आर एस राणा
नई दिल्ली। बासमती के साथ ही गैर-बासमती चावल के निर्यात सौदे जुलाई में कम हुए हैं, जिससे निर्यात में कमी आने की आशंका है। घरेलू बाजार में चावल के दाम ऊंचे हैं, जबकि विश्व बाजार में कीमतें कम हैं। सितंबर-अक्टूबर में चावल की नई फसल की आवक शुरू होने ने के बाद निर्यात सौदों में तेजी आने का अनुमान है।
एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अफ्रीका के देशों से गैर-बासमती चावल की मांग में कमी आई है। ईरान, सऊदी अरब और इराक से बासमती चावल की मांग भी घटी है। उन्होंने बताया कि जुलाई-अगस्त में मांग आमतौर पर कम हो जाती है, लेकिन सितंबर-अक्टूबर से नई फसल की आवक बनने के बाद फिर से निर्यात सौदों में सुधार की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि गैर-बासमती चावल का निर्यात मुख्यत: बांग्लादेश, नेपाल, बेनिन और सेनेगल आदि को होता है।
गैर—बासमती चावल का निर्यात घटा, बासमती का बढ़ा
चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले दो महीनों, अप्रैल-मई के दौरान गैर-बासमती चावल के निर्यात में मूल्य के हिसाब से 52.94 फीसदी की गिरावट आई है। कुल 2,046 करोड़ रुपये का 7.11 लाख टन चावल ही निर्यात हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4,347 करोड़ रुपये का 15.25 लाख टन चावल निर्यात हुआ था। बासमती चावल का निर्यात जरूर बढ़ा है। अप्रैल-मई में 6,488 करोड़ रुपये का 8.64 लाख टन बासमती निर्यात हुआ जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 5,451 करोड़ रुपये का 7.45 लाख टन बासमती निर्यात हुआ था।
विश्व बाजार में चावल की कीमतें कम
दिल्ली के नया बाजार के चावल कारोबारी विजय गुप्ता ने बताया कि भारत के घरेलू बाजार में चावल के दाम उंचे हैं, जिस कारण अफ्रीकन देशों में थाइलैंड और वितयनाम के चावल की आयात मांग बढ़ी है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में गैर-बासमती चावल का कुल निर्यात पिछले साल की तुलना में कम होने की आशंका है। एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 20,903 करोड़ रुपये के 75.34 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ था।
सितंबर-अक्टूबर में बढ़ेगी मांग
चावल की निर्यातक फर्म केआरबीएल लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार मित्तल ने आउटलुक को बताया कि बासमती चावल में इस समय ईरान के साथ ही अन्य देशों से मांग कम है। निर्यात सौदे कम होने के कारण विश्व बाजार में बासमती चावल की कीमतों में भी मंदा आया है। जून में बासमती चावल के भाव बढ़कर 1,150 से 1,200 डॉलर प्रति हो गए थे, जो अब घटकर 1,100 से 1,125 डॉलर प्रति टन रह गए हैं। उन्होंने बताया कि मध्य सितंबर से बासमती चावल की निर्यात मांग में सुधार आने का अनुमान है।..... आर एस राणा
नई दिल्ली। बासमती के साथ ही गैर-बासमती चावल के निर्यात सौदे जुलाई में कम हुए हैं, जिससे निर्यात में कमी आने की आशंका है। घरेलू बाजार में चावल के दाम ऊंचे हैं, जबकि विश्व बाजार में कीमतें कम हैं। सितंबर-अक्टूबर में चावल की नई फसल की आवक शुरू होने ने के बाद निर्यात सौदों में तेजी आने का अनुमान है।
एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अफ्रीका के देशों से गैर-बासमती चावल की मांग में कमी आई है। ईरान, सऊदी अरब और इराक से बासमती चावल की मांग भी घटी है। उन्होंने बताया कि जुलाई-अगस्त में मांग आमतौर पर कम हो जाती है, लेकिन सितंबर-अक्टूबर से नई फसल की आवक बनने के बाद फिर से निर्यात सौदों में सुधार की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि गैर-बासमती चावल का निर्यात मुख्यत: बांग्लादेश, नेपाल, बेनिन और सेनेगल आदि को होता है।
गैर—बासमती चावल का निर्यात घटा, बासमती का बढ़ा
चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले दो महीनों, अप्रैल-मई के दौरान गैर-बासमती चावल के निर्यात में मूल्य के हिसाब से 52.94 फीसदी की गिरावट आई है। कुल 2,046 करोड़ रुपये का 7.11 लाख टन चावल ही निर्यात हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4,347 करोड़ रुपये का 15.25 लाख टन चावल निर्यात हुआ था। बासमती चावल का निर्यात जरूर बढ़ा है। अप्रैल-मई में 6,488 करोड़ रुपये का 8.64 लाख टन बासमती निर्यात हुआ जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 5,451 करोड़ रुपये का 7.45 लाख टन बासमती निर्यात हुआ था।
विश्व बाजार में चावल की कीमतें कम
दिल्ली के नया बाजार के चावल कारोबारी विजय गुप्ता ने बताया कि भारत के घरेलू बाजार में चावल के दाम उंचे हैं, जिस कारण अफ्रीकन देशों में थाइलैंड और वितयनाम के चावल की आयात मांग बढ़ी है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में गैर-बासमती चावल का कुल निर्यात पिछले साल की तुलना में कम होने की आशंका है। एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 20,903 करोड़ रुपये के 75.34 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ था।
सितंबर-अक्टूबर में बढ़ेगी मांग
चावल की निर्यातक फर्म केआरबीएल लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार मित्तल ने आउटलुक को बताया कि बासमती चावल में इस समय ईरान के साथ ही अन्य देशों से मांग कम है। निर्यात सौदे कम होने के कारण विश्व बाजार में बासमती चावल की कीमतों में भी मंदा आया है। जून में बासमती चावल के भाव बढ़कर 1,150 से 1,200 डॉलर प्रति हो गए थे, जो अब घटकर 1,100 से 1,125 डॉलर प्रति टन रह गए हैं। उन्होंने बताया कि मध्य सितंबर से बासमती चावल की निर्यात मांग में सुधार आने का अनुमान है।..... आर एस राणा
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