आर एस राणा
नई दिल्ली। ईरान में भारतीय चावल के निर्यातकों की करीब 1,500 करोड़ रुपये की राशि फंस गई है, जिसका असर नए निर्यात सौदों पर भी पड़ रहा है। ईरान, भारत से बासमती चावल का सबसे बड़ा आयातक देश है तथा वित्त वर्ष 2018-19 में ईरान ने भारत से 14.83 लाख टन का बासमती चावल का आयात किया था।
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन (एआईआरईए) के अध्यक्ष वितय सेतिया ने आटलुक को बताया कि पिछले दो महीने से चावल निर्यातकों की पैमेंट नहीं आ रही है जिस कारण पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के निर्यातकों की ईरान में करीब 1,500 करोड़ रुपये की राशि फंस गई है। उन्होंने बताया कि इसके समाधान के लिए हमने ईरान स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर, जल्द ही हल निकालने की मांग की है। उन्होंने बताया की पुरानी पेमेंट फंसने के कारण निर्यातक नए निर्यात सौदे भी नहीं कर रहे हैं। मामला ईरान और भारत सरकार के बीच का है। इसलिए निर्यातक कुछ करने की स्थिति में भी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है लेकिन निर्यात के मामले में भारत विश्व में नम्बर वन है।
कच्चे तेल की एवज में हो रहा था चावल का भुगतान
उन्होंने बताया कि ईरान से पहले चावल का भुगतान डालर में होता था, लेकिन अमेरिका द्वारा ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगा देने के बाद, डॉलर में भुगतान बंद हो गया था। इसके बाद भारत ईरान से कच्चा तेल मंगाता है, उसकी एवज में जो भुगतान होता था, इसमें से चावल निर्यातकों को भुगतान कर दिया जाता था। यह सिस्टम कुछ समय तो ठीक चला, लेकिन दो माह से इसमें दिक्कत आ गई है। ईरान की ओर से इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। हालांकि ईरान की रकम भारतीय बैंकों में जमा है। बस उन्हें इसे निर्यातकों को देने की इजाजत भर देनी है जिसमें देरी होने से निर्यातकों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
वित्त वर्ष 2018-19 में ईरान ने 14.83 लाख टन चावल का किया था आयात
भारत से निर्यात किए गए चावल का भुगतान यहां के बैंक आइडीबीआइ और यूको बैंक के माध्यम से हो रहा था, लेकिन पिछले 55 से 60 दिनों से भुगतान का संकट आया है। ईरान, भारतीय बासमती चावल का सबसे बड़ा आयातक देश है। एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में ईरान ने भारत से 14.83 लाख टन 10,790 करोड़ रुपये का बासमती चावल का आयात किया था, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में देश से बासमती चावल का कुल निर्यात 44.14 लाख टन का 32,804 करोड़ रुपये मूल्य का हुआ था।......... आर एस राणा
नई दिल्ली। ईरान में भारतीय चावल के निर्यातकों की करीब 1,500 करोड़ रुपये की राशि फंस गई है, जिसका असर नए निर्यात सौदों पर भी पड़ रहा है। ईरान, भारत से बासमती चावल का सबसे बड़ा आयातक देश है तथा वित्त वर्ष 2018-19 में ईरान ने भारत से 14.83 लाख टन का बासमती चावल का आयात किया था।
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन (एआईआरईए) के अध्यक्ष वितय सेतिया ने आटलुक को बताया कि पिछले दो महीने से चावल निर्यातकों की पैमेंट नहीं आ रही है जिस कारण पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के निर्यातकों की ईरान में करीब 1,500 करोड़ रुपये की राशि फंस गई है। उन्होंने बताया कि इसके समाधान के लिए हमने ईरान स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर, जल्द ही हल निकालने की मांग की है। उन्होंने बताया की पुरानी पेमेंट फंसने के कारण निर्यातक नए निर्यात सौदे भी नहीं कर रहे हैं। मामला ईरान और भारत सरकार के बीच का है। इसलिए निर्यातक कुछ करने की स्थिति में भी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है लेकिन निर्यात के मामले में भारत विश्व में नम्बर वन है।
कच्चे तेल की एवज में हो रहा था चावल का भुगतान
उन्होंने बताया कि ईरान से पहले चावल का भुगतान डालर में होता था, लेकिन अमेरिका द्वारा ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगा देने के बाद, डॉलर में भुगतान बंद हो गया था। इसके बाद भारत ईरान से कच्चा तेल मंगाता है, उसकी एवज में जो भुगतान होता था, इसमें से चावल निर्यातकों को भुगतान कर दिया जाता था। यह सिस्टम कुछ समय तो ठीक चला, लेकिन दो माह से इसमें दिक्कत आ गई है। ईरान की ओर से इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। हालांकि ईरान की रकम भारतीय बैंकों में जमा है। बस उन्हें इसे निर्यातकों को देने की इजाजत भर देनी है जिसमें देरी होने से निर्यातकों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
वित्त वर्ष 2018-19 में ईरान ने 14.83 लाख टन चावल का किया था आयात
भारत से निर्यात किए गए चावल का भुगतान यहां के बैंक आइडीबीआइ और यूको बैंक के माध्यम से हो रहा था, लेकिन पिछले 55 से 60 दिनों से भुगतान का संकट आया है। ईरान, भारतीय बासमती चावल का सबसे बड़ा आयातक देश है। एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में ईरान ने भारत से 14.83 लाख टन 10,790 करोड़ रुपये का बासमती चावल का आयात किया था, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में देश से बासमती चावल का कुल निर्यात 44.14 लाख टन का 32,804 करोड़ रुपये मूल्य का हुआ था।......... आर एस राणा
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