आर एस राणा
नई
दिल्ली। वित्त वर्ष 2018-19 में डीओसी के निर्यात में 6 फीसदी की बढ़ोतरी
होकर कुल निर्यात 32,05,768 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष में इनका
निर्यात 30,26,628 टन का हुआ है। इस दौरान सरसों डीओसी का निर्यात बढ़कर
10,51,869 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसका निर्यात केवल
6,63,988 टन का ही हुआ था।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ
इंडिया (एसईए) के अनुसार इस दौरान ईरान एक बड़े आयातक के रुप में उभरा है।
ईरान ने वित्त वर्ष 2018-19 में पांच लाख टन सोया डीओसी का आयात किया है,
जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में केवल 23,000 टन का ही आयात किया था। वित्त
वर्ष 2018-19 के मार्च महीने में डीओसी के निर्यात में एक फीसदी की बढ़ोतरी
होकर कुल निर्यात 2,63,817 टन का हुआ है जबकि पिछले साल मार्च में इनका
निर्यात 2,61,308 टन का हुआ था।
मूल्य के हिसाब से निर्यात 31 फीसदी बढ़ा
एसईए
के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में मूल्य के हिसाब से डीओसी का निर्यात 31
फीसदी बढ़कर 6,221.95 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की
समान अवधि में 4,761.80 करोड़ रुपये का हुआ था। थाईलैंड के साथ ही ताइवान
ने वित्त वर्ष 2018-19 में डीओसी का आयात क्रमश: 39.58 और 6.85 फीसदी
ज्यादा किया है जबकि वितयनाम और दक्षिण कोरिया ने क्रमश: 9.84 और 12.22
फीसदी आयात कम किया है।
सोया के साथ ही सरसों डीओसी के भाव बढ़े
मार्च
2019 में सोयाबीन डीओसी के दाम बढ़कर घरेलू बंदरगाह पर 440 डॉलर प्रति टन
हो गया जबकि फरवरी में इसका भाव 435 डॉलर प्रति टन था। सरसों डीओसी का भाव
इस दौरान 218 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 220 डॉलर प्रति टन हो गया।
सोयाबीन की खपत हुई है ज्यादा
सोपा
के अनुसार चालू फसल सीजन में सोयाबीन की खपत अक्टूबर से मार्च तक 56 लाख
टन की हो चुकी है तथा 77 लाख टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ है। पिछले साल इस
समय तक केवल 50 लाख टन की ही खपत हुई थी। सोपा के अनुसार चालू सीजन में
सोयाबीन का उत्पादन 114.83 लाख टन हुआ है जबकि नई फसल के समय 1.50 लाख टन
का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। ...... आर एस राणा
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