आर एस राणा
नई
दिल्ली। केंद्र सरकार ने दलहन आयात के नियमों को सख्त कर दिया है। अब केवल
दाल मिलें ही आयात कर सकेगी तथा मिलों को आयात के लिए केंद्र सरकार को 30
अप्रैल 2019 तक आवेदन देना होगा, उसके बाद सरकार पात्र मिलों को आयात
लाइसेंस जारी करेगी।
विदेशी व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी)
द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019—20 में केवल दाल
मिलों को ही दलहन के आयात की अनुमति दी जायेगी, इसके लिए मिलों को केंद्र
सरकार से आयात के लाइसेंस लेने के लिए 30 अप्रैल 2019 तक आवेदन करना होगा।
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने आयातित दालों की जमाखोरी को रोकने के
लिए यह कदम उठाया है।
उत्पादक मंडियों में भले ही किसानों को
दालें समर्थन मूल्य से नीचे बेचनी पड़ रही है, इसके बावजूद केंद्र सरकार ने
चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 6.5 लाख टन दालों के आयात को मंजूरी दी
हुई है। चालू वित्त वर्ष के लिए मूंग और उड़द के डेढ़-डेढ़ लाख टन आयात को,
और अरहर के दो लाख टन तथा मटर के डेढ़ लाख टन आयात करने की मंजूरी दी गई
है।
अरहर, उड़द, मूंग और मटर के आयात की मात्रा तय
केंद्र
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए
डेढ़ लाख टन मूंग का आयात आयातकों के माध्यम से किया जा सकेगा, इसके अलावा
केंद्र सरकार ने जो अनुबंध किए है उसका आयात होगा। उड़द के आयात की अनुमति
भी चालू वित्त वर्ष के लिए डेढ़ लाख, अरहर के आयात के आयात की 2 लाख टन की
मात्रा तय की गई, इसके अलावा केंद्र सरकार ने जो अनुबंध अरहर आयात के
केंद्रीय स्तर पर किए है, वह भी आयात होगा। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार
ने मौजाम्बिक से 2 लाख टन के आयात अनुबंध किए हुए हैं। ऐसे में अरहर का
आयात 4 लाख टन हो जायेगा। सरकार ने मटर के डेढ़ लाख टन के आयात की अनुमति
दी है, जोकि वित्त वर्ष 2018-19 के एक लाख से ज्यादा है।
समर्थन मूल्य से नीचे बिक रहा है चना और मसूर
उत्पादक
मंडियों में रबी दलहन की प्रमुख चना और मसूर समर्थन मूल्य से नीचे बिक रही
है। दलहन कारोबारी राधाकिशन गुप्ता ने बताया कि उत्पादक मंडियों में चना
के भाव 4,000 से 4,100 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि केंद्र सरकार ने चना
का समर्थन मूल्य 4,620 रुपये रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। इसी तरह
से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की मंडियों में मसूर 3,800 से 3,900 रुपये
प्रति क्विंटल बिक रही है जबकि मसूर का समर्थन मूल्य 4,475 रुपये प्रति
क्विंटल है।
बीते वित्त वर्ष में रोक के बावजूद आयात हुआ था ज्यादा
वित्त
वर्ष 2018-19 के लिए केंद्र सरकार ने उड़द और और मूंग के आयात की सीमता
डेढ़-डेढ़ लाख टन, और मटर के आयात की मात्रा एक लाख टन तथा अरहर के आयात
सीमा तय की थी। इसके अलावा चना के आयात पर 60 फीसदी और मसूर के आयात पर 30
फीसदी आयात शुल्क लगाया था। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार
वित्त वर्ष 2018-19 के पहले दस महीनों अप्रैल से जनवरी तक ही 21 लाख टन
दालों का आयात हो चुका है।
दालों की रिकार्ड पैदावार का अनुमान
कृषि
मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू फसल सीजन 2018-19 में
दालों का रिकार्ड 240.2 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले फसल
सीजन में 239.5 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। देश में दालों की सालाना खपत
भी 240 से 245 लाख टन की ही होती है।...... आर एस राणा
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