आर एस राणा
नई
दिल्ली। हरियाणा के सोनीपत जिले के किसान जयकंवार ने दो एकड़ में सरसों
बोई थी, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद नहीं होने के कारण
राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर खरीद का अनुरोध किया है। राजस्थान और
हरियाणा की मंडियों में किसानों को सरसों एमएसपी से 500 से 600 रुपये प्रति
क्विंटल के भाव बेचनी पड़ रही है।
जयकंवार के साथ पंडित अनिल
एवं अन्य सरसों किसानों के साथ मिलकर खरखौदा की एसडीएम श्वेता सुहाग से
मिलकर क्षेत्र के किसानों को सरसों की फसल बेचने में हो रही परेशानी से
अवगत कराया और राज्य के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
दैनिक आवक की तुलना में नाममात्र की हो रही है खरीद
राजस्थान
के कोटा जिले के राजगढ़ गांव के सरसों किसान प्रलाद गुर्जर ने बताया कि
कोटा मंडी में उनकी सरसों 3,400 रुपये प्रति क्विंटल बिकी है, जबकि सरकार
ने सरसों का समर्थन मूल्य 4,200 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
उन्होंने बताया कि मंडी मेें सरसों की सरकारी खरीद तो हो रही है, लेकिन
नाममात्र की। जिस कारण किसानों को समर्थन मूल्य पर से नीचे दाम पर बेचनी
पड़ रही है। खैरथल मंडी के सरसों कारोबारी पुष्कर राज ने बताया कि मंडी में
सरसों की दैनिक आवक 20 से 25 हजार क्विंटल की हो रही है जबकि सरकारी खरीद
मात्र 100 से 200 क्विंटल की ही हो रही है। मंडी में सरसों के भाव 3,400 से
3,600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है।
राजस्थान से उत्पादन के मुकाबले खरीद लक्ष्य कम
नेफेड
ने राजस्थान की मंडियों से एमएसपी पर 14 मार्च से खरीद शुरू हुई थी। राज्य
की मंडियों से 4 अप्रैल तक 8,533 टन सरसों की खरीद ही हुई है। राज्य के
खाद्य मंत्रालय के अनुसार समर्थन मूल्य पर चालू रबी में राज्य से सरसों की
खरीद का लक्ष्य 8.50 लाख टन का है। राजस्थान के कृषि निदेशालय के अनुसार
चालू रबी में राज्य में 35.88 लाख टन सरसों के उत्पादन होने का अनुमान है।
हरियाणा की मंडियों से सरसों की हैफेड के माध्यम से की जा रही है।
सरसों का उत्पादन रिकार्ड होने का अनुमान
कृषि
मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू फसल सीजन 2018-19 में देश
में सरसों का रिकार्ड उत्पादन 83.97 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले
साल 75.40 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। उद्योग ने चालू रबी में 87.50 लाख
टन सरसों का उत्पादन होने का अनुमान जारी किया है।.... आर एस राणा
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