आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2019-20 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)
पर गेहूं की सरकारी खरीद 62.80 फीसदी पिछड़ कर 70.10 लाख टन ही हुई है जबकि
पिछले रबी सीजन की समान अवधि में 188.49 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी।
भारतीय
खाद्य निगम (एफसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार गेहूं के उत्पादक
राज्यों में अप्रैल में हुई बेमौसम बारिश से आवक में देरी हुई है, जिस कारण
सरकारी खरीद धीमी गति से हुई है। उन्होंने बताया कि उत्पादक राज्यों में
मौसम साफ है इसलिए आगे दैनिक आवक बढ़ेगी, जिससे खरीद में भी तेजी आयेगी।
अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा हरियाणा से 38.68 लाख टन गेहूं खरीदा
गया है, हालांकि पिछले साल राज्य से इस समय तक 66.08 लाख टन की खरीद हो
चुकी थी।
पंजाब, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से खरीद पिछे
पंजाब
से चालू रबी में अभी तक समर्थन मूल्य पर केवल 6.51 लाख टन गेहूं ही खरीदा
गया है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 72.07 लाख टन की खरीद हो चुकी
थी। पंजाब से खरीद का लक्ष्य 125 लाख टन का है। मध्य प्रदेश से चालू रबी
में 18.88 लाख टन गेहूं की खरीद ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 34.32
लाख टन की खरीद हो चुकी थी। उत्तर प्रदेश से चालू रबी में 3.70 लाख टन
गेहूं ही खरीदा गया है जबकि पिछले रबी की समान अवधि में 9.47 लाख टन की
खरीद हो चुकी थी।
राजस्थान से भी खरीद पिछड़ी
राजस्थान
से चालू रबी में एमएसपी पर 2.22 लाख टन गेहूं ही खरीदा गया है, जबकि पिछले
रबी की समान अवधि में राज्य से 6.14 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी।
अन्य राज्यों में उत्तराखंड से 2,799 टन, चंडीगढ़ से 3,470 टन और गुजरात से
2,892 टन गेहूं ही खरीदा गया है।
उत्पादन अनुमान ज्यादा
केंद्र
सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2019-20 में समर्थन मूल्य पर 357 लाख टन
गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले रबी में 357.92 लाख टन
गेहूं की खरीद हुई थी। कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार
चालू रबी में गेहूं का उत्पादन बढ़कर 991.2 लाख टन होने का अनुमान है जबकि
पिछले रबी में 971.1 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
गेहूं का समर्थन मूल्य 1,840 रुपये
चालू
रबी विपणन सीजन के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य
(एमएसपी) बढ़ाकर 1,840 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि पिछले रबी
में गेहूं की खरीद 1,735 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की गई थी।............... आर एस राणा
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