आर एस राणा
नई
दिल्ली। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 6.5 लाख टन दालों
के आयात को मंजूरी दे दी है। मूंग और उड़द के डेढ़-डेढ़ लाख टन आयात को,
और अरहर के दो लाख टन तथा मटर का डेढ़ लाख टन आयात करने की मंजूरी दी गई
है।
केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार चालू वित्त
वर्ष 2019-20 के लिए डेढ़ लाख टन मूंग का आयात आयातकों के माध्यम से किया
जा सकेगा, इसके अलावा केंद्र सरकार ने जो अनुबंध किए है उसका आयात होगा।
उड़द के आयात की अनुमति भी चालू वित्त वर्ष के लिए डेढ़ लाख, अरहर के आयात
के आयात की 2 लाख टन की मात्रा तय की गई, इसके अलावा केंद्र सरकार ने जो
अनुबंध अरहर आयात के केंद्र स्तर पर किए है, वह भी आयात होगा। सूत्रों के
अनुसार केंद्र सरकार ने मौजाम्बिक से 2 लाख टन के आयात अनुबंध किए हुए हैं।
ऐसे में अरहर का आयात 4 लाख टन हो जायेगा। सरकार ने मटर के डेढ़ लाख टन के
आयात की अनुमति दी है, जोकि वित्त वर्ष 2018-19 के एक लाख से ज्यादा है।
उत्पादक मंडियों में भाव समर्थन मूल्य से नीचे
कर्नाटक
की गुलबर्गा मंडी के दालों के कारोबारी सी एस नादर ने बताया कि मंडी में
अरहर के भाव 5,000 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल हैं, जबकि केंद्र सरकार ने
अरहर का समर्थन मूल्य 5,675 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। दिल्ली
के लारेंस रोड़ के दलहन व्यापारी राधाकिशन गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में
चना के भाव 4,300 से 4,400 रुपये प्रति क्विंटल और मध्य प्रदेश तथा
राजस्थान की मंडियों में 4,000 से 4,100 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
केंद्र सरकार ने चना का समर्थन मूल्य पर चालू रबी के लिए 4,620 रुपये प्रति
क्विंटल तय किया हुआ है।
सरकारी सख्ती के बावजूद बढ़ा आयात
केंद्र
सरकार ने दलहन आयात पर सख्ती करते हुए वित्त वर्ष 2018-19 के लिए
डेढ़-डेढ़ लाख टन मूंग और उड़द तथा एक लाख टन मटर के साथ 2 लाख टन अरहर के
आयात सीमा तय की थी। इसके अलावा चना के आयात पर 60 फीसदी और मसूर के आयात
पर 30 फीसदी आयात शुल्क लगाया था। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के
अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 के पहले दस महीनों अप्रैल से जनवरी तक 21 लाख टन
दालों का आयात हुआ।
रिकार्ड उत्पादन का अ
नुमान
कृषि
मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू फसल सीजन 2018-19 में
दालों का रिकार्ड 240.2 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले फसल
सीजन में 239.5 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था...... आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें