आर एस राणा
नई दिल्ली। विश्व बाजार में कीमतें कम होने के कारण जुलाई में डीओसी के निर्यात में 23 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 1,66,301 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई में इनका निर्यात 2,15,716 टन का हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों में डीओसी के निर्यात में 12 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार विश्व बाजार डीओसी की कीमतें नीचे बनी हुई है जबकि घरेलू बाजार में सीड के भाव उंचे होने के कारण निर्यात पड़ते कम लग रहे हैं। जुलाई में सरसों डीओसी के निर्यात में तो बढ़ोतरी हुई है, लेकिन सोयाबीन, केस्टर और राइसब्रान डीओसी के निर्यात में कमी आई है। सरसों डीओसी का निर्यात जुलाई में बढ़कर 93,837 टन का हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई में इसका निर्यात केवल 71,064 टन का ही हुआ था। सोया डीओसी का निर्यात जुलाई में घटकर केवल 26,006 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई में इसका निर्यात 62,524 टन का हुआ था।
डीओसी का निर्यात पहले चार महीनों में 12 फीसदी घटा
एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान डीओसी का निर्यात 12 फीसदी घटकर 8,51,070 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 9,66,874 टन का हुआ था। इस दौरान सोया डीओसी का निर्यात 1,82,631 टन, सरसों डीओसी का निर्यात 3,58,426 टन और केस्टर डीओसी का निर्यात 2,29,820 टन का हुआ है।
सोया डीओसी के भाव कम, सरसों के ज्यादा
भारतीय बंदरगाह पर सोया डीओसी के भाव जुलाई में औसतन 440 डॉलर प्रति टन रहे जबकि पिछले साल जुलाई में इसके भाव 433 डॉलर प्रति टन थे। हालांकि सरसों डीओसी के भाव चालू वित्त वर्ष के जुलाई में 220 डॉलर प्रति टन रहे जबकि पिछले साल जुलाई में इसका भाव 217 डॉलर प्रति टन था। केस्टर डीओसी का भाव पिछले साल के जुलाई के 79 डॉलर से बढ़कर चालू वित्त वर्ष के जुलाई में 118 डॉलर प्रति टन हो गया। एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष में जहां दक्षिण कोरिया और ईरान की डीओसी में आयात मांग ज्यादा रही है, वहीं वियतनाम, थाइलैंड और ताइवान की आयात मांग कम रही है। ...... आर एस राणा
नई दिल्ली। विश्व बाजार में कीमतें कम होने के कारण जुलाई में डीओसी के निर्यात में 23 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 1,66,301 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई में इनका निर्यात 2,15,716 टन का हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों में डीओसी के निर्यात में 12 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार विश्व बाजार डीओसी की कीमतें नीचे बनी हुई है जबकि घरेलू बाजार में सीड के भाव उंचे होने के कारण निर्यात पड़ते कम लग रहे हैं। जुलाई में सरसों डीओसी के निर्यात में तो बढ़ोतरी हुई है, लेकिन सोयाबीन, केस्टर और राइसब्रान डीओसी के निर्यात में कमी आई है। सरसों डीओसी का निर्यात जुलाई में बढ़कर 93,837 टन का हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई में इसका निर्यात केवल 71,064 टन का ही हुआ था। सोया डीओसी का निर्यात जुलाई में घटकर केवल 26,006 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई में इसका निर्यात 62,524 टन का हुआ था।
डीओसी का निर्यात पहले चार महीनों में 12 फीसदी घटा
एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान डीओसी का निर्यात 12 फीसदी घटकर 8,51,070 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 9,66,874 टन का हुआ था। इस दौरान सोया डीओसी का निर्यात 1,82,631 टन, सरसों डीओसी का निर्यात 3,58,426 टन और केस्टर डीओसी का निर्यात 2,29,820 टन का हुआ है।
सोया डीओसी के भाव कम, सरसों के ज्यादा
भारतीय बंदरगाह पर सोया डीओसी के भाव जुलाई में औसतन 440 डॉलर प्रति टन रहे जबकि पिछले साल जुलाई में इसके भाव 433 डॉलर प्रति टन थे। हालांकि सरसों डीओसी के भाव चालू वित्त वर्ष के जुलाई में 220 डॉलर प्रति टन रहे जबकि पिछले साल जुलाई में इसका भाव 217 डॉलर प्रति टन था। केस्टर डीओसी का भाव पिछले साल के जुलाई के 79 डॉलर से बढ़कर चालू वित्त वर्ष के जुलाई में 118 डॉलर प्रति टन हो गया। एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष में जहां दक्षिण कोरिया और ईरान की डीओसी में आयात मांग ज्यादा रही है, वहीं वियतनाम, थाइलैंड और ताइवान की आयात मांग कम रही है। ...... आर एस राणा
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