आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ सीजन की मक्का की उत्पादक मंडियों में आवक सितंबर-अक्टूबर में बनेगी, जबकि आयातित मक्का भी इसी दौरान भारत आने का अनुमान है। इसका नुकसान मक्का के घरेलू किसानों को उठाना पड़ सकता है। एमएमटीसी ने 75 हजार टन मक्का आयात के लिए निविदा मांगी हुई है जिसका आयात अगस्त से अक्टूबर के दौरान होना है।
चालू खरीफ सीजन में मक्का की बुआई बढ़कर 63.84 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुआई 62.48 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। खरीफ सीजन में मक्का का सबसे ज्यादा उत्पादन मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश में होता है। उत्तर प्रदेश की मंडियों में खरीफ मक्का की आवक सितंबर में जबकि अन्य राज्यों की मंडियों में अक्टूबर में बनेगी।
यूक्रेन में मक्का के भाव 180 से 181 डॉलर प्रति टन
यूएस ग्रेन काउंसिल में भारतीय प्रतिनिधि अमित सचदेव ने बताया कि यूक्रेन से ही मक्का का आयात होगा, तथा यूक्रेन में मक्का के भाव 180 से 181 डॉलर प्रति टन है, जोकि भारतीय बंदरगाह पहुंच 218 से 220 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) होंगे। आयात पर 15 फीसदी का शुल्क है, इसके अलावा बदरगाह के खर्च और परिवहन लागत को मिलाकर दक्षिण भारत की पोल्ट्री और स्टार्च मिलों को आयातित मक्का 2,300 से 2,300 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पहुंच होगी। इस समय दक्षिण भारत के राज्यों में मक्का के भाव 2,400 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं लेकिन नई फसल के कारण सितंबर-अक्टूबर में भाव घटने की उम्मीद है। आयातित मक्का भी सितंबर-अक्टूबर में आयेगी, जिसका असर मक्का की कीमतों पर पड़ेगा और इसका खामियाजा मक्का किसानों को उठाना होगा।
सरकार ने पांच लाख टन मक्का के आयात की दी हुई है अनुमति
घरेलू बाजार में मक्का की कीमतों में आई तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 15 फीसदी आयात शुल्क पर पांच लाख टन मक्का के आयात की अनुमति दी हुई है। मक्का का आयात केवल पोल्ट्री और स्टार्च मिलें ही कर सकेंगी, व्यापार के लिए मक्का का आयात नहीं किया जायेगा। दिल्ली के मक्का कारोबारी कमलेश कुमार जैन ने बताया कि हरियाणा पहुंच मक्का के भाव 2,100 से 2,200 रुपये प्रति क्विंटल है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल में साठी मक्का की आवक हो रही है जबकि उत्तर प्रदेश में खरीफ मक्का की आवक सितंबर में बनेगी। अत: सितंबर में मक्का की कीमतों में गिरावट आने का अनुमान है।
फाल आर्मी वार्म नामक कीड़ा लगने से हुआ था नुकसान
तेलंगाना की निजामाबाद मंडी के मक्का कारोबारी पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि दक्षिण भारत की मंडियों में मक्का के भाव 2,400 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल है तथा फसल सीजन 2018-19 में मक्का के उत्पादन में कमी आई थी। पिछले खरीफ में कई राज्यों में फाल आर्मी वार्म नामक कीड़ा लगने से फसल को भारी नुकसान हुआ था। उन्होंने बताया कि ब्राजील और अमेरिका में जीएम मक्का का उत्पादन होता है, इसलिए आयात यूक्रेन से ही होने का अनुमान है। यूक्रेन में मक्का की नई फसल की आवक अक्टूबर में बनेगी, लेकिन उसके पास पुराना स्टॉक बचा हुआ है। घरेलू मंडियों में खरीफ मक्का की आवक सितंबर-अक्टूबर में बनेगी, तथा आयातित मक्का भी उसी समय आयेगी, जिसका असर नई फसल की आवक के समय भाव पर पड़ सकता है।
मक्का के उत्पादन में आई कमी
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में रबी सीजन में मक्का का उत्पादन घटकर 70.19 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल रबी में 80.63 लाख टन का उत्पादन हुआ था। देश में खरीफ में मक्का का ज्यादा उत्पादन होता है। फसल सीजन 2018-19 में खरीफ और रबी सीजन को मिलाकर कुल उत्पादन 278.2 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 287.5 लाख टन का उत्पादन हुआ था।..... आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ सीजन की मक्का की उत्पादक मंडियों में आवक सितंबर-अक्टूबर में बनेगी, जबकि आयातित मक्का भी इसी दौरान भारत आने का अनुमान है। इसका नुकसान मक्का के घरेलू किसानों को उठाना पड़ सकता है। एमएमटीसी ने 75 हजार टन मक्का आयात के लिए निविदा मांगी हुई है जिसका आयात अगस्त से अक्टूबर के दौरान होना है।
चालू खरीफ सीजन में मक्का की बुआई बढ़कर 63.84 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुआई 62.48 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। खरीफ सीजन में मक्का का सबसे ज्यादा उत्पादन मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश में होता है। उत्तर प्रदेश की मंडियों में खरीफ मक्का की आवक सितंबर में जबकि अन्य राज्यों की मंडियों में अक्टूबर में बनेगी।
यूक्रेन में मक्का के भाव 180 से 181 डॉलर प्रति टन
यूएस ग्रेन काउंसिल में भारतीय प्रतिनिधि अमित सचदेव ने बताया कि यूक्रेन से ही मक्का का आयात होगा, तथा यूक्रेन में मक्का के भाव 180 से 181 डॉलर प्रति टन है, जोकि भारतीय बंदरगाह पहुंच 218 से 220 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) होंगे। आयात पर 15 फीसदी का शुल्क है, इसके अलावा बदरगाह के खर्च और परिवहन लागत को मिलाकर दक्षिण भारत की पोल्ट्री और स्टार्च मिलों को आयातित मक्का 2,300 से 2,300 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पहुंच होगी। इस समय दक्षिण भारत के राज्यों में मक्का के भाव 2,400 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं लेकिन नई फसल के कारण सितंबर-अक्टूबर में भाव घटने की उम्मीद है। आयातित मक्का भी सितंबर-अक्टूबर में आयेगी, जिसका असर मक्का की कीमतों पर पड़ेगा और इसका खामियाजा मक्का किसानों को उठाना होगा।
सरकार ने पांच लाख टन मक्का के आयात की दी हुई है अनुमति
घरेलू बाजार में मक्का की कीमतों में आई तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 15 फीसदी आयात शुल्क पर पांच लाख टन मक्का के आयात की अनुमति दी हुई है। मक्का का आयात केवल पोल्ट्री और स्टार्च मिलें ही कर सकेंगी, व्यापार के लिए मक्का का आयात नहीं किया जायेगा। दिल्ली के मक्का कारोबारी कमलेश कुमार जैन ने बताया कि हरियाणा पहुंच मक्का के भाव 2,100 से 2,200 रुपये प्रति क्विंटल है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल में साठी मक्का की आवक हो रही है जबकि उत्तर प्रदेश में खरीफ मक्का की आवक सितंबर में बनेगी। अत: सितंबर में मक्का की कीमतों में गिरावट आने का अनुमान है।
फाल आर्मी वार्म नामक कीड़ा लगने से हुआ था नुकसान
तेलंगाना की निजामाबाद मंडी के मक्का कारोबारी पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि दक्षिण भारत की मंडियों में मक्का के भाव 2,400 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल है तथा फसल सीजन 2018-19 में मक्का के उत्पादन में कमी आई थी। पिछले खरीफ में कई राज्यों में फाल आर्मी वार्म नामक कीड़ा लगने से फसल को भारी नुकसान हुआ था। उन्होंने बताया कि ब्राजील और अमेरिका में जीएम मक्का का उत्पादन होता है, इसलिए आयात यूक्रेन से ही होने का अनुमान है। यूक्रेन में मक्का की नई फसल की आवक अक्टूबर में बनेगी, लेकिन उसके पास पुराना स्टॉक बचा हुआ है। घरेलू मंडियों में खरीफ मक्का की आवक सितंबर-अक्टूबर में बनेगी, तथा आयातित मक्का भी उसी समय आयेगी, जिसका असर नई फसल की आवक के समय भाव पर पड़ सकता है।
मक्का के उत्पादन में आई कमी
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में रबी सीजन में मक्का का उत्पादन घटकर 70.19 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल रबी में 80.63 लाख टन का उत्पादन हुआ था। देश में खरीफ में मक्का का ज्यादा उत्पादन होता है। फसल सीजन 2018-19 में खरीफ और रबी सीजन को मिलाकर कुल उत्पादन 278.2 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 287.5 लाख टन का उत्पादन हुआ था।..... आर एस राणा
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