आर एस राणा
नई दिल्ली। खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात जुलाई में 26 फीसदी बढ़कर 14,12,001 टन का हुआ है जिसका असर घरेलू बाजार में तिलहन की कीमतों पर भी पड़ रहा है। उत्पादक मंडियों में सरसों के भाव 3,775 से 3,800 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि केंद्र सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,620 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार जुलाई में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात बढ़कर 14,12,001 टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनका आयात 11,19,538 टन का हुआ था। केंद्र सरकार द्वारा पांच महीने पहले मलेशिया से आयातित क्रुड पॉम तेल और रिफाइंड तेल के आयात शुल्क में अंतर कम होने के कारण रिफाइंड तेल के आयात में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिसका असर घरेलू बाजार में तिलहन की कीमतों पर तो पड़ा ही है, साथ ही घरेलू उद्योग पर भी इसका असर पड़ रहा है।
चालू तेल वर्ष के पहले 9 महीनों में आयात 5 फीसदी ज्यादा
एसईए के अनुसार चालू तेल वर्ष 2018-19 (नवंबर-18 से अक्टूबर-19) के पहले 9 महीनों नवंबर से जुलाई के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 5 फीसदी बढ़कर 112,80,972 टन का हुआ है जबकि इसके पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 107,66,076 टन का ही हुआ था। चालू तेल वर्ष के पहले 9 महीनों में 108,03,777 टन का खाद्य तेलों का और 4,77,195 टन का अखाद्य तेलों का आयात हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष में 104,54,489 टन खाद्य तेलों का तथा 3,11,587 टन अखाद्य तेलों का आयात हुआ था।
आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट
चालू तेल वर्ष के पहले 9 महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान आरबीडी पॉमोलीन तेल का आयात 40 फीसदी बढ़कर 20,90,381 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इसका आयात 14,95,674 टन का ही हुआ था। आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में जून के मुकाबले जुलाई में गिरावट दर्ज की गई है। जुलाई में आरबीडी पॉमोलीन का भाव भारतीय बंदरगाह पर घटकर 532 डॉलर प्रति टन रह गया जबकि जून में इसका भाव 539 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रुड पॉम तेल का भाव जून के 492 डॉलर प्रति टन से घटकर जुलाई में 490 डॉलर प्रति टन रह गया।............ आर एस राणा
नई दिल्ली। खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात जुलाई में 26 फीसदी बढ़कर 14,12,001 टन का हुआ है जिसका असर घरेलू बाजार में तिलहन की कीमतों पर भी पड़ रहा है। उत्पादक मंडियों में सरसों के भाव 3,775 से 3,800 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि केंद्र सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,620 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार जुलाई में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात बढ़कर 14,12,001 टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनका आयात 11,19,538 टन का हुआ था। केंद्र सरकार द्वारा पांच महीने पहले मलेशिया से आयातित क्रुड पॉम तेल और रिफाइंड तेल के आयात शुल्क में अंतर कम होने के कारण रिफाइंड तेल के आयात में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिसका असर घरेलू बाजार में तिलहन की कीमतों पर तो पड़ा ही है, साथ ही घरेलू उद्योग पर भी इसका असर पड़ रहा है।
चालू तेल वर्ष के पहले 9 महीनों में आयात 5 फीसदी ज्यादा
एसईए के अनुसार चालू तेल वर्ष 2018-19 (नवंबर-18 से अक्टूबर-19) के पहले 9 महीनों नवंबर से जुलाई के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 5 फीसदी बढ़कर 112,80,972 टन का हुआ है जबकि इसके पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 107,66,076 टन का ही हुआ था। चालू तेल वर्ष के पहले 9 महीनों में 108,03,777 टन का खाद्य तेलों का और 4,77,195 टन का अखाद्य तेलों का आयात हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष में 104,54,489 टन खाद्य तेलों का तथा 3,11,587 टन अखाद्य तेलों का आयात हुआ था।
आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट
चालू तेल वर्ष के पहले 9 महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान आरबीडी पॉमोलीन तेल का आयात 40 फीसदी बढ़कर 20,90,381 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इसका आयात 14,95,674 टन का ही हुआ था। आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में जून के मुकाबले जुलाई में गिरावट दर्ज की गई है। जुलाई में आरबीडी पॉमोलीन का भाव भारतीय बंदरगाह पर घटकर 532 डॉलर प्रति टन रह गया जबकि जून में इसका भाव 539 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रुड पॉम तेल का भाव जून के 492 डॉलर प्रति टन से घटकर जुलाई में 490 डॉलर प्रति टन रह गया।............ आर एस राणा
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