आर एस राणा
नई
दिल्ली। महाराष्ट्र के जालना जिले के किसान निवरती पाटपूले ने बताया कि
सूखे के कारण पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं। उन्होंने
बताया कि 2,000 लीटर पानी के टेंकर का भाव 400 रुपये से बढ़कर 800 रुपये हो
गया है। सूखे के कारण किसानों की रबी की फसलें सूख गई है। जलाशयों में
पानी है नहीं, जिस कारण खरीफ फसलों की बुवाई पर भी संकट के बादल मंडरा रहे
हैं।
नांनदेड के नरेश गोयनका ने बताया कि शहर में तो पानी मिल भी
जाता है, लेकिन गांव में हालात खराब हैं। कारापोरेशन के नल में पानी 15
दिन के बाद ही आ रहा है, जिस कारण किसानों के साथ मध्यवर्गीय परिवार सरकार
से नाराज हैं। महाराष्ट्र में सूखा प्रभावित मराठवाड़ा के आठ जिलाें
औरंगाबाद, बीड़, हिंगोली, जालना, लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद और परभणी में
लोकसभा के चुनाव में कई दिग्गज अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मराठवाड़ा के इन
जिलों में मुख्य मुकाबला भाजपा-शिव सेना गठबंधन और कांग्रेस एवं
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गठबंधन के साथ ही रिपबल्किन पार्टी आफ
इंडिया ए गठबंधन में है।
मराठवाड़ा के सबसे ज्यादा किसानों ने की है आत्महत्या
किसान
संगठन से जुड़े एक नेता के अनुसार पूरे महाराष्ट्र में पिछले साढ़े चार साल
में करीब 14 हजार किसानों ने आत्महत्याएं की हैं। उनमें से 90% किसान
मराठवाड़ा के इन आठ जिलों से ही थे। सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। दो
साल पहले किसानों ने मुंबई का दूध और सब्जी रोकी तो बात करने को तैयार हुई।
मुख्यमंत्री ने तब 17-18 वादे किए थे लेकिन एक भी पूरा नहीं किया। नांनेदड
लोकसभा सीट से कांग्रेस ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को
मेदान में उतारा है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रतापराव चिखलिकर
को खड़ किया है। नरेश गोयनका ने बताया कि इस सीट पर कांग्रेस ने लोकसभा
चुनाव 2014 में मोदी लहर के समय में भी जीत दर्ज थी। इस बार भी कांग्रेस की
स्थिति अच्छी है।
पानी की कमी और कृषि मुद्दों से वोटरों को लुभा रही है कांग्रेस
जालना
लोकसभा चुनाव क्षेत्र से भाजपा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब दानवे
को मैदान में उतारा है, दानवे 1999 से ही जालना संसदीय क्षेत्र से जीत रहे
हैं लेकिन कांग्रेस पानी की कमी और कृषि मुद्दों के माध्यम से वोटरों को
लुभा रही है। मुख्य मुकाबला भाजपा के दानवे और कांग्रेस के विलास औताडे के
बीच होने की संभावना है। औताडे अंतिम बार 1991 में इस सीट से चुनाव जीते
थे। बीड लोकसभा सीट से भाजपा ने दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम मुंडे
को चुनाव मैदान में उतारा है तो वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
(एनसीपी) ने बजरंग मनोहर सोनवणे को टिकट दिया है। जानकारों के अनुसार बीड
में पलायन बड़ी समस्या है।
लातूर में भीषण जलसंकट
मराठवाड़ा
की एक अहम लोकसभा सीट है लातूर है, इस सीट पर 24 साल तक शिवराज पाटिल का
राज रहा लेकिन इस सीट से भाजपा के मौजूदा सांसद डॉक्टर सुनील गायकवाड़ हैं,
हालांकि 2019 के चुनावों में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है। पार्टी ने
इस बार सुधाकर श्रृंगारे को टिकट दिया है वहीं, कांग्रेस ने मच्छिंद्र कामत
को मैदान में उतारा है। इस सीट का महत्व यह है कि दो दिन पहले यहां
प्रधानमंत्री ने भी रैली की थी। लातूर भीषण जलसंकट से जूझ रहा है।
कांग्रेस ने शिवसेना के पिछले चुनाव में हारे हुए वानखेड़े को दिया टिकट
परभणी
व हिंगोली दोनों पिछड़े इलाके हैं। हिंगोली में कांग्रेस के राजीव सातव
सांसद है जोकि चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। शिवसेना ने पिछली बार हारे सुभाष
वानखेड़े को दोबारा मौका नहीं देकर हेमंत पाटिल को प्रत्याशी बनाया तो
कांग्रेस ने वानखेड़े को शिवसेना से तोड़ लिया और टिकट भी दे दिया। परभणी
शिवसेना का गढ़ है, बीस सालों से उसका कब्जा है तथा अभी शिवसेना के संजय
जाधव सांसद है, पार्टी ने उन्हें दोबारा खड़ा किया है। एनसीपी ने राजेश
विटेकर रुप में नए चेहरे को उतारा है।
किसानों की समस्याएं हैं बड़ा मुद्दा
किसानों
की समस्याएं यहां सबसे बड़ा मुद्दा है। खेतों में सिंचाई की बात तो दूर,
पीने के लिए भी पानी नहीं है। लातूर और हिंगोली में महिलाओं को दूर-दूर से
पानी लाना पड़ रहा है। मराठवाड़ा का चुनाव मराठा बनाम ओबीसी के बीच है।
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन यहां प्रभावी है तथा लोकसभा चुनाव 2014 में
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता राजू शेट्टी एनडीए के साथ थे लेकिन इस
बार के चुनाव में वह कांग्रेस का साथ दे रहे हैं। ....... आर एस राणा
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