आर एस राणा
नई दिल्ली। एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का मूल्य शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 72 रुपये को पार कर गया। डॉलर की मजबूती से खाद्य तेलों के साथ ही कपास का आयात महंगा होगा, हालांकि कपास की आने वाली नई फसल के लिए अच्छा है, इससे नए सीजन में कपास निर्यात की संभावना बढ़ जायेगी।
महीने भर में रुपये के मुकाबले डॉलर 4.14 फीसदी बढ़ चुका है। 25 जुलाई को रुपये के मुकाबले डॉलर 69.16 के स्तर पर था। साल 2019 में पहली बार एक डॉलर का मूल्य 72 रुपये के पार चला गया है। शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 22 पैसे गिरा और 72.03 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। यह डॉलर के मुकाबले रुपये का 9 महीने का निचला स्तर है।
आयातित खाद्य तेलों 3 से 4 फीसदी होंगे महंगे
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक डॉ. बीवी मेहता ने बताया कि डॉलर की मजबूत से खाद्य तेलों का आयात 3 से 4 फीसदी महंगा हो जायेगा। उन्होंने बताया कि चालू तेल वर्ष 2018-19 (नवंबर-18 से अक्टूबर-19) के अगस्त से अक्टूबर तक करीब 36 से 40 लाख टन खाद्य तेलों का आयात होने का अनुमान है। इनकी अनुमानित कीमत करीब 24,000 से 25,000 करोड़ रुपये बैठेगी, अत: इसमें 3 से 4 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है। उन्होंने बताया कि चालू तेल वर्ष में खाद्य तेलों का करीब 150 लाख टन का आयात होने का अनुमान है। हालांकि मलेशिया और इंडोनेशिया में पॉम तेल का स्टॉक ज्यादा है, साथ ही घरेलू घरेलू बाजार में भी तिलहन खासकर के सरसों का बकाया स्टॉक ज्यादा है। इसलिए घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है।
खाद्य तेलों का आयात 5 फीसदी हो चुका है ज्यादा
उन्होंने बताया कि चालू तेल वर्ष के पहले 9 महीनों नवंबर-18 से जुलाई-19 के दौरान 108.03 लाख टन खाद्य तेलों एवं 4,771,195 टन अखाद्य तेलों का आयात हो चुका है जोकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 5 फीसदी ज्यादा है। उन्होंने बताया कि कुल खपत के करीब 70 फीसदी खाद्य तेलों का आयात किया जा रहा है। आयातित आरबीडी पॉमोलीन का भाव जुलाई में भारतीय बंदरगाह पर 532 और क्रुड पाम तेल का 490 डॉलर प्रति टन रहा।
कपास की कीमतों में सप्ताहभर में 1,000 रुपये की आई तेजी
नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती से कपास का आयात महंगा हुआ है। इससे घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में सप्ताहभर में ही करीब 1,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की तेजी आकर शुक्रवार को अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 43,000 रुपये प्रति कैंडी हो गया। कपास का भाव अक्टूबर महीने का न्यूयार्क वायदा में 58.87 सेंट प्रति पाउंड है जबकि 5 अगस्त को इसका भाव 58.50 सेंट प्रति पाउंड था। उन्होंने बताया कि डॉलर की मजबूती से कपास की आने वाली फसल को फायदा होगा, तथा निर्यात पड़ते अच्छे लगेंगे। उन्होंने बताया कि चालू फसल सीजन में 46 लाख गांठ कपास (एक गांठ-170 किलोग्राम) का निर्यात ही हुआ है।........... आर एस राणा
नई दिल्ली। एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का मूल्य शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 72 रुपये को पार कर गया। डॉलर की मजबूती से खाद्य तेलों के साथ ही कपास का आयात महंगा होगा, हालांकि कपास की आने वाली नई फसल के लिए अच्छा है, इससे नए सीजन में कपास निर्यात की संभावना बढ़ जायेगी।
महीने भर में रुपये के मुकाबले डॉलर 4.14 फीसदी बढ़ चुका है। 25 जुलाई को रुपये के मुकाबले डॉलर 69.16 के स्तर पर था। साल 2019 में पहली बार एक डॉलर का मूल्य 72 रुपये के पार चला गया है। शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 22 पैसे गिरा और 72.03 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। यह डॉलर के मुकाबले रुपये का 9 महीने का निचला स्तर है।
आयातित खाद्य तेलों 3 से 4 फीसदी होंगे महंगे
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक डॉ. बीवी मेहता ने बताया कि डॉलर की मजबूत से खाद्य तेलों का आयात 3 से 4 फीसदी महंगा हो जायेगा। उन्होंने बताया कि चालू तेल वर्ष 2018-19 (नवंबर-18 से अक्टूबर-19) के अगस्त से अक्टूबर तक करीब 36 से 40 लाख टन खाद्य तेलों का आयात होने का अनुमान है। इनकी अनुमानित कीमत करीब 24,000 से 25,000 करोड़ रुपये बैठेगी, अत: इसमें 3 से 4 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है। उन्होंने बताया कि चालू तेल वर्ष में खाद्य तेलों का करीब 150 लाख टन का आयात होने का अनुमान है। हालांकि मलेशिया और इंडोनेशिया में पॉम तेल का स्टॉक ज्यादा है, साथ ही घरेलू घरेलू बाजार में भी तिलहन खासकर के सरसों का बकाया स्टॉक ज्यादा है। इसलिए घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है।
खाद्य तेलों का आयात 5 फीसदी हो चुका है ज्यादा
उन्होंने बताया कि चालू तेल वर्ष के पहले 9 महीनों नवंबर-18 से जुलाई-19 के दौरान 108.03 लाख टन खाद्य तेलों एवं 4,771,195 टन अखाद्य तेलों का आयात हो चुका है जोकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 5 फीसदी ज्यादा है। उन्होंने बताया कि कुल खपत के करीब 70 फीसदी खाद्य तेलों का आयात किया जा रहा है। आयातित आरबीडी पॉमोलीन का भाव जुलाई में भारतीय बंदरगाह पर 532 और क्रुड पाम तेल का 490 डॉलर प्रति टन रहा।
कपास की कीमतों में सप्ताहभर में 1,000 रुपये की आई तेजी
नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती से कपास का आयात महंगा हुआ है। इससे घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में सप्ताहभर में ही करीब 1,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की तेजी आकर शुक्रवार को अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 43,000 रुपये प्रति कैंडी हो गया। कपास का भाव अक्टूबर महीने का न्यूयार्क वायदा में 58.87 सेंट प्रति पाउंड है जबकि 5 अगस्त को इसका भाव 58.50 सेंट प्रति पाउंड था। उन्होंने बताया कि डॉलर की मजबूती से कपास की आने वाली फसल को फायदा होगा, तथा निर्यात पड़ते अच्छे लगेंगे। उन्होंने बताया कि चालू फसल सीजन में 46 लाख गांठ कपास (एक गांठ-170 किलोग्राम) का निर्यात ही हुआ है।........... आर एस राणा
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