आर एस राणा
नई
दिल्ली। गेहूं किसानों को राहत देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने गेहूं
की खरीद का लक्ष्य 50 लाख टन से बढ़कर 55 लाख टन कर दिया है। राज्य के
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अनुसार सरकार ने खरीद प्रक्रिया की राह
में चुनावी बाधा नहीं आने देने का इंतजाम किया है। विभाग के अनुसार
जिलाधिकारियों को नियमित खरीद की समीक्षा और उपाय करने के निर्देश दिए गए
हैं।
भारत सरकार के खाद्य सचिव की अध्यक्षता में राज्यों के
खाद्य सचिवों की बैठक में राज्य से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 50
लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया था, लेकिन राज्य सरकार ने इसको
बढ़ाकर 55 लाख टन कर दिया है। चालू रबी विपणन सीजन 2019-20 के लिए केंद्र
सरकार ने गेहूं का एमएसपी 1,840 रुपये प्रति क्विंटल किया हुआ है जबकि
पिछले रबी विपणन सीजन में गेहूं का समर्थन मूल्य 1,735 रुपये प्रति क्विंटल
था।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में उत्तर प्रदेश में 350
लाख टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के
अनुसार पिछले रबी सीजन में राज्य से समर्थन मूल्य पर 52.94 लाख टन गेहूं की
खरीद हुई थी। चालू रबी में गेहूं की खरीद के लिए एफसीआई उत्तर प्रदेश में
213 और राज्य की खरीद एजेंसिया 6,000 खरीद केंद्रों के माध्यम से खरीद
करेगी। राज्य में गेहूं की सरकारी खरीद पहली अप्रैल से 15 जून 2019 तक की
जायेगी। एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार राज्य की मंडियों से गेहूं
की खरीद शुरू हो गई है, तथा 12 अप्रैल तक राज्य की मंडियों से समर्थन मूल्य
पर 14,000 टन गेहूं की खरीद हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश की मथूरा
मंडी में गेहूं की दैनिक आवक 2,000 से 2,500 बोरी की हो रही है, लेकिन
सरकार खरीद शुरू नहीं होने के कारण मंडी में गेहूं 1,650 से 1,660 रुपये
प्रति क्विंटल बिक रहा है। माना जा रहा है कि गेहूं की कीमतों में इससे
ज्यादा मंदा नहीं आयेग, आगे सरकारी खरीरद बढ़ेगी जबकि एफसीआई और फ्लोर
मिलों की मांग भी निकलेगी, जिससे गेहूं की कीमतों में मई में तेजी बन सकती
है।........आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें