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28 अगस्त 2019

खरीफ में समर्थन मूल्य पर 416 लाख टन चावल खरीद का लक्ष्य, पिछले साल से 12.50 फीसदी ज्यादा

आर एस राणा
नई दिल्ली। सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2019-20 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 416 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य तय किया है। यह पिछले साल के लक्ष्य 369.75 लाख टन से 12.50 फीसदी ज्यादा है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले खरीफ में लक्ष्य तो 369.75 लाख टन का था लेकिन खरीद हुई 440.03 लाख टन की। उन्होंने बताया कि 2018-19 खरीफ में 10.21 करोड़ टन चावल का रिकार्ड उत्पादन का हुआ है। एक साल पहले यह 9.71 करोड़ टन था।
पंजाब और हरियाणा से खरीद का लक्ष्य ज्यादा
उन्होंने बताया कि पहली अक्टूबर 2019 से शुरू होने वाले खरीफ विपणन सीजन 2019-20 में प्रमुख उत्पादक राज्य पंजाब से चावल की खरीद का लक्ष्य 114 लाख टन और हरियाणा से 40 लाख टन तय किया गया है। यहां पिछले खरीफ सीजन में क्रमश: 113.34 और 39.41 लाख टन चावल की खरीद की गई थी जबकि लक्ष्य था 114 और 39.75 लाख टन का। अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश से 40 लाख टन, छत्तीसगढ़ से 48 लाख टन और ओडिशा से 34 लाख टन का लक्ष्य है। पिछले खरीफ सीजन में इन राज्यों से क्रमश: 48.04 लाख टन, 39.71 लाख टन और 43.83 लाख टन चावल की खरीद हुई थी। तेलंगाना से 30 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 33 लाख टन और पश्चिम बंगाल से 23 लाख टन खरीद का लक्ष्य है। पिछले खरीफ में यहां क्रमशः 51.86 लाख टन, 32.33 लाख टन और 17.21 लाख टन चावल की खरीद की गई थी। अन्य राज्यों में बिहार से 12 लाख टन और मध्य प्रदेश से 14 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य तय किया है। पिछले खरीफ सीजन में इन राज्यों से क्रमश: 9.49 लाख टन और 13.95 लाख टन चावल की खरीद की गई थी।
धान का एमएसपी 65 रुपये बढ़ाया था
केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन के लिए ए ग्रेड धान का एमएसपी 1,835 रुपये और सामान्य ग्रेड धान का 1,815 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। पिछले खरीफ में ग्रेड ए धान का एमएसपी 1,770 रुपये और सामान्य किस्म के धान का 1,750 रुपये प्रति क्विंटल था।
केंद्रीय पूल में 275.50 लाख टन चावल का रिकार्ड स्टॉक
केंद्रीय पूल में पहली अगस्त को रिकार्ड 275.50 लाख टन चावल का स्टॉक मौजूद है। पिछले साल पहली अगस्त को केवल 218.55 लाख टन चावल का स्टॉक था। कृषि मंत्रालय के अनुसार धान की रोपाई चालू खरीफ में 6.43 फीसदी पिछड़ कर अभी तक केवल 334.92 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 357.97 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी।...........   आर एस राणा

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