आर एस राणा
नई दिल्ली। सस्ते खाद्य तेलों के आयात से केंद्र सरकार किसको फायदा पहुंचाना चाहती है। सरकार ने पैराग्वे से 10 फीसदी के आयात शुल्क पर 30 हजार सोया तेल के आयात की मंजूरी दी है, जबकि सोया तेल के आयात पर 35 फीसदी आयात शुल्क है।
विदेश व्यापार महानिदेशलय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पैराग्वे से 10 फीसदी के आयात शुल्क पर 30 हजार सोया तेल का आयात किया जायेगा। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के उपाध्यक्ष नरेश गोयनका ने बताया कि सोया तेल के आयात पर 35 फीसदी आयात शुल्क है जबकि सरकार ने पैराग्वे से 10 फीसदी के आयात शुल्क पर आयात को मंजूरी दी है। इसका असर घरेलू बाजार में खाद्य तेलों और तिलहन की कीमतों पर पड़ेगा।
उत्पादक मंडियों में तिलहन के भाव एमएसपी से नीचे
सस्ते आयात के कारण उत्पादक राज्यों की मंडियों में तिलहन के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के भाव 3,650 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि केंद्र सरकार ने सोयाबीन का एमएसपी 3,710 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। इसी तरह से सरसों के भाव उत्पादक मंडियों में 3,800 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि सरसों का एमएसपी 4,200 रुपये प्रति क्विंटल है।
जुलाई में 26 फीसदी ज्यादा हुआ था खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात
उद्योग के अनुसार खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात जुलाई में 26 फीसदी बढ़कर 14,12,001 टन का हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई में आयात 11,19,538 टन का हुआ था। चालू तेल वर्ष 2018-19 (नवंबर-18 से अक्टूबर-19) के पहले 9 महीनों नवंबर से जुलाई के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 5 फीसदी बढ़कर 112,80,972 टन का हुआ है जबकि इसके पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 107,66,076 टन का ही हुआ था। चालू तेल वर्ष के पहले 9 महीनों में 108,03,777 टन का खाद्य तेलों का और 4,77,195 टन का अखाद्य तेलों का आयात हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष में 104,54,489 टन खाद्य तेलों का तथा 3,11,587 टन अखाद्य तेलों का आयात हुआ था।........... आर एस राणा
नई दिल्ली। सस्ते खाद्य तेलों के आयात से केंद्र सरकार किसको फायदा पहुंचाना चाहती है। सरकार ने पैराग्वे से 10 फीसदी के आयात शुल्क पर 30 हजार सोया तेल के आयात की मंजूरी दी है, जबकि सोया तेल के आयात पर 35 फीसदी आयात शुल्क है।
विदेश व्यापार महानिदेशलय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पैराग्वे से 10 फीसदी के आयात शुल्क पर 30 हजार सोया तेल का आयात किया जायेगा। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के उपाध्यक्ष नरेश गोयनका ने बताया कि सोया तेल के आयात पर 35 फीसदी आयात शुल्क है जबकि सरकार ने पैराग्वे से 10 फीसदी के आयात शुल्क पर आयात को मंजूरी दी है। इसका असर घरेलू बाजार में खाद्य तेलों और तिलहन की कीमतों पर पड़ेगा।
उत्पादक मंडियों में तिलहन के भाव एमएसपी से नीचे
सस्ते आयात के कारण उत्पादक राज्यों की मंडियों में तिलहन के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के भाव 3,650 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि केंद्र सरकार ने सोयाबीन का एमएसपी 3,710 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। इसी तरह से सरसों के भाव उत्पादक मंडियों में 3,800 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि सरसों का एमएसपी 4,200 रुपये प्रति क्विंटल है।
जुलाई में 26 फीसदी ज्यादा हुआ था खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात
उद्योग के अनुसार खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात जुलाई में 26 फीसदी बढ़कर 14,12,001 टन का हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई में आयात 11,19,538 टन का हुआ था। चालू तेल वर्ष 2018-19 (नवंबर-18 से अक्टूबर-19) के पहले 9 महीनों नवंबर से जुलाई के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 5 फीसदी बढ़कर 112,80,972 टन का हुआ है जबकि इसके पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 107,66,076 टन का ही हुआ था। चालू तेल वर्ष के पहले 9 महीनों में 108,03,777 टन का खाद्य तेलों का और 4,77,195 टन का अखाद्य तेलों का आयात हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष में 104,54,489 टन खाद्य तेलों का तथा 3,11,587 टन अखाद्य तेलों का आयात हुआ था।........... आर एस राणा
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