आर एस राणा
नई दिल्ली। किसानों को पेंशन लेने के लिए प्रीमियम देना होगा, जिसकी शुरूआत केंद्र सरकार 15 अगस्त से करने जा रही है। प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना के लिए 29 साल के किसान को 100 रुपये महीना प्रीमियम देना होगा, इतना ही प्रीमियम केंद्र सरकार वहन करेगी। कृषि सचिव ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर स्कीम को लागू करने के लिए मैकेनिज्म तैयार करने के निर्देश दिए हैं। योजना के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) किसानों के पेंशन फंड को मैनेज करेगा। इस पेंशन स्कीम के तहत किसानों को 60 साल की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक बतौर पेंशन देने का प्रावधान किया गया है।
पहले तीन साल में 5 करोड़ लाभार्थियों को शाामिल करने का लक्ष्य
कृषि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार किसान—पेंशन स्कीम के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है। वित्त मंत्रालय के साथ ही कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मिलकर ड्राफ्ट तैयार किया है। इस योजना के तहत पहले तीन साल में 5 करोड़ लाभार्थियों को शाामिल करना है। इससे सरकारी खजाने पर करीब 10,774.5 करोड़ रुपये सालाना खर्च आयेगा।
किसानों को देना होगा आधा प्रीमियम
प्रधानमंत्री-किसान पेंशन योजना के तहत लाभार्थी के योजना से जुड़ने के समय औसत उम्र 29 साल है तो उसे 100 रुपये हर महीने योगदान देना होगा। इसका मतलब है कि अगर लाभार्थी की उम्र 29 से कम है तो उसे योगदान कम देना होगा, वहीं अगर 29 से अधिक उम्र है तो किसान को प्रीमियम भी ज्यादा देना होगा। केंद्र सरकार भी इसमें इतना ही योगदान देगी। किसान पेंशन योजना के लिए 18 से 40 साल तक के किसान आवेदन कर सकेंगे। इस स्कीम में 60 साल की आयु के बाद किसानों को 3,000 रुपये तक प्रति माह पेंशन मिलेगी। किसानों के लिए ये स्कीम पूरी तरह से स्वैच्छिक होगी। प्रीमियम का आधा हिस्सा किसान और आधा हिस्सा सरकार वहन करेगी। अगले हफ्ते से इसके लिए रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हो जायेगी।
इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठायेगी, राज्यों पर नहीं डाली जायेगी जिम्मेदारी
कृषि मंत्रालय के अनुसार इस स्कीम को लागू करने के लिए राज्य सरकारों को पत्र लिखा है। वत्र में राज्यों को कहा गया है कि वे ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसका लाभ पहुंचाने के लिए इस स्कीम से जोड़े। केंद्र सरकार इसका पूरा खर्च उठायेगी, तथा राज्य सरकारों पर किसी प्रकार का वित्तीय बोझ नहीं डाला जाएगा। नई योजना के बारे में राज्य के कृषि मंत्रियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जितनी जल्दी हो सके, इसे लागू करने को कहा था।........... आर एस राणा
नई दिल्ली। किसानों को पेंशन लेने के लिए प्रीमियम देना होगा, जिसकी शुरूआत केंद्र सरकार 15 अगस्त से करने जा रही है। प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना के लिए 29 साल के किसान को 100 रुपये महीना प्रीमियम देना होगा, इतना ही प्रीमियम केंद्र सरकार वहन करेगी। कृषि सचिव ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर स्कीम को लागू करने के लिए मैकेनिज्म तैयार करने के निर्देश दिए हैं। योजना के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) किसानों के पेंशन फंड को मैनेज करेगा। इस पेंशन स्कीम के तहत किसानों को 60 साल की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक बतौर पेंशन देने का प्रावधान किया गया है।
पहले तीन साल में 5 करोड़ लाभार्थियों को शाामिल करने का लक्ष्य
कृषि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार किसान—पेंशन स्कीम के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है। वित्त मंत्रालय के साथ ही कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मिलकर ड्राफ्ट तैयार किया है। इस योजना के तहत पहले तीन साल में 5 करोड़ लाभार्थियों को शाामिल करना है। इससे सरकारी खजाने पर करीब 10,774.5 करोड़ रुपये सालाना खर्च आयेगा।
किसानों को देना होगा आधा प्रीमियम
प्रधानमंत्री-किसान पेंशन योजना के तहत लाभार्थी के योजना से जुड़ने के समय औसत उम्र 29 साल है तो उसे 100 रुपये हर महीने योगदान देना होगा। इसका मतलब है कि अगर लाभार्थी की उम्र 29 से कम है तो उसे योगदान कम देना होगा, वहीं अगर 29 से अधिक उम्र है तो किसान को प्रीमियम भी ज्यादा देना होगा। केंद्र सरकार भी इसमें इतना ही योगदान देगी। किसान पेंशन योजना के लिए 18 से 40 साल तक के किसान आवेदन कर सकेंगे। इस स्कीम में 60 साल की आयु के बाद किसानों को 3,000 रुपये तक प्रति माह पेंशन मिलेगी। किसानों के लिए ये स्कीम पूरी तरह से स्वैच्छिक होगी। प्रीमियम का आधा हिस्सा किसान और आधा हिस्सा सरकार वहन करेगी। अगले हफ्ते से इसके लिए रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हो जायेगी।
इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठायेगी, राज्यों पर नहीं डाली जायेगी जिम्मेदारी
कृषि मंत्रालय के अनुसार इस स्कीम को लागू करने के लिए राज्य सरकारों को पत्र लिखा है। वत्र में राज्यों को कहा गया है कि वे ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसका लाभ पहुंचाने के लिए इस स्कीम से जोड़े। केंद्र सरकार इसका पूरा खर्च उठायेगी, तथा राज्य सरकारों पर किसी प्रकार का वित्तीय बोझ नहीं डाला जाएगा। नई योजना के बारे में राज्य के कृषि मंत्रियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जितनी जल्दी हो सके, इसे लागू करने को कहा था।........... आर एस राणा
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