आर एस राणा
नई दिल्ली। पिछले साल देश में दालों का रिकार्ड उत्पादन हुआ था, जिससे आयात में तो कमी आई लेकिन किसानों को दालें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे भाव पर बेचनी पड़ी थी, जिस कारण किसानों ने दलहन की बुआई कम की जिसका असर उत्पादन पर पड़ा है। फसल सीजन 2018-19 में खाद्यान्न का उत्पादन 28.49 करोड़ टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के लगभग बराबर ही है, लेकिन दालों के उत्पादन में 7.94 फीसदी की कमी आने का अनुमान है। ऐसे में दालों के आयात में बढ़ोतरी होने की आशंका है।कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में खाद्यान्न का उत्पादन 28.49 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल देश में 29.50 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था। गेहूं और चावल का तो रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है लेकिन दालों के उत्पादन में कमी आने की आशंका है।
दालों के उत्पादन में आई कमी
मंत्रालय के अनुसार दालों का उत्पादन चालू फसल सीजन में 234 लाख टन ही होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 254.2 लाख टन से 7.94 फीसदी कम है। दालों की सालाना खपत 240 से 245 लाख टन होती है इसलिए दालों के आयात पर निर्भरता बढ़ने की संभावना है। रबी दलहन की प्रमुख फसल चना का उत्पादन पिछले साल के 113.8 लाख टन से घटकर 101.3 लाख टन ही होने का अनुमान है। इसी तरह से खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर का उत्पादन पिछले साल के 42.9 लाख टन से घटकर 35.9 लाख टन ही होने का अनुमान है। उड़द और मूंग का उत्पादन 32.6 और 23.5 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इनका उत्पादन क्रमश: 34.9 और 20.2 लाख टन का हुआ था। मसूर का उत्पादन पिछले साल के 16.2 लाख टन से घटकर 15.6 लाख टन ही होने का अनुमान है।
गेहूं और चावल का रिकार्ड उत्पादन अनुमान
मंत्रालय के अनुसार चावल का उत्पादन चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार रिकार्ड 11.64 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि पिछले फसल सीजन में इसका उत्पादन 11.27 करोड़ टन का ही हुआ था। इसी तरह से गेहूं का उत्पादन फसल सीजन 2018-19 में रिकार्ड 10.21 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल इसका उत्पादन केवल 9.98 करोड़ टन का ही हुआ था।
मक्का, बाजरा, ज्वार और जौ के उत्पादन अनुमान में कमी
मोटे अनाजों में मक्का का उत्पादन घटकर 272.3 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल मक्का का 287.5 लाख टन का उत्पादन हुआ था। बाजरा का उत्पादन भी पिछले साल के 92.1 लाख टन से घटकर 86.1 लाख टन ही होने का अनुमान है। ज्वार का उत्पादन भी चालू फसल सीजन 2018-19 में घटकर 37.6 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 48 लाख टन का हुआ था। जौ का उत्पादन भी पिछले साल के 17.8 लाख टन से घटकर 17.5 लाख टन ही होने का अनुमान है।
सोयाबीन और सरसों का उत्पादन ज्यादा, मूंगफली का कम
मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार तिलहन का उत्पादन फसल सीजन 2018-19 में बढ़कर 322.57 लाख टन होने का अनुमान जबकि इसके पिछले साल इनका उत्पादन 314.59 लाख टन का ही हुआ था। खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन का उत्पादन चालू फसल सीजन में बढ़कर 137.86 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 109.33 लाख टन का ही हुआ था। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों का उत्पादन भी पिछले साल के 84.30 लाख टन से बढ़कर 93.39 लाख टन होने का अनुमान है। हालांकि मूंगफली का उत्पादन फसल सीजन 2018-19 में घटकर 66.95 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल इसका उत्पादन 92.53 लाख टन का हुआ था। केस्टर सीड का उत्पादन भी पिछले साल के 15.68 लाख टन से घटकर 12.15 लाख टन ही होने का अनुमान है।
कपास और जूट के उत्पादन अनुमान में कमी
कपास का उत्पादन फसल सीजन 2018-19 में 12.50 फीसदी घटकर 287.08 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलोग्राम) ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 328.05 लाख टन गांठ कपास का उत्पादन हुआ था। जूट का उत्पादन भी पिछले साल के 95.91 लाख गांठ (एक गांठ-180 किलोग्राम) से घटकर 93.49 लाख गांठ ही होने का अनुमान है। गन्ने का उत्पादन फसल सीजन 2018-19 में 4,001.57 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन केवल 3,799.05 लाख टन का ही हुआ था।......... आर एस राणा
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