चीनी मिलों में
पेराई बंद हो चुकी है जबकि इस समय 221 मिलों में पेराई चल रही है।
इंडियन
शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र
में 31 मार्च 2021 तक 100.47 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले
साल इस समय तक केवल 59 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था।
उत्तर प्रदेश
में चालू पेराई सीजन में 120 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जिसमें से 39
मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। राज्य में 31 मार्च 2021 तक 93.71 लाख टन
चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 97.20 लाख
टन से कम है।
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 31 मार्च तक 41.39
लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में
केवल 33.50 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य की 66 चीनी मिलों में
से 65 में पेराई बंद हो चुकी है तथा अब केवल एक मिल में ही पेराई चल रही
है।
गुजरात में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 9.15 लाख टन और
तमिलनाडु में 5.08 लाख टन चीनी का उत्पादन 31 मार्च 2021 तक हो चुका है
जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इन राज्यों में क्रमश: 8.50 लाख टन
और 4.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। देश के अन्य राज्यों आंध्रप्रदेश
और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,
राजस्थान और ओडिशा में 27.77 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
चालू
पेराई सीजन में अभी तक करीब 45 से 46 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके
हैं जबकि केंद्र सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा तय रखा है।
उद्योग के अनुसार विश्व बाजार में दाम तेज होने से चीनी की निर्यात मांग
अच्छी बनी हुई, जोकि मिलों के लिए एक अच्छा कदम है। केंद्र सरकार ने 31
दिसंबर 2020 को चालू पेराई सीजन के लिए चीनी का 60 लाख टन का कोटा तय किया
था।