आर एस राणा
नई दिल्ली। पश्चिम महाराष्ट्र में बाढ़ से 4.20 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों को नुकसान होने की आशंका है। राज्य सरकार के अनुसार बाढ़ से करीब 3,500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है, जिससे राज्य के करीब 10.50 लाख किसान प्रभावित हुए हैं।
राज्य सरकार के कृषि निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आउटलुक को बताया कि बाढ़ से सबसे गन्ना, धान, मक्का, के साथ ही ज्वार और बाजरा के अलावा सब्जियों के साथ ही बागवानी फसलों को भी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित कोल्हापुर, सांगली और सतारा में गन्ने के साथ ही अंगूर का उत्पादन ज्यादा होता है इसलिए गन्ने के साथ ही अंगूर की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अंगूर की फसल में बीमारी लगने का डर है, इसलिए प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को इसके लिए जागरुक किया जा रहा है। चालू खरीफ में राज्य में गन्ने की बुआई घटकर पहले ही 8.40 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 11 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी।
बाढ़ से राज्य के 10.50 लाख किसान प्रभावित
उन्होंने बताया कि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ फसलों को करीब 3,500 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। पहले की तुलना में बाढ़ की स्थिति में सुधार तो हुआ है लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। अत: स्थिति सामान्य होने के बाद नुकसान का आंकड़ा बढ़ भी सकता है। उन्होंने बताया कि बीमा कंपनियों ने फसलों को हुए नुकसान का आकलन करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ से कोल्हापुर, सांगली, सतारा, ठाणे, पुणे, नासिक, पालघर, रत्नागिरि, रायगढ़ और सिंधुदुर्ग जिलों में 10.50 लाख किसानों की फसलें प्रभावित हुई है।
मध्य महाराष्ट्र में औसत से 70 फीसदी ज्यादा हुई बारिश
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार अगस्त में राज्य में बारिश सामान्य से 32 फीसदी ज्यादा हुई है, इस दौरान सामान्यत: 685.8 मिलीमीटर बारिश होती है, जबकि पहली अगस्त से 14 अगस्त तक राज्य में 902.3 फीसदी बारिश हुई है। मध्य महाराष्ट्र में इस दौरान बारिश सामान्य से 70 फीसदी ज्यादा हुई है। मध्य महाराष्ट्र पहली अगस्त से 14 अगस्त तक सामान्यत: 503.6 फीसदी बारिश होती है जबकि चालू खरीफ में 857.5 फीसदी बारिश हुई है। हालांकि मराठवाड़ा में अभी भी बारिश सामान्य से 20 फीसदी कम हुई है।
राज्य सरकार ने केंद्र से मांगे 6,813 करोड़ रुपये
महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 6,813 करोड़ रुपये मांगे हैं। इनमें से 2,088 करोड़ रुपये फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को देने के लिए मांगे गए हैं। राज्य सरकार ने आपदा का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों की एक उपसमिति बनाने का भी फैसला किया है। यह उपसमिति मदद नियमावली तय करेगी। इसकी बैठक सप्ताह में एक बार होगी। ..... आर एस राणा
नई दिल्ली। पश्चिम महाराष्ट्र में बाढ़ से 4.20 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों को नुकसान होने की आशंका है। राज्य सरकार के अनुसार बाढ़ से करीब 3,500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है, जिससे राज्य के करीब 10.50 लाख किसान प्रभावित हुए हैं।
राज्य सरकार के कृषि निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आउटलुक को बताया कि बाढ़ से सबसे गन्ना, धान, मक्का, के साथ ही ज्वार और बाजरा के अलावा सब्जियों के साथ ही बागवानी फसलों को भी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित कोल्हापुर, सांगली और सतारा में गन्ने के साथ ही अंगूर का उत्पादन ज्यादा होता है इसलिए गन्ने के साथ ही अंगूर की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अंगूर की फसल में बीमारी लगने का डर है, इसलिए प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को इसके लिए जागरुक किया जा रहा है। चालू खरीफ में राज्य में गन्ने की बुआई घटकर पहले ही 8.40 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 11 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी।
बाढ़ से राज्य के 10.50 लाख किसान प्रभावित
उन्होंने बताया कि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ फसलों को करीब 3,500 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। पहले की तुलना में बाढ़ की स्थिति में सुधार तो हुआ है लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। अत: स्थिति सामान्य होने के बाद नुकसान का आंकड़ा बढ़ भी सकता है। उन्होंने बताया कि बीमा कंपनियों ने फसलों को हुए नुकसान का आकलन करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ से कोल्हापुर, सांगली, सतारा, ठाणे, पुणे, नासिक, पालघर, रत्नागिरि, रायगढ़ और सिंधुदुर्ग जिलों में 10.50 लाख किसानों की फसलें प्रभावित हुई है।
मध्य महाराष्ट्र में औसत से 70 फीसदी ज्यादा हुई बारिश
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार अगस्त में राज्य में बारिश सामान्य से 32 फीसदी ज्यादा हुई है, इस दौरान सामान्यत: 685.8 मिलीमीटर बारिश होती है, जबकि पहली अगस्त से 14 अगस्त तक राज्य में 902.3 फीसदी बारिश हुई है। मध्य महाराष्ट्र में इस दौरान बारिश सामान्य से 70 फीसदी ज्यादा हुई है। मध्य महाराष्ट्र पहली अगस्त से 14 अगस्त तक सामान्यत: 503.6 फीसदी बारिश होती है जबकि चालू खरीफ में 857.5 फीसदी बारिश हुई है। हालांकि मराठवाड़ा में अभी भी बारिश सामान्य से 20 फीसदी कम हुई है।
राज्य सरकार ने केंद्र से मांगे 6,813 करोड़ रुपये
महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 6,813 करोड़ रुपये मांगे हैं। इनमें से 2,088 करोड़ रुपये फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को देने के लिए मांगे गए हैं। राज्य सरकार ने आपदा का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों की एक उपसमिति बनाने का भी फैसला किया है। यह उपसमिति मदद नियमावली तय करेगी। इसकी बैठक सप्ताह में एक बार होगी। ..... आर एस राणा
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