आर एस राणा
नई
दिल्ली। हरियाणा के साथ ही पंजाब के गन्रा किसानों का बकाया लोकसभा चुनाव
में सत्तारूढ़ दलों के प्रत्याशियों पर भारी पड़ेगा। हरियाणा की चीनी मिलों
पर चालू पेराई सीजन का करीब 500 करोड़ रुपये और पंजाब की चीनी मिलों पर
किसानों का 1,250 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। बकाया भुगतान को लेकर
पंजाब के साथ ही हरियाणा के किसान भी लामबंद हो रहे हैं।
भारतीय
किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने राज्य की चीनी मिलों द्वारा
गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान नहीं किया जा रहा है, इस संबंध में कई
बार संबंधित अधिकारियों और मंत्रियों से बात हुई है, लेकिन चीनी मिलों
द्वारा बकाया भुगतान में तेजी नहीं लाई जा रही है, जिससे गन्ना किसानों में
राज्य सरकार के खिलाफ रोष है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा बकाया
नारायणगढ़ और भादसों चीनी मिलों करीब 225 करोड़ रुपये है, जबकि इन मिलों के
पास चीनी का स्टॉक भी नहीं है। इसलिए इन मिलों द्वारा बकाया में देरी
होगी। उन्होंने बताया कि बकाया भुगतान में देरी से राज्य के गन्ना किसानों
में राज्य सरकार के खिलाफ रोष है, तथा राज्य के मुख्यमंत्री से भुगतान
कराने की मांग की है।
हरियाणा की जींद सहकारी चीनी मिल में हो चुकी है पेराई बंद
सूत्रों
के अनसुार राज्य की सहकारी चीनी मिलों द्वारा भुगतान में सुधार तो हुआ है,
लेकिन इसके बावजूद भी राज्य की शाहबाद चीनी मिल पर अभी 73 करोड़ रुपये,
रोहतक चीनी मिल पर 62 करोड़ रुपये, पानीपत सहकारी चीनी मिल पर 42 करोड़
रुपये, करनाल चीनी मिल पर 45 करोड़ रुपये और सोनीपत चीनी मिल पर 38 करोड़
रुपये तथा पलवल चीनी मिल पर 39 करोड़ रुपये एवं महम शुगर मिल्स पर 64 करोड़
रुपये बकाया है। हरियाणा स्टेट फेडरेशन आफ कोआपरेटिव शुगर मिल्स लिमिटेड
के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार राज्य की जींद मिल में पेराई बंद हो गई है,
लेकिन बाकि मिलों में पेराई अभी चल रही है। उन्होंने बताया कि राज्य की
सहकारी चीनी मिलों में चीनी का उत्पादन अभी तक पिछले साल की तुलना में कम
हुआ है।
पंजाब की चीनी मिलों पर 1,250 करोड़ से अधिक है बकाया
भारतीय
किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि पंजाब
की चीनी मिलों पर राज्य के किसानों का बकाया 1,250 रुपये से ज्यादा का हो
गया है लेकिन राज्य सरकार बकाया भुगतान में तेजी लाने के लिए कोई कदम नहीं
उठा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य की चीनी मिलें किसानों से 310 रुपये
प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीद रही है, इसमें भी 25 रुपये का भुगतान
राज्य सरकार करेगी। पड़ोसी राज्य हरियाणा की चीनी मिलें 340 रुपये प्रति
क्विंटल की दर से गन्ना खरीद रही है। उन्होंने बताया कि कम भाव पर गन्ना
खरीदने के बावजूद भी राज्य की चीनी मिलों द्वारा भुगतान में देरी की जा रही
है। उन्होंने बताया कि राज्य में चाहे अकाली दल की सरसों हो या फिर
कांग्रेस की सब चीनी मिल मालिकों से मिली हुई है।
तुरंत भुगतान नहीं हुआ तो किसान करेंगे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार
पंजाब
में बकाया भुगतान नहीं होने से गन्ना किसान माझा किसान संघर्ष कमेटी के
बनैर तले आज से फिर आंदोलन पर बैठ गए हैं। माझा किसान संघर्ष कमेटी के एक
नेता के अनुसार गन्ना किसानों को चीनी मिलों द्वारा 285 रुपये और पंजाब
सरकार की तरफ से दिए जाने वाले 25 रुपये के हिसाब से गन्ने का तुरंत भुगतान
नहीं किया गया तो मजबूरन गन्ना किसान को लोकसभा चुनाव का बाहिष्कार करना
पड़ेगा। पंजाब में धूरी की शुगर मिल द्वारा किसानों के करोड़ों रुपये की
गन्ने की अदायगी नहीं किए जाने से खफा किसानों ने धरना-प्रदर्शन किया था। ...... आर एस राणा
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